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April 19, 2025

Kota: डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही, मरीज की जगह पिता की कर डाली सर्जरी! 

Kota News: राजस्थान के कोटा में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मरीज की जगह अटेंडेड पिता के हाथ पर चीरा लगा दिया गया। कोटा के मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में डॉक्टर्स द्वारा की गई एक ऐसी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां डॉक्टर्स ने मरीज की जगह अटेंडेंट बन अस्पताल आए शख्स की सर्जरी कर डाली। जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो शख्स के चीरे पर टांके लगाकर उसे ओटी से बाहर बिठा दिया। मामला 12 अप्रैल का ही है, लेकिन अब जाकर शिकायत की गई, जिसके कारण मामले का खुलासा हुआ। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर गहरी चिंता जाहिर की है। गुरुवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भजनलाल सरकार के हालिया फैसलों को लेकर निशाना साधा। साथ में प्रदेश के अस्पतालों की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर भी पूर्व सीएम गहलोत ने चिंता जताई।

अशोक गहलोत ने जताई चिंता

Kota News: अशोक गहलोत ने अपनी पोस्ट में प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि हमारी कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान देश का सबसे बेहतरीन हेल्थ मॉडल स्टेट बन गया था। सबसे ज्यादा इंश्योरेंस कवरेज, सबसे ज्यादा नए PHC, CHC, उपजिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, जिला अस्पताल, रेफरेल हॉस्पिटल, नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, नए डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ की भर्तियां, शानदार कोविड मैनेजमेंट, राइट टू हेल्थ कानून आदि देशभर में चर्चा में रहे। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल से संबंधित रोज आने वाली खबरें राजस्थानियों को शर्मसार करने वाली हैं। सरकारी अस्पतालों में न दवाएं हैं, न इलाज हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सरकारी अस्पतालों में गर्मी से निपटने के लिए कूलर, AC तक नहीं हैं। रखरखाव के लिए पैसा न देने के कारण RUHS जैसे बड़े अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर तक में AC नहीं है। मीडिया में यहां तक खबरें आने लगी हैं कि कहीं मरीज की जगह उनके पिता की सर्जरी की जा रही है, तो कहीं मृतक के शव को सम्मानपूर्वक ले जाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नहीं है।गहलोत ने कहा कि चिकित्सा विभाग से जुड़ी तमाम योजनाओं को भी फ्लैगशिप स्कीमों की सूची से बाहर कर दिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं हैं परन्तु ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

Kota Medical College का ये था पूरा मामला

Kota News: गौरतलब है कि Kota Medical College के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। यहां डॉक्टरों ने मरीज की जगह किसी और मरीज़ के अटेंडेंट पिता को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर सर्जरी शुरू कर दी थी। हालांकि, समय रहते गलती पता चलने से सर्जरी का प्रोसेस पूरा नहीं किया गया। घटना 12 अप्रेल की है, लेकिन बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता के अस्पताल अधीक्षक से शिकायत करने पर मामला उजागर हुआ था।
घटना कोटा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के Cardiothoresus और Vascular Surgery Department की है। यहां एक मरीज के हाथ में Dialysis Fistula बनाने की प्रक्रिया होनी थी। फिस्टुला एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें नसों को जोड़कर एक ऐसा मार्ग बनाया जाता है, जिससे डायलिसिस के दौरान आसानी से रक्त लिया और वापस भेजा जा सके। जिस मरीज की सर्जरी होनी थी, उसका नाम जगदीश था। हैरानी की बात यह रही कि उसी नाम का एक और व्यक्ति, जो कि एक मरीज (अपने बेटे) का अटेंडेंट था, ऑपरेशन थिएटर के बाहर बैठा हुआ था। उसके बेटे का इलाज प्लास्टिक सर्जरी विभाग में चल रहा था। मरीज मनीष ने कहा कि, “मेरा एक्सीडेंट हुआ और मुझे चोट लगी। मैंने अपने पिता को फोन किया। मेरे पिता लकवाग्रस्त हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। शनिवार को मेरा ऑपरेशन होना था, इसलिए मैंने अपने पिता को ऑपरेशन थियेटर के बाहर बैठकर इंतजार करने को कहा। मैं ऑपरेशन थियेटर में था। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन उनके शरीर पर 5-6 टांके लगे हैं। मुझे उस डॉक्टर का नाम याद नहीं है जिसने मेरा ऑपरेशन किया था।”

नाम की समानता बनी गलती की वजह

Kota News: ऑपरेशन थिएटर स्टाफ ने जब सर्जरी के लिए ‘जगदीश’ नाम लेकर पुकारा, तो बाहर बैठे अटेंडेंट जगदीश ने हाथ खड़ा कर दिया। स्टाफ ने बिना पुष्टि किए उसे ही अंदर बुला लिया और ऑपरेशन टेबल पर लिटा दिया। बिना किसी ID Verification या मेडिकल क्रॉसचेक के, उसके हाथ में Fistula बनाने के लिए चीरा लगा दिया गया। सौभाग्यवश, उसी दौरान प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में पहुंचे, जहां उन्होंने देखा कि टेबल पर जो व्यक्ति लेटा है, वह मरीज नहीं बल्कि उसके बेटे का अटेंडेंट है। डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन रुकवाया और सर्जरी किए गए हाथ पर टांके लगवाकर व्यक्ति को बाहर भेजा गया। इसके बाद असली मरीज की सर्जरी की गई। इस लापरवाही की जानकारी जैसे ही कॉलेज प्रशासन को मिली, मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने तुरंत एक जांच कमेटी का गठन किया। उन्होंने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट को इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

अटेंडेंट पैरालाइज्ड था और OT में भी फॉलो नहीं हुआ प्रोसीजर

Kota News: जिस अटेंडर के साथ यह घटना हुई है, वह पैरालाइज्ड है, और ठीक से बोल नहीं पाता है। इसीलिए जब उससे पूछा गया तो वह कुछ भी नहीं बोल पाया और डॉक्टर ने भी प्रोसीजर शुरू कर दिया। दूसरी तरफ ऑपरेशन थिएटर में भी प्रोसीजर फॉलो नहीं हुआ है। OT में मरीज को ले जाने के पहले उसे ओटी की ड्रेस पहनाई जाती है, लेकिन इस मरीज ने ड्रेस भी नहीं पहनी हुई थी। दूसरी तरफ हाथ में Dialysis Fistula बनाने के लिए बाल हटाए जाते हैं और सफाई की जाती है, वह भी नहीं हुई थी। इसके बावजूद भी डॉक्टर ने ध्यान नहीं दिया। हालांकि, यह काफी छोटा प्रोसीजर था लेकिन नियमों का पालन नहीं हुआ। इस घटना ने Medical Colleges और अस्पतालों की लापरवाही का जो नमूना पेश किया है, आम आदमी के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गया है।

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