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Kolkata Court ने 7 माह की बच्ची के अमानवीय Rape केस में सुनाई मौत की सज़ा

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death penalty under Pocso Act
death penalty under pocso act
 
Kolkata Court ने POCSO ACT के अंतर्गत 7 माह की बच्ची के अमानवीय Rape मामले में आरोपी 34 वर्षीय Rajib Ghosh को मौत की सज़ा सुनाई है। Court ने इस अपराध की ‘Rarest Of Rare’ श्रेणी में रखते हुए अपराधी को निर्णयात्मक फैसला देते हुए Rajib Ghosh को 7 माह की बच्ची के Kidnapping और Rape के जुर्म में फांसी की सज़ा सुनाई।

kolkata के फूटपाथ पर सोती बच्ची को किया अगवा

नवंबर 2024 में Kolkata के फूटपाथ पर अपने माता-पिता के साथ सो रही बच्ची को Rajib Ghosh ने अगवा कर लिया। फिर सुनसान जगह पर ले जाकर मासूम के साथ अमानुषिक रूप से शारीरिक शोषण किया और उसे मरणासन्न हालत में वहीं छोड़कर भाग गया। Calcutta पुलिस ने इलाके के सारे CCTV खंगाल डाले ,तब कहीं जाकर घोष को संदिग्ध आरोपी के तौर पर कब्ज़े में लिया। kolkata DCP Dipak Sarkar के अनुसार मौका ए वारदात पर घोष की उपस्थिति और उसके फोन के गूगल मैपिंग डेटा से उसकी लोकैशन का पता चलते ही पुलिस ने उसपर Kidnapping और Rape का चार्ज लगाकर मुकदमा दायर कर दिया।

Rajib Ghosh की अमानवीय हरकत के निशान बच्ची के जिस्म पर

Kolkata Court ने अस्पताल में ज़िंदगी के लड़ती बच्ची को इस हाल में पहुंचाने के लिए Rajib Ghosh को Pocso Act के अंतर्गत दोषी ठहराया। Court में पेश किए गए सबूतों ने अदालत में मौजूद हर किसी को हिला कर रख दिया। बच्ची के चेहरे पर काटने के निशान घोष के दांतों से मैच हुए। बच्ची के कपड़ों पर मौजूद सीमन का DNA प्रोफाइल और बच्ची के शरीर पर पाए गए Blood Samples Rajib Ghosh के Samples से मैच हो गए। Defence Lawyer ने मौत को सज़ा को गलत ठहराते हुए बच्ची के जिंदा होने की दलील दी। कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि अस्पताल में मरणासन्न अवस्था में पड़ी बच्ची के शारीरिक घाव वक्त के साथ भले भर जाएं, लेकिन उसे इस मानसिक अवस्था,जो इस वक्त मृतप्राय ही है, में पहुंचाने के लिए दोषी को मौत से कम सज़ा देना नामुमकिन है।