अगर गर्भवती मां अपने सेहत का ख्याल रखेगी तो उसका होने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा। गर्भावस्था का समय एक मां के जीवन का सबसे कठिन समय होता है।गर्भावस्था के बाद उसे एक स्वस्थ, मजबूत बच्चे को जन्म देने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान मां की देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है। गर्भावस्था के साथ-साथ शिशु के जन्म के बाद के पहले दो साल सबसे अधिक तनावपूर्ण होते हैं। यह अवधि शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सरकार ने गर्भधारण से पहले वाली माताओं और दो साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक योजना बनाई है जिसका नाम वात्सल्य योजना है। Maharashtra में Vatsalya Yojana गर्भावस्था से पहले, प्रसवोत्तर माताओं और दो वर्ष तक के बच्चों को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services in Maharashtra) को मजबूत कर रही है।
महाराष्ट्र में शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए है वात्सल्य योजना
महाराष्ट्र सरकार प्रसव के दौरान शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विभिन्न उपाय योजना लागू कर रही है। साथ ही प्रसव के बाद मातृ एवं शिशु देखभाल के लिए विभिन्न योजनाएं Maharashtra Health Department के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही हैं। नई पहल ‘वात्सल्य’ के तहत महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और बच्चे के दो वर्ष की आयु तक पहुंचने तक सभी आवश्यक गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। साथ ही इस योजना के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है कि बच्चे के दो वर्ष की आयु तक पहुंचने तक सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकों पर यथार्थवादी नजर रखते हुए लाभार्थियों को आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल मिले।
महाराष्ट्र के कुपोषण को दूर करती है वात्सल्य योजना
Maharashtra में कई ऐसे इलाके है जहां आज भी कुपोषण के बड़ी समस्या है जिसका निजात पाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। कई ऐसे पिछड़े और आदिवासी बहुल इलाके है जहां से हम Malnutrition की ख़बरें सुनते रहते है। ऐसे में Maharashtra Vatsalya Yojana ऐसे माताओं और बच्चों के लिए लाभकारी साबित होगा। गौरतलब है कि इस संबंध में हालही में सरकारी आदेश भी जारी कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार की ये पहल निश्चित रूप से पेरेंट्स के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव लाकर जन्म के समय कम वजन और जन्म दोष वाले बच्चों की संख्या को कम करने में मदद करेगी। वात्सल्य पहल की मदद से दंपत्ति और गर्भवती माताओं के आवश्यक जांच करके हाई रिस्क वाली माताओं का निदान भी किया जाएगा। ऐसे दंपत्तियों और गर्भवती माताओं का तुरंत इलाज भी किया जाएगा। जन्म के 1000 दिन तक बच्चों के विकास का आकलन करने के लिए आवश्यक सेवाएं भी ये योजना प्रदान करेगी।
Maharashtra Vatsalya से माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य में हो रहा है सुधार
PreMature Baby यानी समय से पहले और कम वजन वाले शिशुओं की घटनाओं को कम करने के लिए, जन्मजात विकृतियों, प्रसवकालीन मृत्यु दर को कम करने के लिए, स्वस्थ गर्भावस्था और प्रसव के लिए मातृ स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए, गर्भावस्था से पहले मातृ स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान करने और उनका पालन करने के लिए, बच्चे के 1000 दिन के विकास की लगातार निगरानी करने के लिए ये योजना बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना के अपेक्षित लाभार्थी कमजोर वर्ग के वो कपल रहने वाले है जो परिवार नियोजन नहीं कर पाते हैं। इस योजना को लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आईसीडीएस, महिला व बाल कल्याण और आदिवासी विकास विभाग शामिल होंगे।