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August 6, 2025

Khan Sir खोलेंगे बिहार के हर जिले में डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक

The CSR Journal Magazine

Khan Sir News: गरीबों की मदद के लिए उठाया बड़ा कदम

बिहार के युवाओं के चहेते और शिक्षा जगत में चर्चित नाम बन चुके खान सर अब शिक्षा से आगे बढ़कर समाजसेवा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। उन्होंने सावन के अंतिम सोमवार को एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत बिहार के हर जिले में डायलिसिस सेंटर (Dialysis Centre Bihar) और ब्लड बैंक (Blood Bank in Bihar) खोले जाएंगे। यह योजना खासतौर पर गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए तैयार की गई है, जिनके लिए महंगे इलाज का खर्च उठाना संभव नहीं होता।

डायलिसिस मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध

खान सर ने कहा, “हमारा मकसद है कि गरीब मरीजों को डायलिसिस की सुविधा या तो बिल्कुल मुफ्त मिले या बहुत कम कीमत पर।” उन्होंने बताया कि किडनी फेल हो जाने के बाद मरीज को नियमित डायलिसिस की जरूरत होती है, जो आमतौर पर 50-60 हज़ार रुपये प्रति महीने तक का खर्च करता है। इतनी बड़ी रकम गरीब परिवारों के लिए बोझ बन जाती है। उन्होंने बताया कि इस इलाज के दौरान पांच घंटे तक रक्त को मशीन के जरिए शरीर से निकालकर शुद्ध किया जाता है। इलाज महंगा होने के कारण कई गरीब लोग समय पर इलाज नहीं करा पाते, जिससे जान पर बन आती है या संपत्ति बेचनी पड़ती है।

Khan Sir ने समझी बिहार में ब्लड बैंक की जरूरत

खान सर ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के दौरान रक्त की भारी कमी देखी है। उन्होंने कहा, “हमने कई मरीजों को सिर्फ़ रक्त की अनुपलब्धता के कारण मरते देखा है। इसी वजह से हमने ठाना है कि हम एक ऐसा ब्लड बैंक बनाएंगे जो पूरे एशिया के लिए मिसाल बने।” ब्लड बैंक की मशीनें जापान से मंगाई जा रही हैं और उनका उद्घाटन नवरात्रि के पहले दिन किया जाएगा। इस ब्लड बैंक की स्थापना से ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों के मरीजों को रक्त की कमी के कारण हो रही मौतों से बचाया जा सकेगा।

जर्मनी से मंगवाई गईं डायलिसिस मशीनें

खान सर ने बताया कि फिलहाल 10 डायलिसिस मशीनें बिहार पहुंच चुकी हैं और आगे चलकर लगभग 200 मशीनों की व्यवस्था की जाएगी। ये सभी मशीनें जर्मनी से मंगाई गई हैं जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। सावन के अंतिम सोमवार को उन्होंने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर माथे पर त्रिपुंड लगाकर यह घोषणा की। यह उनका एक भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप भी सामने लाया, जिसे लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब सराहा।

“एक जान नहीं, पूरे परिवार को बचाना है”

खान सर ने भारतीय संस्कृति के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा, “भारत में अगर हम एक इंसान की जान बचाते हैं, तो हम सिर्फ एक नहीं बल्कि एक पूरे परिवार को बचाते हैं। एक कमाने वाले की मौत पूरे घर को तोड़ देती है। इसलिए ये पहल सिर्फ स्वास्थ्य सेवा नहीं, एक सामाजिक मिशन है।”

समाज में बन रहे हैं नई उम्मीद की मिसाल

खान सर की इस पहल को लोग समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं। जहां आज भी लाखों गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं, वहीं यह योजना उनके लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है। यह पहल केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है, जो खान सर को सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि समाज के लिए एक मसीहा के रूप में स्थापित करती है।
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