JSW Infrastructure ने 1,212 करोड़ रुपए में JSW समूह की तीन रेल लॉजिस्टिक इकाइयों को खरीदने का समझौता किया है। लेन-देन पूरा होने के बाद ये कंपनियां JSW Infra की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी बन जाएंगी। खरीद को शेयरधारकों और रेल मंत्रालय की मंजूरी मिलना अभी बाकी है। घोषणा के बाद शेयर बाजार में JSW Infra के शेयर में करीब 2 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। विशेषज्ञों के अनुसार यह सौदा कंपनी को इंटीग्रेटेड पोर्ट-टू-रेल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स मॉडल में बड़ी मजबूती देगा।
JSW Infra का बड़ा अधिग्रहण: 1,212 करोड़ में रेल लॉजिस्टिक्स यूनिट्स खरीदीं
JSW इंफ्रास्ट्रक्चर की सब्सिडियरी कंपनी JSW Port Logistics Pvt. Ltd. ने JSW ग्रुप की तीन रेल लॉजिस्टिक कंपनियों को खरीदने के लिए 1,212 करोड़ रुपए का समझौता किया है। इस डील के तहत JSW Rail Infra Logistics, JSW Minerals Rail Logistics और JSW South Rail Logistics का पूरा स्वामित्व (100 प्रतिशत इक्विटी) JSW Port Logistics के पास चला जाएगा। कंपनी ने बताया है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ये तीनों इकाइयां JSW Infrastructure की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी बन जाएंगी। यह सौदा JSW ग्रुप के लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बड़े पुनर्गठन (Corporate Restructuring) की दिशा में उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है।
अभी दो मंजूरियां जरूरी
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह खरीद प्रक्रिया अभी अंतिम चरण में नहीं है। इसके लिए कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी और रेल मंत्रालय की अनुमति मिलना अभी बाकी है। इन मंजूरियों के बाद ही शेयर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होगी।
क्यों उठाया गया यह कदम
JSW Infra तेजी से अपना लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पोर्ट से आगे रेल और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में बढ़ा रही है। रेल यूनिट्स को अपने अधीन लाने से कंपनी को माल परिवहन की लागत कम करने, सप्लाई चेन और पोर्ट ऑपरेशंस में तालमेल बढ़ाने, लॉजिस्टिक्स बिजनेस में विस्तार और रेल-आधारित कार्गो की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे बिजनेस मॉडल पोर्ट ऑपरेशंस से इंटरमोडल लॉजिस्टिक्स मॉडल की ओर शिफ्ट हो सकता है।
तीनों कंपनियों की वित्तीय स्थिति
JSW Rail Infra Logistics
पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 96 करोड़ रुपए का रेवेन्यू,
करीब 10 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ,
तेज वृद्धि दर, कंपनी पहले के मुकाबले परिचालन में मजबूत दिखाई दी।
JSW Minerals Rail Logistics
करीब 31 करोड़ रुपए का रेवेन्यू,
10 करोड़ रुपए के आसपास का शुद्ध लाभ,
नेट वर्थ लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक !
JSW South Rail Logistics
अभी परिचालन शुरू नहीं हुआ!
नेट वर्थ लगभग 14 करोड़ रुपए!
JSW Infrastructure के शेयर पर पड़ा असर
सौदे की घोषणा के बाद JSW Infrastructure का शेयर शुरुआती कारोबार में लगभग 2 फीसदी तक गिर गया। विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक प्रतिक्रिया है और निवेशकों की नजर डील मंजूरियों और भविष्य की रणनीति पर टिकी रहेगी।
कंपनी की रणनीति
JSW Infra पिछले कुछ समय से मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स, प्राइवेट फ्रेट कॉरिडोर और रेल साइडिंग और टर्मिनल विकास जैसी परियोजनाओं में तेजी से निवेश कर रही है। इस डील को उसी विस्तार योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
कंपनी का मौजूदा आधार- मजबूती और विस्तार
JSW Infra अब सिर्फ बंदरगाह (Ports) तक सीमित नहीं रह गई है। उसने अपने आप को एक Integrated Logistics + Ports + Rail + Multimodal Infrastructure कंपनी के रूप में विकसित किया है। हाल के वर्षों में कंपनी की वित्त-सुदृढ़ता (Balance Sheet Strength) में सुधार हुआ है। रिसर्च रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2020-25 के बीच राजस्व (Revenue) और शुद्ध लाभ (Net Profit) दोनों में कम्पाउंड ग्रोथ रही है, साथ ही Debt-to-Equity और ROE / ROCE जैसे वित्तीय मापदंड भी संतोषजनक बने हुए हैं।
नेटवर्क का विस्तार
JSW Infra कंपनी ने अपने नेटवर्क का विस्तार भी तेज किया है। नए मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, रेल-साइडिंग, कंटेनर टर्मिनल, ICD/CFS आदि में निवेश हो रहा है। इसके अलावा, तीसरे पक्ष (Third-Party) कार्गो (Cargo) का हिस्सा, जो कि सिर्फ JSW ग्रुप के लिए नहीं बल्कि बाहरी ग्राहकों के लिए है, भी बढ़ रहा है। यह निर्भरता (Dependency) कम करती है और राजस्व का स्थिर स्रोत बन सकती है। JSW Infra ने सिर्फ ‘पोर्ट ऑपरेटर’ से आगे बढ़कर ‘लॉजिस्टिक्स + मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर’ की ओर अपना दायरा बढ़ाया है, जो दीर्घकाल (Long-Term) में कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
भविष्य के लिए विश्लेषकों का दृष्टिकोण
ब्रोकरेज फर्म Motilal Oswal का अनुमान है कि JSW Infra के शेयर में लगभग 29–33 फीसदी तक का Upside संभावित है। उन्होंने ₹ 360 (या कुछ रिपोर्टों में ₹ 380) को लक्ष्य (Target Price) के रूप में रखा है।
इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि FY25–28 की अवधि में कंपनी का कार्गो वॉल्यूम 13–15 प्रतिशत वार्षिक दर (CAGR) से बढ़ सकता है। साथ ही, राजस्व (Revenue) 24 प्रतिशत CAGR और EBITDA 26 प्रतिशत CAGR तक बढ़ने की संभावना है।
कंपनी का दीर्घकालीन लक्ष्य है कि 2030 तक उनकी कुल पोर्ट और लॉजिस्टिक्स क्षमता लगभग 400 MTPA तक हो जाए (वर्तमान में यह काफी कम है)। यदि यह लक्ष्य पूरा हुआ, तो यह उन्हें भारत के सबसे बड़े निजी लॉजिस्टिक्स + पोर्ट ऑपरेटरों में से एक बना देगा।
लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मॉडल नेटवर्क की मजबूत जरुरत (Infrastructure Push, बढ़ती औद्योगिक गतिविधि, निर्यात-आयात, सप्लाई-चेन) को देखते हुए, JSW Infra को ऑपरेशन विस्तार और Third-Party कार्गो में आगे बढ़ने का लाभ मिल सकता है।
यानी, अगर JSW Infra अपने विस्तार व् योजनाओं को समय पर और प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है तो अगले 3–5 सालों में यह अच्छी ग्रोथ दे सकती है।
किन जोखिमों पर नजर बने रहनी चाहिए
निवेश एवं विस्तार (Capex) की योजना बहुत बड़ी है। अधिक Capex से leverage (कर्ज) भी बढ़ सकता है। यदि आर्थिक परिस्थितियां (रेम्फेरलॉजिस्टिक्स की मांग, वैश्विक आर्थिक मंदी, रसद-मांग में गिरावट) खराब हुईं, तो रिटर्न प्रभावित हो सकते हैं।
लॉजिस्टिक्स और पोर्ट संचालन में कई बाहरी कारक आते हैं, जैसे कि नियम-विनियमन, पर्यावरणीय मंजूरियां, रेल / रोड कनेक्टिविटी, रसद खपत, आदि। यदि किसी भी कड़ी में बाधा आई, तो योजना प्रभावित हो सकती है।
कंपनी पर निर्भरता अभी भी ग्रुप-कम्पनियों (यानी JSW समूह) और कुछ प्रमुख ग्राहकों पर है; अगर इनकी मांग घटे, तो तीसरे पक्ष के कार्गो को पूरी तरह से तौल पर लाना चुनौती हो सकता है।
शेयर बाजार की अस्थिरता और बाहरी आर्थिक-निर्यात दबाव, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आदि जैसे कारक, जो अप्रत्याशित हो सकते हैं।
JSW Infra की डील बड़ा कदम
JSW Infra की यह डील भारत के लॉजिस्टिक्स और रेल-फ्रेट सेक्टर में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। मंजूरियां मिलने के बाद यह सौदा JSW Infra को एक सुव्यवस्थित और इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स कंपनी के रूप में मजबूत स्थिति में ला सकता है।
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