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June 8, 2025

जापान ने विकसित की कृत्रिम कोख़, Baby Pods में बनेंगे बच्चे

 Japan developed Artificial Womb: विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और तकनीक के क्षेत्र में जापान दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। जापान ने पहले भी अपनी खोजों और उपलब्धियों के ज़रिए विश्व में ख़ुद को एक अतिविकसित देश के रूप में स्थापित करने में सफलता पाई है। हाल ही में जापानी वैज्ञानिकों ने कृत्रिम गर्भ (Artificial Womb) तकनीक पर महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस तकनीक से भविष्य में बिना माँ के गर्भ के भी बच्चे का विकास संभव हो सकेगा।
क्या है Artificial Womb या Ectogenesis
विज्ञान के क्षेत्र में हर दिन नई खोजें मानव जीवन को प्रभावित कर रही हैं। ऐसी ही एक उन्नत तकनीक है Ectogenesis, जिसे सरल शब्दों में ‘कृत्रिम गर्भ’ या Artificial Womb कहा जा सकता है। Ectogenesis के द्वारा एक शिशु को मां के गर्भ के बिना भी विकसित किया जा सकता है।
Ectogenesis एक ऐसी जैविक प्रक्रिया है, जिसमें भ्रूण का विकास एक कृत्रिम वातावरण में किया जाता है, न कि किसी स्त्री के गर्भ में। इस प्रक्रिया में एक विशेष प्रकार का Artificial Womb (कृत्रिम गर्भ) प्रयोग किया जाता है, जो पूरी तरह से एक भ्रूण को मां के गर्भ की तरह पोषण, तापमान और सुरक्षा प्रदान करता है।Artificial womb एक ऐसा वैज्ञानिक उपकरण है जिसमें भ्रूण (Embryo) को एक मां के शरीर के बाहर कृत्रिम रूप से विकसित किया जाता है। यह एक पारदर्शी थैली होती है, जिसमें वह सभी सुविधाएं दी जाती हैं जो एक प्राकृतिक गर्भाशय में होती हैं, जैसे कि पोषण, ऑक्सीजन, तापमान और सुरक्षा।
Artificial Womb-Ectogenesis, जापान की खोज
Tokai University और Juntendo University के वैज्ञानिकों ने जानवरों, विशेषकर भेड़ के भ्रूण को Artificial Womb में सफलतापूर्वक विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है। जापानी वैज्ञानिकों ने एक तरल पदार्थ विकसित किया है जो Amniotic fluid (गर्भजल) की तरह काम करता है और भ्रूण को गर्भ से बाहर ज़रूरी पोषण प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में भ्रूण को मशीन से जोड़ा जाता है जो ऑक्सीजन, पोषक तत्व और रक्त प्रवाह का नियंत्रण करती है।
German Scientists ने किया ‘Baby Pods की खोज का दावा
German Scientists Hashem Al-Ghaili एक Molecular Biologist हैं, जिन्होंने Artificial Womb या ‘Baby Pods’ बनाने का दावा किया है। उनकी कंपनी ‘Ectolife’ दुनिया की पहली आर्टिफिशियल बच्चा पैदा करने वाली कंपनी बनेगी। उन्होंने बताया- दुनियाभर के साइंटिस्ट्स ने बीते 50 सालों में इस क्षेत्र में जो भी खोज की है, उन सभी को एक साथ मिलाकर आगे बढ़ाया गया है। ‘Ectolife’ कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि शुरुआत में इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 75 लैब बनाए गए हैं। हर लैब में बच्चों को पैदा करने के लिए 400 ‘Baby Pods’ लगाए गए हैं। इससे मशीन के जरिए 30,000 बच्चे पैदा होंगे। ‘Baby Pod’ एक मशीन है, जिससे गर्भाशय के बिना बच्चा पैदा किया जा सकता है। इस मशीन को किसी महिला के गर्भ की तरह ही डिजाइन किया गया है। इसलिए इसे Artificial Womb भी कहते हैं। ‘Baby Pods कैसे काम करते हैं, इस बात को समझने के लिए ये जानना जरूरी है कि गर्भ में भ्रूण कैसे पलता है।
कैसे आकर लेता है भ्रूण गर्भ में
दरअसल, गर्भ में कोई भ्रूण या Embryo एक Placenta के जरिए मां के शरीर से ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हार्मोन प्राप्त करता है। इस समय बच्चा जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है वह मां के खून में मिल जाता है और बाहर निकल जाता है। गर्भ में भ्रूण के लिए एक निश्चित तापमान और वातावरण भी होता है। ‘Baby Pod’ भी किसी महिला के गर्भ की तरह ही भ्रूण को पलने-बढ़ने में मदद करता है।
Baby Pod या Artificial Womb में क्या है प्रक्रिया
अगर किसी पुरुष को Infertility की समस्या है और कोई महिला मां नहीं बन पा रही तो इस तकनीक का सहारा लिया जा सकेगा। इसके लिए सबसे पहले मशीन में पुरुष के स्पर्म और किसी महिला के एग को मिलाया जाता है। इसके बाद किसी गर्भ की तरह ये Baby Pods काम करना शुरू कर देते हैं।
‘Baby Pod’ में मॉडर्न सेंसर लगाए गए हैं, जिसे एक App से कनेक्ट किया गया है। इस ऐप से मां-बाप रियल टाइम स्किन, धड़कन, टेंपरेचर, हार्टबीट, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, ब्रीदिंग रेट, दिल, दिमाग, किडनी, लिवर और शरीर के बाकी अंगों को मॉनिटर कर सकेंगे। महिला गर्भ की तरह ही इस आर्टिफिशियल गर्भ में भी Amniotic fluid (गर्भजल) डाला जाता है। 9 महीने बाद इस फ्लूइड को निकालने के बाद नवजात को भी मशीन से निकाल लिया जाता है।
Artificial Womb से क्या होंगे फायदे
क्यूंकि Artificial Womb का संचालन पूर्ण रूप से तकनीक द्वारा संचालित होगा, तो गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई जटिलताओं से निपटने में सक्षम होगी। कई बार बच्चे बहुत पहले जन्म लेते हैं, और उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं होते। Artificial womb उन्हें सुरक्षित वातावरण में बड़ा करने का विकल्प दे सकता है। बांझपन (Infertility) का समाधान भी इस प्रक्रिया में आसान होगा। जिन महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कत होती है, उनके लिए यह तकनीक संतान प्राप्ति का एक नया विकल्प है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से महिला को राहत मिल सकती है।
नैतिक सवाल खड़े हो सकते हैं
Artificial Womb की प्रक्रिया में कुछ नैतिक और सामाजिक सवाल खड़े हो सकते है। कई देशों में सामाजिक जीवन व्यवस्था काफ़ी हद तक भावनात्मक रिश्तों और मूल्यों पर आधारित है। जैसे मां और बच्चे का रिश्ता! अब Artificial Womb के ज़रिए जब बच्चा मां की कोख़ से बाहर विकसित और पैदा होगा, तो कुछ जिज्ञासाएं भी जन्म लेंगी। जैसे-
क्या बच्चे का पूरी तरह कृत्रिम विकास प्राकृतिक है? माता और शिशु के भावनात्मक संबंधों का क्या होगा?
क्या यह तकनीक केवल अमीरों के लिए ही उपलब्ध होगी?
धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताऐं इस तकनीक को कैसे स्वीकारेंगी?

Artificial Womb- Baby Pods- भविष्य की दिशा

जापानी वैज्ञानिकों का लक्ष्य है कि आने वाले 10-15 वर्षों में इंसानों के लिए सुरक्षित Artificial Womb विकसित कर लिया जाए। लेकिन इसके लिए सख्त नैतिक दिशा-निर्देश, कानूनी नियम और सामाजिक सहमति ज़रूरी होगी।
जापान की Artificial Womb तकनीक विज्ञान की दुनिया में एक क्रांतिकारी खोज है। यदि इसका उपयोग नैतिकता और न्याय के साथ किया जाए, तो यह न केवल चिकित्सा क्षेत्र में, बल्कि समाज में भी बड़ा बदलाव ला सकती है।

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