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July 19, 2025

प्रशांत किशोर की पसली में लगी चोट, भोजपुर में कार्यक्रम अधूरा छोड़ पहुंचे अस्पताल 

The CSR Journal Magazine
Prashant Kishor: आरा की रैली के दौरान जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई।  सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रचार में जुटे किशोर बिहार की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने और किसी भी पार्टी से गठबंधन न करने का दावा कर चुके हैं।
आरा की एक जनसभा के दौरान जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। तबीयत खराब होने के चलते उन्हें बीच सभा से ही जाना पड़ा। प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी पार्टी जन सुराज के प्रचार में सक्रिय हैं। उन्होंने दावा किया है कि बिहार की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे और चुनाव से पहले या बाद में किसी भी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेंगे।

जनता को बिना संबोधित किये निकले प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर बिहार विधासनभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से रैली कर रहे हैं। शुक्रवार को भोजपुर में रैली करने पहुंचे प्रशांत किशोर के सीने में अचानक दर्द होने लगा जिसके कारण वो मंच पर आये, बैठे, लेकिन दर्द के कारण सभा को संबोधित किये बिना वहां से निकल गए। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को अपने रोड शो के दौरान पसलियों में चोट लग गई। चोट लगने के बाद उन्हें पार्टी के मंच पर लाया गया। उनकी पार्टी के नेताओं का कहना है कि रोड शो के दौरान शुक्रवार को भोजपुर जिले में प्रशांत किशोर को एक महिला को बचाने के क्रम में उनकी पसलियों (Curved Shaped Rib Cage) में चोट आई है। दरअसल हुआ यूं कि प्रशांत किशोर जैसे ही आरा के रमना मैदान में पहुंचे, उनसे मिलने के लिए समर्थकों की भीड़ उनकी गाडी की ओर बढ़ी। इस दरमियान एक महिला गाडी के गेट के बीच आ गई और उसे बचाने की कोशिश में प्रशांत किशोर चोटिल हो गए।

डॉक्टरों ने बताया स्थिति नियंत्रण में

आरा के डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रशांत किशोर की स्थिति फिलहाल कंट्रोल में है। स्कैन कराया गया है और नतीजे सामान्य हैं। मामूली सतही चोट थी, जिसके लिए दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स दिए गए हैं और उन्हें आराम की जरुरत है। वही पटना में उनका इलाज कर रहे मेडिवर्सल अस्पताल के डॉ. कामरान ने बताया कि वह एक रैली के दौरान कार के दरवाज़े के पास खड़े थे। भीड़ उमड़ पड़ी और दरवाज़े से टकरा गई। एक महिला को गिरने से बचाने के दौरान गेट उनकी छाती में लगा। उनके सॉफ्ट टिश्यू में चोट आई है और यह हड्डी की चोट नहीं है। सीटी स्कैन पूरी तरह से सामान्य है। आराम, बर्फ की पैकिंग और कुछ दवाओं से वह ठीक हो जाएंगे। उन्हें मुश्किल से एक या दो दिन आराम की जरुरत है।

दूसरी बार हुए घायल

जन सुराज के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा, “प्रशांत किशोर अपनी गाड़ी में चलते हैं, मेरी गाड़ी उनके ठीक पीछे थी लेकिन उनको ये आदत है कि जब भीड़ ज़्यादा हो जाती है और लोग मिलने लगते हैं, तो वो गाड़ी का दरवाजा आधा खोलकर बाहर की तरफ थोड़ा झुक जाते हैं। इससे दरवाजे का दबाव शरीर पर पड़ता है, पसलियों पर असर पड़ता है और चोट लग जाती है। पहले भी एक बार ऐसा ही हो चुका है। पिछली बार तो पसली टूट गई थी।

प्रशांत किशोर की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही

प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार भर में राज्यव्यापी पदयात्रा पर हैं। उनका राजनीतिक संगठन, जन सुराज, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। उनकी रैलियां विभिन्न क्षेत्रों से भारी भीड़ खींच रही हैं। हाल ही में, पार्टी ने पूर्व भाजपा सांसद उदय सिंह को अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि प्रशांत किशोर ने पार्टी में कोई औपचारिक पद ग्रहण नहीं करने का फैसला किया है। अब तक, किशोर 665 दिनों की पदयात्रा पूरी कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने 2,697 गांवों, 235 ब्लॉकों और 1,319 पंचायतों का दौरा किया है और ज़मीनी स्तर पर लोगों से संवाद किया है।

मतदाता सूची संशोधन को साजिश बताया

इससे पहले, 16 जुलाई को किशनगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रशांत किशोर ने मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की कड़ी आलोचना की और इसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘साज़िश’ बताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जन सुराज उन लोगों के साथ खड़ा रहेगा जिनके नाम मतदाता सूची से गलत तरीके से हटा दिए गए हैं।
गौरतलब है कि किशोर की नौ महीने पुरानी पार्टी बिहार के मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। एक ऐसा समुदाय,  जो पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़ा रहा है। उन्होंने राजद पर भी तीखा तंज कसा, परोक्ष रूप से उसके लालटेन चुनाव चिन्ह का हवाला देते हुए कहा, “राजद ने मुसलमानों को लालटेन जलाने के लिए मिट्टी के तेल से ज़्यादा कुछ नहीं समझा। लेकिन इस समुदाय ने बहुत कुछ सहा है।”

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