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November 5, 2025

जयपुर का सब्ज़ीवाला बना करोड़पति, उधार के पैसों से ख़रीदी लॉटरी ने बदली किस्मत

The CSR Journal Magazine
जयपुर कोटपूतली के सब्ज़ी विक्रेता अमित सेहरा ने दोस्त से एक हज़ार ₹ उधार लेकर खरीदा था टिकट, जीत गया 1 करोड़ की धनराशि ! अब परिवार के सपनों को मिलेंगे पंख !

उधार के पैसे से खरीदी लॉटरी, सब्ज़ी विक्रेता की चमकी किस्मत

कहते हैं किस्मत कब बदल जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के जयपुर ज़िले के कोटपूतली क्षेत्र में सब्ज़ी का ठेला लगाने वाले अमित सेहरा की ज़िंदगी में ऐसा ही चमत्कार हुआ। रोज़मर्रा की मुश्किल ज़िंदगी जीने वाले अमित ने पंजाब स्टेट दीवाली बंपर लॉटरी 2025 में पहला पुरस्कार जीतकर ₹11 करोड़ अपने नाम कर लिए।
जानकारी के अनुसार अमित के पास लॉटरी टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने अपने दोस्त मुकेश से ₹1,000 उधार लेकर दो टिकट खरीदे- एक अपने नाम से और दूसरा पत्नी के नाम से ! परिणाम 31 अक्टूबर को घोषित हुए, और उनमें से अमित का टिकट पहला इनाम जीत गया। पत्नी के टिकट पर ₹1,000 का छोटा इनाम निकला।

“भगवान ने छप्पर फाड़कर दिया”- अमित

लॉटरी के परिणाम सुनकर अमित की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भावुक अमित ने कहा, “यह भगवान की देन है, छप्पर फाड़कर दिया है। अब मैं अपने बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर ध्यान दूंगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने दोस्त मुकेश की मदद को कभी नहीं भूलेंगे और उसकी दो बेटियों को ₹50-50 लाख रुपये देने का वादा निभाएंगे। अमित अब अपने परिवार के लिए एक नया घर बनवाने और बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि यह पैसा केवल ऐशो-आराम में नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा और बच्चों की शिक्षा में लगे।

टैक्स के बाद बचेगी करीब ₹7.5 करोड़ राशि

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, लॉटरी इनाम पर करीब 30 प्रतिशत टैक्स और 4 प्रतिशत सेस लगता है। यानी ₹11 करोड़ की राशि पर करीब ₹3.3 करोड़ से अधिक टैक्स कटेगा। टैक्स कटने के बाद अमित के हाथ में लगभग ₹7.5 करोड़ की राशि बचेगी।
अमित के लॉटरी जीतने की खबर जैसे ही कोटपूतली पहुंची। पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग उनके घर बधाई देने पहुँच रहे हैं। कई लोगों ने इसे “मेहनत और नेक नीयत की जीत” बताया।

किस्मत, मेहनत और उम्मीद की कहानी

कभी-कभी जीवन हमें यह सिखा देता है कि छोटी-सी उम्मीद भी बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है। राजस्थान के जयपुर ज़िले के कोटपूतली के सब्ज़ी विक्रेता अमित सेहरा की कहानी ऐसी ही प्रेरणादायक मिसाल है। रोज़मर्रा की कठिनाइयों और सीमित आय के बीच जीवन गुज़ार रहे अमित ने जब पंजाब दीवाली बंपर लॉटरी का टिकट खरीदा, तो शायद उन्होंने खुद भी नहीं सोचा होगा कि यही टिकट उनकी किस्मत का दरवाज़ा खोल देगा। 11 करोड़ का यह इनाम सिर्फ़ पैसों की जीत नहीं, बल्कि एक आम भारतीय की उम्मीद, भरोसे और संघर्ष का प्रतीक है। अमित ने अपने दोस्त से उधार लेकर टिकट खरीदा और जीतने के बाद उसी दोस्त की बेटियों को ₹1 करोड़ देने का वादा निभाया। यह दर्शाता है कि इंसानियत और आभार की भावना धन से कहीं बड़ी होती है।

क़िस्मत के साथ मेहनत की भी भूमिका

किस्मत निश्चित रूप से भूमिका निभाती है, परंतु मेहनत, सच्चाई और विश्वास ही उसे अर्थपूर्ण बनाते हैं। आज अमित करोड़पति बन चुके हैं, पर उनकी विनम्रता और परिवार के प्रति ज़िम्मेदारी उन्हें और ऊंचा उठाएगी। यह कहानी समाज के हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो संघर्ष के बीच भी उम्मीद नहीं छोड़ता। शायद किस्मत हर किसी के दरवाज़े पर दस्तक देती है, फर्क सिर्फ़ इतना है कि कौन उस दरवाज़े को खोलने की हिम्मत रखता है !
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