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August 8, 2025

ISRO की सेटेलाइट तस्वीरों में दिखी धराली में मची तबाही, बाढ़ ने बदल दिया नक्शा

The CSR Journal Magazine
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची। ISRO द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में गांव का पूरा नक्शा ही बदल चुका है। जहां पहले घर और होटल थे, वहां अब सिर्फ मलबा नजर आता है। इस आपदा में 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

एक झटके में नक्शे से गायब हो गया धराली

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिला। धराली गांव में आई आपदा ने भयंकर तबाही मचाई। लगभग पूरा गांव ही एक झटके में मिट्टी में मिल गया। घटना का रूह कंपा देने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। घटना के बाद मौसम खराब था और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में परेशानी आ रही थी। बाढ़ ने धराली और हर्षिल को तबाह कर दिया, लेकिन ISRO और NRSC की सैटेलाइट तस्वीरों ने नुकसान का सटीक आकलन कर राहत कार्य को थोड़ा आसान किया है। मिट्टी और मलबे से दबे घर, टूटे रास्ते और लापता जिंदगियां इस आपदा की गंभीरता को दिखाती हैं। धराली में मची तबाही का अंदाज़ा आप ISRO द्वारा जारी की गई तस्वीरों से आसानी से लगा सकते हैं।

5 अगस्त का दिन नहीं भूलेंगे गिनती के बचे धराली वासी

5 अगस्त 2025 को धराली और हर्षिल गांवों में भारी बारिश के कारण विनाशकारी बाढ़ आई और फिर ऊपर से अचानक बड़ी मात्रा में पानी मलबे के साथ नीचे आया। यह बाढ़ इतनी तेज थी कि मिट्टी, पत्थर और मलबे के साथ बहते हुए उसने सब कुछ तबाह कर दिया। घरों के नीचे से जमीन खिसक गई, सड़कें टूट गईं और कई लोग लापता हो गए। इस घटना ने पूरे इलाके को अलग-थलग कर दिया, जिससे राहत कार्य में दिक्कतें आईं।
अचानक आई इस बाढ़ ने घरों, इमारतों, पुलों, सड़कों को बहा दिया और कई लोगों की जान ले ली। ISRO ने धराली की दो सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इनमें एक तस्वीर तबाही से पहले की है, जबकि दूसरी तस्वीर तबाही के बाद की है। पहली तस्वीर 13 जून 2024 की है, वहीं दूसरी फोटो 7 अगस्त 2025 की है। हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीर में मलबा फैला हुआ दिखाई दे रहा है। अहम बात यह है कि नदी ने भी अपना रास्ता बदल लिया है। इमारतें पानी में डूबी हुई नजर आ रही हैं। बादल फटने के बाद भयंकर आ गई, जिससे कई लोग लापता भी हो गए।

धराली की हरियाली पर चढ़ी गाद की परत

तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पहले धराली के बीच से नदी बह रही है, अगल-बगल गांव बसा हुआ है, मकान, होटल आदि बने हुए हैं। लेकिन दूसरी तस्वीर में सब कुछ गायब है। ISRO द्वारा शेयर की गई दूसरी और नई तस्वीर में गांव की जगह सिर्फ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है। मकान, इमारतें सब गायब हैं। पहली तस्वीर में दिख रही नदी का रूप भयावह हो चुका है। ऐसा लग रहा है, जैसे यहां कोई गांव था ही नहीं! तस्वीर को शेयर करते हुए ISRO ने बताया कि धराली गांव में इमारतें कीचड़ या मलबे में डूबी हुई दिखाई दे रही हैं।

150 से ज्यादा लोगों के लापता होने का दावा

रिपोर्ट के मुताबिक इस आपदा को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार (5 अगस्त) दोपहर के बाद आई त्रासदी को उन्होंने आंखों के सामने घटते देखा। ढलानों से बहता हुआ मलबा नीचे की ओर आ गया जिसमें आधे से ज्यादा धराली गांव तबाह हो गया। कई स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसी आपदा ना सुनी, ना कभी देखी गई। लापता लोगों की संख्या 150 से कम नहीं होगी।

अब भी चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराखंड में मौसम साफ होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। सेना चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचा रही है। भारी मशीनरी व रसद सामग्री वहां भेजी जा रही है। MI 17 समेत 8 निजी हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में जुटे हैं। इनकी मदद से 112 लोगों को एयरलिफ्ट कर देहरादून पहुंचाया गया। IANS की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 367 लोगों को बचा लिया गया है। धराली के 80 एकड़ में 20 से 50 फीट तक मलबा फैला है। इसे हटाने के लिए सिर्फ 3 जेसीबी मशीनें लगी हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश के लिए हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण और बड़ी मशीनें चाहिए, लेकिन ये सभी 60 किमी दूर भटवाड़ी में रास्ता न खुलने की वजह से 2 दिन से अटका हुआ है।
उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एक ही सड़क है, जो धराली से गुजरती है। हर्षिल से धराली की 3 किमी की सड़क 4 जगह पर 100 से 150 मीटर तक खत्म हो चुकी है। भटवाड़ी से हर्षिल तक तीन जगह लैंडस्लाइड और एक पुल टूटा है। ऐसे में धराली तक सड़क खुलने में 3-4 दिन और लग सकते हैं।

आज शाम तक धराली, मुखबा, हर्षिल में बिजली बहाल होगी

अधिकारियों के मुताबिक, आज 260 से अधिक यात्रियों को हर्षिल से मातली भेजा गया है। हर्षिल स्वास्थ्य केंद्र के आसपास की पेयजल लाइनों को दुरुस्त कर पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बिजली की क्षतिग्रस्त लाइनों को दुरुस्त कर बहाली का काम जारी है। कछोरा जल विद्युत परियोजना आज शाम तक शुरू हो जाएगी। इस परियोजना के शुरू होने से आज धराली, मुखबा, हर्षिल में बिजली बहाल हो जाएगी।
आपदा की जगह पर पुलिस, SDRF, NDRF, Army, Fire Fighters और राजस्व की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
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