Ireland के Dublin में भारतीय दूतावास ने डबलिन और उसके आसपास भारतीय नागरिकों पर हुए हालिया हमलों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। दूतावास ने सभी भारतीयों से सतर्कता बरतने और सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी। ऑनलाइन जारी परामर्श में कहा गया है कि हाल ही में Ireland में भारतीय नागरिकों के ख़िलाफ़ शारीरिक हमलों के मामलों में वृद्धि हुई है।
आयरलैंड में भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
आयरलैंड में भारतीय नागरिकों पर शारीरिक हमलों की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। इस बीच डबलिन स्थित भारतीय दूतावास ने भारत के नागरिकों के लिए शुक्रवार 1 अगस्त, 2025 को एक चेतावनी जारी की है। भारतीय दूतावास ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वह इस मुद्दे को लेकर आयरलैंड के अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। भारतीय दूतावास ने घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा, “हाल के दिनों में Ireland में भारतीय नागरिकों पर शारीरिक हमलों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। इस संबंध में भारतीय दूतावास आयरलैंड के संबंधित अधिकारियों के लगातार संपर्क में है।” वहीं दूतावास ने आयरलैंड में रह रहे भारतीय नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने और विशेष तौर पर असामान्य समज पर किसी भी सुनसान इलाकों में जाने से बचने की भी सलाह दी है। इसके अलावा, डबलिन स्थित भारतीय दूतावास ने Ireland में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन समय में संपर्क करने के लिए नंबर भी जारी किए हैं।
भारतीय व्यवसायी ने नस्लभेदी हमले का लगाया आरोप
Another day, yet another cowardly attack.
Attacking from one’s back and in groups . COWARDS@SimonHarrisTD @AkhileshIFS @IndiainIreland #racist #racism #Ireland #indian pic.twitter.com/9DivAZPyL9— PR7 (@PR7since95) July 29, 2025
आयरलैंड के डबलीन स्थित भारतीय दूतावास ने यह कदम एक भारतीय व्यवसायी की ओर से एक नस्लभेदी हमले के आरोप लगाने के बाद उठाया है। भारतीय व्यवसायी ने एक दिन पहले गुरुवार 31 जुलाई, 2025 को LinkedIn पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया कि उन पर आयरलैंड में बिना किसा कारण नस्लभेदी हमला किया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ किशोरों के एक समूह ने उन पर हमला किया जिसके बाद उन्हें मेडिकल सहायता लेने तक की जरूरत पड़ी।
आयरलैंड में बसे भारतीयों का फूटा आक्रोश
भारतीय व्यवसायी पर हुए हमले ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया, जिसमें भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और आयरिश नागरिकों सहित 800 से अधिक लोगों ने विरोध में डबलिन सिटी हॉल से नेशनल गैलरी तक मार्च किया जिनके हाथों में ‘Say No To Racism’ और ‘Ireland Is Home’ जैसी तख्तियां थीं। आयरिश पुलिस ने हमले को नस्लीय भेदभाव का नतीजा बताया है। न्याय की मांग करने वाली एक ऑनलाइन याचिका पर 15,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले भी एक भारतीय को बच्चों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करने का झूठा आरोप लगाकर उसके साथ भी एक भीड़ द्वारा मारपीट और दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था।
भारतीय व्यवसायी ने Social Media पर बयान किया दर्द
भारतीय भुक्तभोगी डॉ. संतोष ने लिंक्डइन पर अपने पोस्ट में कहा, “रात में खाना खा लेने के बाद मैं अपने अपार्टमेंट के पास टहल रहा था, तभी छह किशोरों के एक समूह ने मुझ पर पीछे से हमला कर दिया। उन्होंने मेरे चश्मे को छीनकर तोड़ दिया और मेरे सिर, चेहरे, गर्दन, छाती, हाथ और पैरों पर बेरहमी से मारने लगे। उनके हमलों से मैं पूरी तरह से लहूलुहान होकर फुटपाथ पर गिर पड़ा। उस हमले में मेरे चेहरे की हड्डी टूट गई। आयरलैंड में रह रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।” लिंक्डइन पर इस हमले का जिक्र करते हुए डॉ. यादव ने डबलीन स्थित भारतीय दूतावास को भी टैग किया था।
भारतीय दूतावास ने ज़ारी किए आपातकालीन नंबर
दूतावास इस संबंध में आयरलैंड में संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। साथ ही, आयरलैंड में सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए उचित सावधानी बरतें और निर्जन क्षेत्रों से बचें, विशेष रूप से रात के समय। दूतावास ने आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा के लिए दूतावास संपर्क विवरण 0899423734 और cons.dublin@mea.gov.in भी साझा किया।
डबलिन में क्रूरता, ऑस्ट्रेलिया में क्रूरता की हद्द पार
आयरलैंड की राजधानी डबलिन में 19 जुलाई को एक 40 वर्षीय भारतीय मूल के व्यक्ति पर युवकों के एक समूह ने बर्बर हमला किया। उसे कपड़े उतारकर सड़क पर लहूलुहान होने तक पीटा गया और छोड़ दिया गया। एक स्थानीय राहगीर ने उसे बचा लिया वरना नतीजे और भयानक हो सकते थे। इस घटना ने आयरलैंड में रहने वाले भारतीयों में दहशत फैला दी।
उसी दिन, कुछ घंटों बाद ऑस्ट्रेलिया में एक 23 वर्षीय भारतीय छात्र पर पांच लोगों ने नस्लीय गालियां देते हुए हमला किया। धारदार हथियार से वार करने के बाद उसे बार-बार मुक्कों से पीटा गया। अब वह अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है, जहां उसे मस्तिष्क आघात (Brain Trauma) और चेहरे की हड्डियों में फ्रैक्चर का इलाज दिया जा रहा है। एक ही दिन, हजारों किलोमीटर दूर दो बर्बर नस्लीय हमलों ने विदेशी धरती पर भारतीयों के खिलाफ बढ़ती नफरत की लहर को फिर से उजागर कर दिया है। आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में हुए इन हमलों ने भारतीय समुदाय को दहशत में डाल दिया है। आखिर क्यों भारतीय बन रहे हैं निशाना और कब रुकेगा क्रूरता का ये सिलसिला!
आंकड़े बयां करते हैं भयावहता
A teenager repeatedly punching an Indian migrant on Dublin Bus while the guardian is sat next to him.
Indian racism is really happening,these whites deserve more grooming gang members there. pic.twitter.com/JzDDyUwBob
— Indic Matrix🧊👁️👾 (@IndicMatrix) July 28, 2025
विदेश मंत्रालय (MEA) के आंकड़े इस भयावह हकीकत को उजागर करते हैं। अप्रैल 2025 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में विदेशों में 91 भारतीय छात्रों पर हिंसक हमले हुए जिनमें 30 की मौत हो गई। सबसे ज्यादा हमले कनाडा में हुए, जहां 16 भारतीय मारे गए। इसके बाद रूस और यूनाइटेड किंगडम का नंबर है। मार्च 2025 में राज्यसभा में MEA ने बताया कि 2022 में 4, 2023 में 28, और 2024 में 40 भारतीय छात्रों पर हमले दर्ज किए गए। सिर्फ छात्र ही नहीं, हर पेशे से जुड़े भारतीय, चाहे वो पेशेवर हों या मजदूर, निशाने पर हैं। साल 2021 में भारतीयों पर 29 हमले और हत्याएं हुईं, जो 2022 में बढ़कर 57 और 2023 में 86 हो गईं।
भारतीयों का दर्द, आखिर हमारा कसूर क्या है
इन हमलों ने विदेशों में रहने वाले भारतीयों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। डबलिन में हमले का शिकार बने भारतीय ने कहा कि मैं सिर्फ अपने काम से जा रहा था। मेरा कसूर क्या था? वहीं, ऑस्ट्रेलिया में घायल छात्र के परिवार ने बताया कि वो पढ़ाई के लिए गया था लेकिन अब अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।
प्रवासी भारतीयों ने जताई सुरक्षा पर चिंता
विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावासों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित भारतीयों को सहायता प्रदान करें लेकिन हमलों की बढ़ती संख्या ने सवाल खड़े किए हैं। क्या विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? क्या नस्लीय हिंसा को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाएगा? ये सवाल हर उस भारतीय के मन में हैं, जो विदेशों में अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।
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