दुबई, संयुक्त अरब अमीरात- Red Sea (लाल सागर) में समुद्र के नीचे बिछी केबल्स के कट जाने से एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में Internet सवाएं बाधित हो गईं। हालांकि इस घटना का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया। Red Sea में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा केबल्स को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई जाती रही है। हूती विद्रोही इस अभियान को गाज़ा पट्टी में हमास पर इज़राइल के युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव बनाने का प्रयास बताते हैं। लेकिन अतीत में हूतियों ने इन केबल लाइनों पर हमला करने से इनकार किया है।
एशियाई देशों में हुई Internet की मद्धम गति
समुद्र के नीचे बिछी केबल्स Internet की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं, उपग्रह कनेक्शन और ज़मीनी केबल्स के साथ मिलकर। आम तौर पर इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP) के पास कई एक्सेस पॉइंट होते हैं और यदि एक विफल हो जाए तो वे ट्रैफ़िक को दूसरी ओर मोड़ देते हैं, हालांकि इससे उपयोगकर्ताओं के लिए गति धीमी हो सकती है। Microsoft ने अपनी स्थिति संबंधी वेबसाइट पर घोषणा की कि मध्य पूर्व “Red Sea में समुद्री फाइबर कट्स के कारण अधिक लेटेंसी (धीमापन) का अनुभव कर सकता है।” रेडमंड, वॉशिंगटन स्थित इस कंपनी ने तुरंत अधिक जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि जो Internet ट्रैफ़िक मध्य पूर्व से होकर नहीं गुजरता, वह “प्रभावित नहीं है।”
Netblocks ने दी जानकारी
Netblocks, जो Internet पहुंच की निगरानी करता है, ने कहा कि “रेड सी में समुद्र के नीचे की केबल्स की एक श्रृंखला में खराबी ने कई देशों में Internet कनेक्टिविटी को प्रभावित किया है।” इसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं। इसने सऊदी अरब के जेद्दा के पास “SMW4 और IMEWE केबल सिस्टम्स की विफलताओं” को जिम्मेदार बताया। दक्षिण-पूर्व एशिया–मध्य पूर्व–पश्चिमी यूरोप 4 (SMW4) केबल का संचालन टाटा कम्युनिकेशन्स करती है, जो भारतीय समूह का हिस्सा है। भारत–मध्य पूर्व–पश्चिमी यूरोप (IMEWE) केबल का संचालन एक अन्य कंसोर्टियम करता है, जिसकी देखरेख अल्काटेल-लूसेंट करती है। दोनों ही कंपनियों ने इस पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
यूरोप और एशिया में Internet सेवा प्रभावित
Red Sea दुनिया की उन जगहों में से है, जहां से लगभग 17 प्रतिशत Internet Data यूरोप और एशिया के बीच जाता है। इस बार इस समस्या ने SEACOM/TGN-EA, AAE- 1 और EIG जैसे बड़े सिस्टम को भी प्रभावित किया है, जिससे दुनिया भर में Internet की रफ्तार पर फ़र्क पड़ा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये केबल्स महज हादसा नहीं, बल्कि जानबूझकर भी किया गया हो सकता है, क्यूंकी क्षेत्र में चल रहे संघर्ष और तनाव की वजह से Digital Infrastructure को टारगेट किया जाना कोई बड़ी बात नहीं!
पाकिस्तान में भी Internet सेवा प्रभावित
पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन्स कंपनी लिमिटेड (PTCL), जो उस देश की एक बड़ी दूरसंचार कंपनी है, ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि केबल कटने की घटनाएं हुई हैं। सऊदी अरब ने इस बाधा को तुरंत स्वीकार नहीं किया और वहां के अधिकारियों ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। संयुक्त अरब अमीरात (UAE), जहां दुबई और अबू धाबी स्थित हैं, वहां सरकारी स्वामित्व वाली डू (Du) और एतिसलात (Etisalat) नेटवर्क के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने इंटरनेट की धीमी गति की शिकायत की। हालांकि उनकी सरकार ने इस बाधा को तुरंत स्वीकार नहीं किया। समुद्र के नीचे बिछी केबल्स जहाज़ों से गिरे एंकरों से कट सकती हैं, लेकिन इन्हें हमलों में भी निशाना बनाया जा सकता है। मरम्मत में हफ़्तों लग सकते हैं क्योंकि जहाज़ और उसकी टीम को क्षतिग्रस्त केबल का सटीक स्थान ढूंढ़कर वहां तक पहुंचना पड़ता है।
हूतियों पर पहले भी लगे हैं आरोप
केबल लाइनों का कटना ऐसे समय में हुआ है जब यमन के हूती विद्रोही ग़ाज़ा पट्टी में चल रहे इज़राइल-हमास युद्ध को लेकर इज़राइल को निशाना बनाते हुए लगातार हमले कर रहे हैं। इज़राइल ने हवाई हमलों से जवाब दिया है, जिनमें से एक में विद्रोही आंदोलन के शीर्ष नेताओं की मौत हो गई। साल 2024 की शुरुआत में, यमन की निर्वासित अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार ने आरोप लगाया था कि हूती Red Sea (लाल सागर) में समुद्र के नीचे बिछी केबल्स पर हमला करने की योजना बना रहे हैं। कई केबल्स कट गईं, लेकिन हूतियों ने इसकी ज़िम्मेदारी से इनकार कर दिया। रविवार सुबह, हूतियों के अल-मसीराह सैटेलाइट न्यूज़ चैनल ने नेटब्लॉक्स का हवाला देते हुए स्वीकार किया कि केबल्स कट चुकी हैं।
पिछले 1 साल में हूतियों ने हमले कर डुबोए कई समुद्री जहाज
नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच, हूतियों ने ग़ाज़ा पट्टी में इज़राइल-हमास युद्ध के दौरान 100 से अधिक जहाज़ों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया। अपने अभियान में अब तक हूतियों ने चार जहाज़ डुबो दिए और कम से कम आठ नाविकों की हत्या कर दी। ईरान समर्थित हूतियों ने युद्ध के दौरान एक छोटे से युद्धविराम में अपने हमले रोक दिए थे। इसके बाद वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आदेशित कई हफ़्तों तक चले तीव्र हवाई हमलों के निशाने पर आ गए, जिसके बाद ट्रंप ने घोषणा की कि विद्रोहियों के साथ युद्धविराम हो गया है। जुलाई में हूतियों ने दो जहाज़ डुबो दिए, जिनमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य को विद्रोहियों द्वारा बंधक बनाए जाने की आशंका है।
अब तक नहीं रुके हमले
हूतियों के नए हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब इज़राइल-हमास युद्ध में संभावित युद्धविराम अधर में लटका हुआ है। इस बीच, तेहरान के बुरी तरह प्रभावित परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली वार्ताओं का भविष्य भी अनिश्चित है, क्योंकि इज़राइल ने इस्लामी गणराज्य (ईरान) के खिलाफ 12 दिन का युद्ध छेड़ा, जिसमें अमेरिकियों ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की।
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