Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
March 12, 2025

छः साल में बारह बार लगी सरकारी नौकरी, पटवारी से IPS बने Premsukh Delu

 Rajasthan Bikaner: पेट की भूख मिटाने के लिए लोगों को क्या-क्या नहीं करना पड़ता! गरीबी बच्चों की जिंदगी को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है। उन्हें या तो सपने देखने का हक़ नहीं देती, या फिर उन सपनों को पूरा कर पाने की कूवत नहीं देती। ऐसी ही एक कहानी एक IPS अफसर की है, जिनके पिता एक वक्त ऊंट-गाड़ी चलाकर परिवार का पेट भरते थे। Rajasthan में रहने वाले Premsukh Delu बचपन में पढ़ाई के साथ-साथ गाय चराने का काम किया करते थे। लेकिन पढ़ाई के प्रति रुझान इतना था कि उसके सामने आर्थिक तंगी भी कहीं टिक नहीं पाई। प्रेमसुख ने परिवार की आर्थिक गरीबी को इतने करीबी से देखा था कि उन्होंने एक समय अपनी मेहनत के दम पर सफलता की नई कहानी लिख डाली। आज वह उन लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं, जो गरीबी के हाल में अपने सपनों को पूरा करने का संघर्ष कर रहे हैं।

IPS Premsukh Delu-पूत के पांव दिखे पालने में

Rajasthan के बीकानेर जिले की नोखा तहसील के गांव रासीसर के डेलू परिवार में 3 अप्रेल 1988 को एक लड़का पैदा हुआ। नाम रखा गया Premsukh! बचपन से ही होनहार Premsukh की किस्मत ने उनका खूब साथ दिया। पढलिखकर कुछ बनने का जुनून, उसपर परिवार का भी भरपूर साथ। उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि छोटे से गांव का यह लड़का कामयाबी की सीढ़ियां दर सीढ़ियां चढ़ता ही जाएगा और एक Camel-Cart चलाने वाले का बेटा एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बन जाएगा। प्रेमसुख वर्तमान में जामनगर के Superintendent Of Police (SP) पद पर सेवाएं दे रहे हैं। Premsukh Delu की सफलता का अंदाजा इससे सहज लगाया जा सकता है कि छह साल में ये 12 बार सरकारी नौकरी में लग चुके हैं, जबकि सरकारी नौकरियों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में एक बार भी चयन होना आसान बात नहीं है। गुजरात कैडर के आईपीएस प्रेमसुख डेलू (IPS Premsukh Delu) वर्तमान में अमरेली जिले में ASP के पद पर तैनात हैं।

Premsukh Delu सबसे पहले बने पटवारी

Premsukh Delu बचपन से ही होनहार थे। इनकी सरकारी नौकरी लगने का सिलसिला साल 2010 में शुरू हुआ। सबसे पहली सरकारी नौकरी बीकानेर (Bikaner) जिले में पटवारी( Government Accountant) के रूप में लगी। दो साल तक बतौर पटवारी के पद पर काम किया, मगर दिल में कुछ बड़ा करने की चाह थी। इसलिए पढ़ाई और मेहनत जारी रखी। Premsukh Delu ने पटवारी पद पर रहते हुए कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं दी। ग्राम सेवक परीक्षा में राजस्थान में दूसरी रैंक हासिल की, मगर ग्राम सेवक ज्वाइन नहीं किया, क्योंकि उसी दौरान राजस्थान असिस्टेंट जेल परीक्षा का परिणाम आ गया और इसमें प्रेमसुख डेलू ने पूरे राजस्थान में टॉप किया। असिस्टेंट जेलर के रूप में ज्वाइन करते, उससे पहले राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर (SI) पद पर चयन हो गया।

नौकरी लगती गई, नहीं किया Join-SI की बजाय शिक्षक बने

Premsukh Delu ने राजस्थान पुलिस में SI के पद पर ज्वादन नहीं किया, क्योंकि उसी दौरान इनका Schools Lecturer के रूप में चयन हो गया, तो पुलिस महकमे की बजाय शिक्षा विभाग की नौकरी को चुना। इसके बाद College Lecturer और Officer  के रूप में भी सरकारी नौकरी लगी। कई विभागों में 6 साल की अवधि में अनेक बार सरकारी नौकरी लगने के बाद भी Premsukh ने मेहनत जारी रखी क्यूंकि उनका सपना और मंजिल इन सबसे परे कुछ और ही थी। सिविल सेवा परीक्षा 2015 में 170 वी रैंक हासिल की और हिंदी माध्यम के साथ सफल उम्मीदवार में तृतीय स्थान पर रहे।

गरीबी इतनी कि आठवीं तक नहीं पहनी पेंट

Premsukh का बचपन गरीबी में गुजरा और पढ़ाई सरकारी स्कूलों में हुई। गरीबी का आलम यह था कि आठवीं कक्षा तक प्रेमसुख ने कभी पेंट नहीं पहनी थी। नेकर में ही जिंदगी गुजरी, लेकिन पिता ने पढ़ाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। किसान पिता ऊंट गाड़ी चलाते थे। प्रेमसुख कहते हैं कि माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे, मगर मुझे पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर देकर काबिल बना दिया। Premsukh Delu चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। इनका बड़ा भाई पुलिस कांस्टेबल है।

अब IAS बनने का इंतजार

फिलहाल गुजरात में बतौर ट्रेनी IPS तैनात प्रेमसुख डेलू का ख्वाब अब भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनने का है। यह ख्वाब भी पूरा होने को है। प्रेमसुख डेलू ने IAS का Interview दे रखा है। इसमें भी चयन होने की पूरी उम्मीद है। प्रेमसुख डेलू की जिंदगी न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

Latest News

Popular Videos