देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन इंडिगो इस समय गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही है। 2 से 4 दिसंबर के बीच लगभग 400 उड़ानें रद्द हुईं, जिससे देश के प्रमुख हवाई अड्डों—जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा। हवाई अड्डों पर अफरातफरी का माहौल बन गया और कई यात्रियों ने एयरलाइन पर समय पर जानकारी न देने और वैकल्पिक व्यवस्था न उपलब्ध कराने की शिकायत की।
क्यों हो रही हैं उड़ानें रद्द?
एयरलाइन ने रद्द उड़ानों के पीछे कई कारण बताए हैं: तकनीकी खराबी और विमान रखरखाव में देरी, विंटर शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम और एयर ट्रैफिक का दबाव, क्रू के ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियम का पालनI इंडिगो ने कहा कि अगले 48 घंटों में शेड्यूल में बदलाव करके परिचालन को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। प्रभावित यात्रियों को नई उड़ान या रिफंड की सुविधा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पायलट एसोसिएशन का विरोध
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) का कहना है कि FDTL नियम मुख्य कारण नहीं है। उनका दावा है कि स्टाफ की कमी, पायलट भर्ती में देरी और परिचालन रणनीति की कमजोरियां इस संकट की जड़ हैं। FIP ने DGCA से कहा है कि एयरलाइन का नया शेड्यूल तभी मंजूर किया जाए जब पर्याप्त पायलट उपलब्ध हों।
DGCA और मंत्रालय की प्रतिक्रिया
DGCA और एविएशन मंत्रालय ने स्थिति का संज्ञान लिया और एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन को मीटिंग के लिए तलब किया। अधिकारियों ने क्रू प्लानिंग मजबूत करने, एयरपोर्ट समन्वय बढ़ाने और टर्नअराउंड प्रक्रियाओं में सुधार के निर्देश दिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एयरलाइन ने तुरंत स्टाफिंग और शेड्यूल सुधार नहीं किए, तो आने वाले दिनों में और भी उड़ानें रद्द हो सकती हैं।
वित्तीय और बाजार पर असर
इस परिचालन संकट का असर इंडिगो के शेयरों पर भी पड़ा। बाजार में एयरलाइन का शेयर 1.5% गिर गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तुरंत सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो इंडिगो की विश्वसनीयता और वित्तीय स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
मुख्य शहरों में रद्द उड़ानों का असर
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दिल्ली एयरपोर्ट: गुरुवार को 30+ उड़ानें रद्द
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हैदराबाद: कुल 70 उड़ानों पर असर (35 आगमन + 33 प्रस्थान)
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बेंगलुरु: 100+ उड़ानें रद्द
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मुंबई: कई उड़ानें अचानक रद्द

