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December 5, 2025

IndiGo Flight Chaos: आज 400 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, यात्रियों में मचा हड़कंप !

The CSR Journal Magazine

 

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo ने आज बड़ी संख्या में अपनी उड़ानें रद्द कर दीं। अनुमान है कि आज करीब 400 से 600 उड़ानें प्रभावित हुईं, जिनमें कुछ पूरी तरह रद्द रहीं और कई लंबी देरी के बाद कैंसिल घोषित की गईं। इस अचानक फैसले से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी की स्थिति रही। कई यात्री घंटों लाइनों में फंसे रहे, कई का सफ़र बिना किसी जानकारी के बीच में ही रुक गया।

IndiGo ने बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसल कीं, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी

आज (5 दिसंबर 2025) देशभर में IndiGo ने करीब 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। कुछ रिपोर्ट्स का यह कहना है कि रद्द उड़ानों की संख्या 550–600 तक भी पहुंच गयी है। ये रद्ध-उड़ानें सिर्फ एक-दो शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु समेत कई प्रमुख हवाई अड्डों पर इसका प्रभाव दिखा। यात्रियों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा। कई लोग बिना कोई सुचना पाते हुए हवाई अड्डों पर फंसे रहे। लग्जरी-हॉल्टल की बजाय सामान्य इंतजार, असमंजस, और गुस्से जैसी स्थिति बनी।

IndiGo के साथ हो रही मुसीबत की वजह

नए पायलट-श्रम नियम (FDTL): 1 नवम्बर 2025 से लागू नए नियम DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) द्वारा बनाए गए, के अंतर्गत पायलट्स व क्रू को अब पहले जैसी “ओवरनाइट फ्लाइट + कम आराम” की अनुमति नहीं है। अब उन्हें रात की उड़ानों पर रोक, पर्याप्त रेस्ट-पीरियड और सीमित फ्लाइट-ड्यूटी आवंटन करना अनिवार्य है।
IndiGo का बड़ा नेटवर्क: IndiGo रोजाना 2,200–2,300 से अधिक उड़ानें संचालित करता है। इतना बड़ा नेटवर्क होने की वजह से नए नियमों का असर बहुत ज़्यादा हुआ। थोड़ी सी क्रू-नियमितता या रेस्टर में कमी का मतलब 200-400 उड़ानों पर असर होना।
क्रू की कमी (पायलट / केबिन क्रू): एयरलाइन पायलटों और केबिन क्रू दोनों में घोर कमी की शिकायत कर रही है। कुछ कर्मचारियों की भर्ती या पायलटों के वेतन वृद्धि न करने जैसी रणनीतियां रहीं, जिससे रिज़र्व क्रू की संख्या पर्याप्त नहीं बनी।
तकनीकी व सॉफ़्टवेयर गड़बड़ियां + मौसम / सर्दियों की व्यस्तता: IndiGo ने आंतरिक रूप से ये भी माना है कि अलग-अलग Flugh Scheduling व Roster व्यवस्थाओं में Glitch, मौसम के कारण देरी, और हवाई मार्गों/एयरपोर्ट्स की बढ़ी भीड़ ने स्थिति और बिगाड़ दी।

एयरलाइन व पायलटों की खामोशी/असहमति

हालांकि IndiGo ने नए FDTL नियम और क्रू-शक्ति कमी को प्रमुख कारण माना है, पर पायलट एसोसिएशनों का दावा है कि “बस FDTL नहीं, एयरलाइन की तैयारी और प्रबंधन विफलता” भी बड़ी वजह है। उनका कहना है कि पर्याप्त समय था नए नियमों की तैयारी का, लेकिन IndiGo ने पायलट भर्ती रद्द रखी, वेतन नहीं बढ़ाया, जिससे यह संकट गहराया।

सबसे प्रभावित शहर/एयरपोर्ट

यह आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स व इंडस्ट्री सोर्सेस पर आधारित हैं।
शहर / एयरपोर्ट
रद्द / प्रभावित फ्लाइट्स का अनुमान / नोट्स
Indira Gandhi International Airport (दिल्ली)
लगभग 95-172 फ्लाइट्स रद्द — मीडिया रिपोर्ट्स में 95 विकल्पों और कुल 172 तक का ज़िक्र है।
Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport (मुंबई)
लगभग 85-118 फ्लाइट्स रद्द।
Kempegowda International Airport Bengaluru (बेंगलुरु / बैंगलोर)
περίπου 70-100 फ्लाइट्स रद्द / प्रभावित — रिपोर्ट्स में 73 रद्द बताए गए।
Rajiv Gandhi International Airport (हैदराबाद)
पिछले 2–3 दिनों में करीब 33 फ्लाइट्स रद्द हुईं।
Pune Airport (पुणे)
कुछ रद्द व देरी — रिपोर्ट में 16-20 फ्लाइट्स रद्द होने का ज़िक्र।
अन्य एयरपोर्ट्स / मेट्रो शहर
रिपोर्ट्स में कुल मिलाकर 550-600+ फ्लाइट्स रद्द होने का अनुमान है; इसकाअसर छोटे व बड़े दोनों तरह के एयरपोर्ट्स पर हुआ है
रद्द/प्रभावित में पूरी रद्द-उड़ानें और बहुत देर से, दोनों शामिल हो सकती हैं क्योंकि बहुत सी उड़ानों को “रद्द” कहे जाने की बजाय “Delay→ Cancel” के बाद घोषित किया गया था।

इन मार्गों/शहरों से होने वाली यात्राएं ज़्यादा प्रभावित हुई

दिल्ली ↔ मुंबई, दिल्ली ↔ बेंगलुरु, दिल्ली ↔ हैदराबाद, मुंबई ↔ बेंगलुरु आदि प्रमुख मेट्रो-मेट्रो कनेक्शन्स, क्योंकि इन हवाई अड्डों (Delhi, Mumbai, Bengaluru, Hyderabad) पर सतत रद्दीकरण देखा गया। बैंगलुरु से बाहर जाने वाली कई अन्य उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट्स कहती हैं कि Backlog की वजह से Connections टूटे, Alternate Flights नहीं मिलीं।

कौन-कौन प्रभावित हुआ और कैसे

हज़ारों यात्री फंसे: दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में यात्री 8–12 घंटे तक या उससे ज़्यादा इंतजार करते रहे। कभी फ्लाइट मिली नहीं, कभी देरी, कभी सूचना न मिली। कई यात्रियों के यात्रा प्लान, Business/मेडिकल/अन्यों के काम चौपट हो गए।
हवाई अड्डों पर हुड़दंग: Overcrowding, यात्रियों और Ground-Staff में तनाव के चलते कुछ जगहों पर सुरक्षा बलों को तैनात करना पड़ा।
एयरलाइन पर भरोसा डगमगाया: IndiGo, जो भारत की सबसे बड़ी और सबसे भरोसेमंद घरेलू एयरलाइन मानी जाती थी, उसकी विश्वसनीयता भारी झटका खाई। Punctuality रिपोर्ट और Customer Satisfaction दोनों प्रभावित हुए।
निगरानी व नियामक दबाव: नियामक (DGCA) ने IndiGo से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है, और सरकार ने एयरलाइन को संचालन व यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। राहत के लिए जल्द ही एक रोडमैप पेश करने को कहा गया है।

IndiGo का क्या कहना है, सरकार क्या कह रही है

IndiGo ने यात्रियों से माफी मांगी है और कहा है कि वो Operations को जल्द स्थिर करने के लिए काम कर रही है। हालांकि, इस सप्ताह में 600 से अधिक उड़ानें पहले ही रद्द हो चुकी हैं। एयरलाइन ने कहा है कि अगले 2–3 दिन Schedule Adjustments होंगे, और अगर जरूरी हुआ तो और भी Cancellations हो सकती हैं। ऐसा बढ़े हुए “Crew Rostering Adjustment” के चलते है।
नियामक Ministry of Civil Aviation व DGCA इस पूरे संकट पर नजर बनाए हुए है। DGCA ने IndiGo से Crew Availability, भविष्य की उड़ानों, Refund/Alternate Flight की व्यवस्था आदि का पूरा विवरण माँगा है। यदि आवश्यक हुआ, तो कंपनियों को Roster Relaxation या अतिरिक्त मार्गदर्शन भी दिया जा सकता है।

एक एयरलाइन संकट, यात्रियों की आज़माइश

IndiGo की यह बड़ी उड़ान बाधा भारत के विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका है। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि विमानों की संख्या से ज्यादा ज़रूरी है अच्छी प्लानिंग, पर्याप्त स्टाफ और यात्रियों को समय पर जानकारी देना। इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि वर्तमान में भारतीय वायु-यात्रा (Aviation) क्षेत्र में तुरंत सुधार की जरूरत है। सिर्फ नियम लागू करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें लागू करने के लिए पर्याप्त कर्मियों, बेहतर प्रबंधन, सही तैयारी और पारदर्शी जानकारी देना भी प्रायोगिक स्तर पर ज़रूरी है। यात्रियों के लिए यह एक चेतावनी है- यदि संभव हो, तो यात्रा से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक करें, वैकल्पिक प्लान रखें, और अगर संभव हो तो पहले दिन और Peak समय से बचें।
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