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April 19, 2025

कैडबरी जेम्स की तरह Dolo 650 खाते हैं भारतीय-एक्स्पर्ट्स की राय

 Dr Palaniappan Manickam, एक US-based Gastroenterologist ने हाल ही में एक पोस्ट किया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “भारतीय Dolo 650 को कैडबरी जेम्स की तरह लेते हैं।” हल्का बुखार हो, सिर दर्द हो या बदन दर्द, राहत पाने के लिए ‘Dolo -650’ का इस्तेमाल भारत में बेहद आम हो गया है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी की जुबान पर यह नाम है। घरों में इस गोली का इतना इस्तेमाल हो रहा है कि अब एक अनपढ़ व्यक्ति भी इसे देखकर पहचान सकता है।
सरल भाषा में कहें तो यह छोटी सी सफेद गोली हर बीमारी के लिए फौरी राहत बन गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका इतना इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं? इसके नुकसान क्या हैं? एक डॉक्टर की पोस्ट ने इस तरह के कई अहम सवालों को जन्म दे दिया है। अमेरिका में रहने वाले Gastroenterologist Dr Palaniappan Manickam ने X पर पोस्ट किया, “भारतीय लोग डोलो-650 को कैडबरी जेम्स की तरह लेते हैं।” यह बात आपको हंसा सकती है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई चौंकाने वाली है। डोलो के इस तरह के अंधाधुंध इस्तेमाल से अब डॉक्टर भी चिंतित हैं।

आखिर क्या है Dolo-650

Dolo-650 में 650 मिलीग्राम पैरासिटामोल होता है, जो सामान्य 500 मिलीग्राम की खुराक से कहीं ज्यादा है। इस दवा का निर्माण माइक्रो लैब लिमिटेड द्वारा किया जाता है और Covid-19 महामारी के दौरान इसकी मांग अचानक बढ़ गई थी। वैक्सीन के साइड इफेक्ट या हल्के बुखार में इसका खूब इस्तेमाल किया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की दूसरी लहर में Dolo-650 की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे भारत का पसंदीदा स्नैक तक कहा जाने लगा। अब अमेरिका में रहने वाले चिकित्सक ने एक बार फिर से वही याद दिलाया है। Dr Paul का कहना है कि डोलो-650 का इस्तेमाल अब लोग कैंडी की तरह कर रहे हैं। इसे सिरदर्द, थकान या तनाव के लिए भी डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जा रहा है। लेकिन पैरासिटामोल की ज्यादा मात्रा शरीर, खासकर लिवर पर बुरा असर डाल सकती है। एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में पैरासिटामोल के ओवरडोज की वजह से Acute Lever Failure और Kidney Disease के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

एक्सपर्ट की सलाह जरूरी

Dolo-650 टैबलेट उन विशेष केमिकल मैसेंजर को निकलने से रोकता है जिनकी वजह से दर्द और बुखार की समस्या होती है और इस तरह यह दर्द और बुखार से राहत दिलाने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल सिरदर्द, माइग्रेन, दांत दर्द, गले की खराश, पीरियड में होने वाले दर्द, गठिया, मांसपेशियों के दर्द और जुकाम के इलाज में किया जाता है। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के Dolo-650 को बार-बार लेना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। कुछ लोगों को इसकी वजह से अस्थायी रूप से पेट दर्द, मिचली आना और उल्टी की समस्या हो सकती है या फिर एलर्जी भी हो सकती है। यह सिर्फ लक्षणों को दबाता है, बीमारी को ठीक नहीं करता। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। Dolo-650 के इस क़दर ज़्यादा इस्तेमाल को लेकर चेतावनी देने वाले Dr Paul का पूरा नाम पलानीअप्पन मणिकम है। इनका जन्म मदुरै में हुआ और अब कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे आंत के स्वास्थ्य, समय-प्रतिबंधित भोजन और ज्यादातर पौधे-आधारित आहार में विशेषज्ञता रखते हैं।

Covid-19 के बाद से डोलो-650 की 350 करोड़ से अधिक गोलियां बिकीं

माइक्रो लैब्स ने 2020 में कोविड-19 प्रकोप के बाद से Dolo-650 की 350 करोड़ से अधिक गोलियां बेची हैं, जिससे एक साल में 400 करोड़ रुपये का Revenue अर्जित हुआ है। मार्केट रिसर्च फर्म IQVIA के अनुसार, महामारी शुरू होने से पहले माइक्रो लैब्स ने सालाना डोलो-650 की लगभग 7.5 करोड़ स्ट्रिप्स बेचीं। एक साल बाद, यह बढ़कर 9.4 करोड़ स्ट्रिप्स हो गई, जो 2021 के अंत तक 14.5 करोड़ स्ट्रिप्स तक पहुंच गई, जो 2019 के आंकड़े से लगभग दोगुनी हो गई।

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