उत्तर प्रदेश की Shahzadi को Dubai में मौत की सज़ा सुनाई गई है। लेकिन भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद उसकी Retrial Appeal पर विचार चल रहा है। Shahzadi को Abu Dhabi में एक बच्चे की मौत के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई गई है। UP में Shahzadi के परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
Shahzadi को क्यूं मिली सज़ा ए मौत
Uttar Pradesh के Banda जिले की रहने वाली Shahzadi को UAE में एक बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी की सज़ा सुना दी गई है। Abu Dhabi में एक दम्पत्ति के बच्चे की देखभाल कर रही Shahzadi उस वक्त मुसीबत में पड़ गई, जब अप्रत्याशित रूप से 4 माह के बच्चे की मौत हो गई। दम्पत्ति ने Shahzadi पर अपने बच्चे की मौत का जिम्मेदार होने का आरोप लगाया। जांच के बाद Shahzadi को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे फांसी की सज़ा सुना दी गई।
UAE अपने सख्त कानून के लिए जाना जाता है। बच्चों की सुरक्षा के कानून बहुत सख्त हैं। Shahzadi को Wadeema’s law के तहत सज़ा सुनाई गई है, जिसके मुताबिक अगर किसी की लापरवाही से किसी बच्चे की जान चली जाती है तो वो शख्स कड़ी सज़ा का हकदार है जिसमे मौत की सज़ा भी शामिल है। Wadeema’s Law को UAE में Child Rights Law भी कहा जाता है। यह कानून UAE में 2016 में लागू किया गया था जिसका मकसद बच्चों को हिंसा, शोषण और दुर्व्यवहार से बचाना और उनके अधिकारों की रक्षा कर उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देना था।
Shahzadi की Banda से Dubai यात्रा की कहानी
UP के Banda जिले की Shahzadi रोटी बैंक में काम करती थी। बचपन में एक हादसे में उसका चेहरा जल गया था। उसकी दोस्ती उजैर नामक शख्स से हुई जिसने उसे इलाज का लालच देकर दुबई भेज दिया। वहां उसे एक दम्पत्ति के बच्चे की देखभाल के काम पर लगा दिया गया। 4 माह के उस बच्चे की अकस्मात मौत का आरोप Shahzadi पर लगा और उसे गिरफ्तार कर बाद में मौत की सज़ा सुना दी गई।Shahzadi के पिता Shabbir खान ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी Retrial Appeal पर सुनवाई चल रही है और फिलहाल उसकी फांसी की सज़ा टाल दी गई है।