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August 16, 2025

USCIRF खुद चिंता का विषय, भारत ने RAW को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट पर सुनाया

The CSR Journal Magazine
India on USCIRF Report: अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने हाल ही में भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव को लेकर सालाना रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में आयोग ने भारत की खुफिया एजेंसी (RAW) पर हत्या की साजिशों में कथित भूमिका को लेकर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। अब इस पर भारत सरकार ने जवाब दिया है। भारत ने बुधवार को USCIRF की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित’ बताया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने रिपोर्ट को रिजेक्ट करते हुए कहा कि ख़ुद USCIRF आयोग को ही ‘चिंता का विषय’ घोषित किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़े शब्दों में बयान जारी किया और इस बात पर जोर दिया, कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की इमेज को कमजोर करने की कोशिश में कोई सफल नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Randhir Jaiswal ने कहा, ‘हमने हाल ही में जारी अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट देखी है, जो एक बार फिर पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित आकलन जारी करने के अपने पुराने रिकॉर्ड को दिखाता है। USCIRF द्वारा अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर संदेह जताने की लगातार कोशिश, धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर किए गए एजेंडे को दर्शाता है।’

USCIRF को भारत का जवाब

Jaiswal ने आगे तर्क दिया कि 146 करोड़ लोगों का घर भारत, मानव जाति के सभी धर्मों का सम्मान करता है। Jaiswal ने आगे कहा, ‘भारत 146 करोड़ लोगों का घर है, जिसमें सभी धर्मों के अनुयायी शामिल हैं। हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि USCIRF भारत के सर्वधार्मिक ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा.’ साथ ही, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सुझाव दिया कि ख़ुद USCIRF को ही ‘चिंता के विषय’ के रूप में नामित किया जाना चाहिए।

क्या कहा USCIRF की रिपोर्ट नें

USCIRF ने 2025 की सालाना रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें जिक्र किया गया था, कि 2024 में भारत में मजहबी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव में भारी इज़ाफ़ा हुआ है। रिपोर्ट में BJP पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘नफरती बयानबाजी’ का प्रचार करने का भी इल्जाम लगाया गया है। इसके अलावा USCIRF नेअपनी रिपोर्ट में भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर सिख अलगाववादियों के कत्ल की साजिश में शामिल होने का इल्जाम भी लगाया। इसी इल्जाम के तहत USCIRF ने RAW के खिलाफ बैन लगाने की मांग की। इतना ही नहीं, अमेरिकी पैनल ने राष्ट्रपति Donald Trump से भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए ‘विशेष चिंता का देश’ घोषित करने की सलाह दी है।

RAW करा रहा विदेशों में हत्याएं-US में बैन की मांग

USCIRF ने अपनी 2025 की रिपोर्ट में कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति बिगड़ती जा रही है और सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिश में कथित रूप से शामिल होने की वजह से सीक्रेट एजेंसी RAW पर बैन लगा दिया जाना चाहिए। भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी RAW को अमेरिका में बैन करने की मांग की है। आयोग ने आरोप लगाया कि सिख अलगाववादियों हत्या में RAW की भूमिका है। अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाने की कोशिश की गई है। इसमें कहा गया कि 2024 में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़े हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी आरोप लगाया गया है कि भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi और उनकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पिछले साल के चुनाव में मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणास्पद बयानबाजी की और अफवाहों का प्रचार किया।
अमेरिकी आयोग ने भारत सरकार से अपील की, कि वह धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करे और धार्मिक उत्पीड़न को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। आयोग ने विशेष रूप से भारतीय नागरिकता कानून पर भी सवाल उठाया, जिसे UN ने मूल रूप से भेदभावपूर्ण बताया था। इसके अलावा, कश्मीर के Special Status को समाप्त करने की भी आलोचना की। रिपोर्ट ने कहा कि भारत सिख अलगाववादियों को सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में अमेरिकी आयोग ने कहा, “2024 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति और खराब होती जाएगी क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़ते रहेंगे।”
आयोग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 2023 से भारत में सिख अलगाववादियों को लेकर अमेरिका और कनाडा में भारत की कथित कार्रवाईयों ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया तनाव पैदा किया है। अमेरिका ने भारतीय खुफिया अधिकारी Vikas Yadav के खिलाफ एक असफल साजिश को लेकर आरोप लगाए हैं, जबकि भारत ने इन आरोपों से इनकार किया है।

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