भारत और पाकिस्तान के बीच जारी जंगी हालातों के बीच भारत अब अपनी सामरिक क्षमता को और धार देने जा रहा है। दुनिया की सबसे विध्वंसक मानी जाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम परियोजना डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ (Defence Industrial Corridor Lucknow) नोड पर 11 मई को ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट का उद्घाटन होने वाला है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा स्थापित की जा रही यह यूनिट 300 करोड़ रुपए के निवेश से तैयार हुई है और भारत को आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दिलाने वाली है। सबसे खास बात यह है कि योगी सरकार ने दिसंबर 2021 में ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के लिए लखनऊ में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क आवंटित की थी। सिर्फ 3.5 वर्षों में इस परियोजना को निर्माण से उत्पादन की अवस्था तक लाना प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है। BrahMos Missile Unit set to be inaugurated in Lucknow on May 11
भारत की सैन्य शक्ति को मिलेगी नई धार
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस जैसी रणनीतिक मिसाइल का बनना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कदम भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश को देश की रक्षा में एक खास भूमिका निभाने वाला राज्य बना देगा। इस प्लांट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश सीधे तौर पर देश की सुरक्षा और विकास में योगदान देगा। यह एक बड़ी और जरूरी परियोजना है जिसमें उत्तर प्रदेश की बड़ी भागीदारी होगी। ब्रह्मोस मिसाइल की यह यूनिट राज्य की पहली अत्याधुनिक और हाई-टेक यूनिट होगी। इससे उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में एयरोस्पेस से जुड़ी इकाइयों और उद्योगों का विकास होगा। साथ ही, राज्य में नई और आधुनिक निर्माण तकनीकें भी शुरू हो सकेंगी। Ultra-modern plant ready to produce BrahMos missiles amid rising India-Pakistan tension
रोजगार और आत्मनिर्भरता को मिलेगी नई गति
‘ब्रह्मोस’ प्रोजेक्ट शुरू होने से उत्तर प्रदेश में पहले से मौजूद एयरोस्पेस कंपनियों को उनके काम और अनुभव के हिसाब से कई नए मौके मिलेंगे। इससे नई तरह की मशीनें बनाने की तकनीक और जांच की सुविधाएं भी तैयार की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट से लोगों को नौकरी भी मिलेगी। करीब 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को सीधे काम मिलेगा। इसके अलावा, कई हजार कुशल, अर्ध-कुशल और सामान्य काम करने वाले लोगों को भी परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस यूनिट को चलाने में मदद करने वाले बाकी उद्योगों में भी बहुत से लोगों को काम मिलेगा। CM Yogi eyes Lucknow node of Defence Corridor as India’s strategic power hub
भारत और रूस का ज्वाइंट वेंचर है ब्रह्मोस
उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूसी संघ की सरकार के ‘जेएससी’ ‘एमआईसी’ एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिया (NPOM) के संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी। ‘ब्रह्मोस’ नाम दो महान राष्ट्रों के प्रतीक स्वरूप रखा गया है, जो दो महान नदियों — ब्रह्मपुत्र की प्रचंडता और मॉस्कवा की शांति — को दर्शाता है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना भारत की ओर से 50.5% और रूस की ओर से 49.5% हिस्सेदारी के साथ की गई थी। यह अपने प्रकार का पहला रक्षा संयुक्त उद्यम (JV) है जिसे भारत सरकार ने किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर स्थापित किया है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के डिजाइन, विकास, उत्पादन और विपणन (मार्केटिंग) की जिम्मेदारी निभाता है, जिसमें भारतीय और रूसी उद्योगों का सक्रिय योगदान होता है।