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August 8, 2025

Millet Shree Anna: भारत में 2024-25 में 180.15 लाख टन मिलेट उत्पादन, राजस्थान सबसे ऊपर 

The CSR Journal Magazine
Millet Shree Anna: भारत ने 2024-25 में 180.15 लाख टन मिलेट (श्री अन्न) का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष से 4.43 लाख टन अधिक है। एफएओ 2023 के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट उत्पादक है और वैश्विक उत्पादन में 38.4% योगदान देता है। इस साल के आंकड़ों में राजस्थान पहले, महाराष्ट्र दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर रहा।

Millet Shree Anna – पोषण और अनुकूलन का अद्भुत संगम

मोटे अनाज के रूप में जाने जाने वाले मिलेट को “श्री अन्न” कहा जाता है। ये अनाज प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं, ग्लूटेन मुक्त होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये मधुमेह और सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के प्रस्ताव पर 2023 को “इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट” घोषित किया था।

Millet Shree Anna को लेकर केंद्र सरकार की व्यापक पहल

भारत सरकार ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिए खेती से लेकर प्रसंस्करण, निर्यात और अनुसंधान तक पूरे मूल्य श्रृंखला में योजनाएं लागू की हैं – खेती के लिए सहायता: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – पोषक अनाज उप-मिशन, पीएम-आरकेवीवाई योजना और कृषिओन्नति योजना के तहत ₹8,000 करोड़ का आवंटन। प्रसंस्करण एवं वैल्यू चेन समर्थन: पीएम-एफएमई योजना के लिए ₹2,000 करोड़, मिलेट आधारित उत्पादों के लिए पीएलआई योजना में ₹800 करोड़। निर्यात संवर्धन: एपीडा के नेतृत्व में ₹80 करोड़ का बजट, मिलेट निर्यातक पोर्टल और निर्यात संवर्धन मंच की स्थापना। अनुसंधान एवं विकास: आईसीएआर-आईआईएमआर द्वारा उच्च उपज वाली किस्मों का विकास, किसानों को प्रशिक्षण और एफपीओ गठन में सहयोग। सार्वजनिक वितरण: पीएम-जीकेएवाई और एनएफएसए के तहत मिलेट को खरीद और वितरण प्रणाली में शामिल किया गया।

राज्यों की नवाचारपूर्ण पहलें

ओडिशा मिलेट मिशन: रागी और अन्य मिलेट को सरकारी योजनाओं से जोड़ना, आंगनवाड़ी में रागी लड्डू, मिलेट शक्ति कैफे और इनक्यूबेशन केंद्र।
छत्तीसगढ़: कोदो, कुटकी और रागी उत्पादन में सुधार के लिए आईआईएमआर के साथ साझेदारी।
हरियाणा: भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरे को मूल्य संरक्षण, किसानों को ₹600 प्रति क्विंटल तक मुआवजा।
आंध्र प्रदेश: फॉक्सटेल और ब्राउन टॉप मिलेट आधारित व्यंजन, एफपीओ के जरिए छोटे मिलेट का प्रचार।
नागालैंड: एनएफएसएम के तहत फॉक्सटेल मिलेट को बढ़ावा, बीज वितरण और प्रशिक्षण।

निर्यात और उपभोग में वृद्धि

2024-25 में भारत ने 89,164.96 टन मिलेट का निर्यात किया, जिसका मूल्य 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। बाजरा सबसे ज्यादा उत्पादित मिलेट रहा, इसके बाद ज्वार, रागी और छोटे बाजरे का स्थान रहा।

भविष्य की दिशा

सरकार मिलेट को आहार में शामिल करने के लिए सरकारी कार्यालयों, कैंटीनों और आयोजनों में बाजरा-आधारित भोजन की सिफारिश कर रही है। दिल्ली हाट में ‘मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर’ स्थापित किया गया है, जहां जनता को इसके लाभ और उत्पादों के बारे में जानकारी दी जाती है। श्री अन्न न केवल पोषण और स्वास्थ्य का मजबूत आधार है बल्कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी एक स्थायी समाधान है। केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयास से भारत वैश्विक मिलेट बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत कर रहा है।

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