Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
May 29, 2025

अब मेड इन इंडिया होंगे 5th Generation Stealth फाइटर जेट AMCA, सरकार ने दिखाई हरी झंडी

5th Generation Stealth Fighter Jet Project– भारत सरकार ने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी और घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को मजबूत करेगी। AMCA का विकास ADA द्वारा किया जा रहा है, जिसमें HAL और निजी कंपनियों की भी भागीदारी होगी। यह विमान चीन के J-20 और पाकिस्तान के JF-17 को चुनौती देगा और भारत को विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान निर्माता बनाएगा।
भारत सरकार ने मंगलवार को स्वदेशी फाइटर जेट प्रोजेक्ट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को मंजूरी दे दी है। यह कदम देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को नई दिशा देगा और घरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को मजबूती प्रदान करेगा। AMCA का विकास भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने और देश की रक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की अगुवाई एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) करेगी, जो DRDO के तहत काम करती है। एयरक्राफ्ट के निर्माण में Hindustan Aeronautics Limited के साथ-साथ अब निजी कंपनियों को भी भागीदारी का मौका मिलेगा। जल्द ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी किया जाएगा।

भारत खरीदेगा नहीं बल्कि खुद बनाएगा AMCA

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- AMCA प्रोजेक्ट के जरिए भारत अमेरिका, रूस और चीन की लीग में शामिल होकर एक विश्वस्तरीय फाइटर जेट निर्माता देश बनने की ओर बढ़ रहा है। साथ ही भारत के इस फैसले से दुनिया की महाशक्तियों को साफ़ तौर पर संदेश मिल गया कि भारत 5वीं पीढ़ी का एयरक्राफ्ट खरीदेगा नहीं बल्कि खुद बनाएगा। AMCA न केवल चीन के J-20 और पाकिस्तान के JF-17 Block-III को चुनौती देगा, बल्कि भारत को स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट क्लब में ले जाएगा। इससे भारत को आत्मनिर्भरता, एडवांस तकनीक और रणनीतिक बढ़त मिलेगी।

AMCA प्रोजेक्ट के बारे में प्रमुख जानकारी

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने इस परियोजना को 15,000 करोड़ रुपए के बजट के साथ मंजूरी दी थी।
AMCA भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जो भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाएगा। विमान का डिजाइन ADA द्वारा तैयार किया गया है और निर्माण का काम HAL की देखरेख में होगा। AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) एक भारतीय पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायु सेना के लिए विकसित किया जा रहा है। इसकी कुछ प्रमुख खूबियां हैं-
स्टेल्थ तकनीक: AMCA में स्टेल्थ तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करेगी।
हाई स्पीड: AMCA उच्च गति से उड़ने में सक्षम होगा, जो इसे दुश्मन के विमानों को जल्दी से नष्ट करने में मदद करेगा।
एडवांस एवियोनिक्स: AMCA में उन्नत एवियोनिक्स प्रणाली होगी, जो पायलट को बेहतर नियंत्रण और निर्णय लेने में मदद करेगी।
मल्टी रोल क्षमता: AMCA विभिन्न भूमिकाओं में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि हवाई लड़ाई, जमीन पर हमला, और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना।
स्वदेशी तकनीक: AMCA का विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय विमान उद्योग द्वारा किया जा रहा है, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देगा।

क्या है 5th Generation Stealth Fighter Jet

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- दुनिया में जैसे जैसे हम चिकित्सा, अंतरिक्ष अन्वेषण आदि के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास कर रहे हैं, उसी प्रकार रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी विकास काफी तेजी से हो रहा है। भारतीय वायुसेना में Rafale (4.5 वीं पीढ़ी के विमान) को शामिल किए जाने के बाद, हर कोई 5 वीं पीढ़ी के विमानों के बारे में जानना चाहता है।
5th Generation Stealth Fighter Jet की कोई स्वीकृत या सटीक परिभाषा नहीं है। लेकिन लॉकहीड मार्टिन नामक निर्माता ने इसे परिभाषित किया, वे एयरक्राफ्ट जिनमें, उन्नत एवियोनिक्स सुविधाओं, अत्यधिक एकीकृत कंप्यूटर सिस्टम, स्टील्थ तकनीक, लो प्रोबेबिलिटी ऑफ़ इंटरसेप्ट राडार (LPIR), और उच्च-प्रदर्शन एयरफ्रेम जैसे सभी सबसे आधुनिक प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल हुआ हो, 5th Generation Stealth Fighter Jet कहा जाता है।

दुनिया में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की सूची

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- दुनिया में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के युग की शुरुआत 2005 में अमेरिकी वायुसेना में शामिल ‘Lockheed Martin F-25 Raptor’ से मानी जाती है। आज 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान भारत, चीन, रूस, जापान, तुर्की, यूरोप और दक्षिण कोरिया जैसे कई देशों के पास या तो बन चुके हैं या विकास के चरण में हैं। आइये इस लेख में जानते हैं कि विश्व में कौन कौन से 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं।
एयरक्राफ्ट का नाम
देश
निर्माण वर्ष
1. बोईंग साब T-7 रेड हॉक (T-X)
अमेरिका
2023, विकास के चरण में
2. चेंगदू (AVIC) J-20 (ब्लैक ईगल)
चीन
2017, एक्टिव, लिमिटेड सर्विस
3. HAL AMCA (उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान)
भारत
2030, विकास के चरण में
4. एचएएल सुखोई PMF/FGFA
भारत
2019, विकास के चरण में
5. HESA F-313 काहेर (कन्क्वेरर)
ईरान
2018, विकास के चरण में
6. KAI KF-X
साउथ कोरिया
2022 फर्स्ट फ्लाइट
7. लॉकहीड मार्टिन एफ -22 रैप्टर
अमेरिका
2005 (सक्रिय, सेवा में)
8. लॉकहीड मार्टिन एफ -35 लाइटनिंग II
अमेरिका
2016  (सक्रिय, सेवा में)
9. मित्सुबिशी एक्स -2 (एटीडी-एक्स / शिंशिन)
जापान
2016, स्टेटस:रिटायर्ड,लिमिटेड सर्विस
10. नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन T-X (मॉडल 400)
अमेरिका
2017, (फ़िलहाल रद्द हो गया है)
11 . स्टैवेटी जेवेलिन T-X
अमेरिका
2017, (फ़िलहाल रद्द हो गया है)
12 . सुखोई Su-57 (फेलॉन)
रूस
2019, विकास के चरण में

सर्वश्रेष्ठ 5 वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का विवरण

  1. अमेरिकी लॉकहीड F-22 रैप्टर:
अमेरिकी Lockheed F-22 Raptor वर्तमान में सबसे अधिक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। इसने 5 वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की होड़ को शुरू किया है। यह वर्ष 2005 से ही सेवा में है। F-22, रैप्टर एक ट्विन-इंजन, सिंगल-सीट, संयुक्त राज्य अमेरिका की वायुसेना के लिए विकसित सभी मौसम वाला स्टील्थ सामरिक लड़ाकू विमान हैं। इसकी अधिकतम गति 2,574 किलोमीटर प्रति घंटे और सर्विस सीलिंग 50,000 फीट है।
2. HAL AMCA-भारत- भारत का प्रयास दुनिया के उन चुनिन्दा देशों में शामिल होना है जिनके पास 5 वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान है। भारत ने एयरो इंडिया 2013 में इस 5 वीं पीढ़ी के विमान का निर्माण करने के लिए रूस के साथ साझेदारी की थी। HAL AMCA एक ट्विन-इंजन एयरक्राफ्ट होगा, जिसका आकार हीरे के आकार का होगा जिसमें निहित स्टील्थ फीचर्स होंगे। यह 2030 तक पूरी तरह बन जायेगा।
3. सुखोई Su-57(फेलॉन) रूस- रूसी Sukhoi Su-57 एक पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल विमान है, जो अमेरिकी लॉकहीड एफ -22 “रैप्टर” के साथ टक्कर लेने के लिए विकसित किया जा रहा है और जल्दी ही सेवा में आ जायेगा। यह हवाई श्रेष्ठता और हमले के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। Su-57 एयरक्राफ्ट, रूसी सैन्य सेवा में स्टील्थ तकनीक का उपयोग करने वाला विमान होगा। इसे बनाने का मुख्य उद्येश्य MiG-29 और Su-27 को रिप्लेस करना है। यह रूस द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे बेस्ट फाइटर एयरक्राफ्ट होगा। इस जेट से रूस के ग्राउंड और नेवल डिफेंस को मजबूती मिलेगी साथ ही सुपरक्रूज, सुपरमूनवेबिलिटी, और एडवांस्ड एवियोनिक्स को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
4. चेंगदू J-20-चीन- चीन का Chengdu J-10 Vigorous Dragon एक 5 वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसमें स्टील्थ फीचर्स अमेरिकी लॉकहीड एफ -22 रैप्टर के मुकाबले थोड़े कमजोर हैं। हालांकि चीनी जे -20 विमान अमेरिकी लॉकहीड एफ -22 रैप्टर से टक्कर लेने के लिए बनाया गया है। जे-20 की अधिकतम गति 2,100 किलोमीटर प्रति घंटे है और सर्विस सीलिंग 59,055 फीट है।

5th Generation Fighter Jet का भारत में शुरुआती दौर

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- रूस और यूक्रेन की जंग दुनिया के देशों के लिए सबक है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश पांचवी पीढ़ी के फाइटर प्लेन को लेकर काफी एडवांस स्टेज में पहुंच चुके हैं। वहीं, भारत अभी इसके शुरुआती चरण में हैं और उसे कई महत्वपूर्ण पड़ावों को पार करना है। भारत भी पांचवी पीढ़ी के फाइटर प्लेन पर काम कर रहा है। भारत ने एयरो इंडिया 2013 में 5वीं पीढ़ी के फाइटर प्लेन बनाने के लिए रूस के साथ साझेदारी की थी। 2017 में इसका एक स्टेज पूरा हो गया था। देश में इस फाइटर प्लेन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा चुका है। पांचवी पीढ़ी के फाइटर प्लेन को एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (AMCA) नाम दिया गया है। यह दो इंजन वाला फाइटर जेट है। यह विमान बेहद अत्याधुनिक और खतरनाक है। DRDO और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस विमान पर मिलकर काम कर रहे हैं। इस फाइटर प्लेन को बीवीआर मिसाइल के साथ क्लोज कॉम्बेट फाइट की क्षमता से भी लैस किया जाएगा। इसे स्टेल्थ एयर फ्रेम के साथ ही नेटसेंटरिक वारफेयर, सेंसर डेटा फ्यूजन और एडवांस इंटीग्रेटेड सेंसर से भी लैस किया जाएगा। इस फाइटर जेट के 2025 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। इसके अलावा कोरिया KAI KF-21 और तुर्की TAI TF-X फाइटर प्लेन भारत के साथ काम कर रहे हैं।

अमेरिका के F-35 से होगा बेहतर AMCA

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- देश में बनने वाला AMCA अमेरिका के सबसे खतरनाक फाइटर जेट F-35 को स्पीड के मामले में पीछे छोड़ देगा। AMCA की अधिकतम स्पीड 2633 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। वहीं, अमेरिकी फाइटर जेट की अधिकतम स्पीड 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा है। AMCA रेंज में अमेरिकी F-35 के 2800 किलोमीटर के मुकाबले 3240 किलोमीटर रेंज वाला होगा। भारतीय फाइटर प्लेन की कॉम्बैट रेंज 1620 किलोमीटर होगी। वहीं, F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है। भारतीय फाइटर प्लेन की लंबाई 57.9 फीट होगी। वहीं, F-35 की लंबाई 51.4 फीट है। स्वदेशी फाइटर प्लेन का विंगस्पैन 36.6 फीट का होगा, जबकि F-का 35 फीट है। स्वदेशी प्लेन ऊंचाई 14.9 फीट होगी जबकि अमेरिकी फाइटर प्लेन F-35 की ऊंचाई 14.4 फीट है। फ्यूल कैपिसिटी में एफ-35 AMCA से आगे होगा। अमेरिकी विमान में फ्यूल कैपिसिटी 8275 किलोग्राम हैं, वहीं भारतीय फाइटर प्लेन में 6500 किलोग्राम होगी।

भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान HAL HF 24 Marut 

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी AMCA देश में ही विकसित होने वाला दूसरा फाइटर एयरक्राफ्ट होगा। इससे पहले भारत में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजसऔर उसके एडवांस्ड वर्जन तेजस मार्क-1 को तैयार किया जा चुका है। इसके और भी उन्नत संस्करण मार्क-1-ए पर काम चल रहा है।
कई लोग सोचते हैं कि LCA तेजस भारत में बना पहला और सबसे उन्नत लड़ाकू विमान है, लेकिन वास्तव में मारुत ही पहला ‘Make In India’ लड़ाकू विमान है। सिर्फ भारत में ही नहीं, HAL HF-24 मारुत पहला ऐसा एशियाई फाइटर जेट था जो सिर्फ परीक्षण चरण तक सीमित नहीं रहा, आगे निकलते हुए लगभग 25 वर्षों तक सक्रिय ड्यूटी पर रहा। पहला मारुत आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल, 1967 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया। लगभग 20 वर्षों के उत्पादन में कुल 147 HF-24 मारुत का निर्माण किया गया। भारतीय वायु सेना ने शुरू में इस जेट को एक इंटरसेप्टर के रूप में शामिल किया था, लेकिन मारुत ने भारतीय वायुसेना के लिए कई जमीनी भी हमले किए। बताया जाता है कि तकनीकी समस्याओं और नए विमानों के आगमन के कारण 1980 के दशक के अंत में इसे बंद कर दिया गया।
HAL Tejas-Light Combat Aircraft (LCA) लड़ाकू विमान – भारत द्वारा निर्मित है। तेजस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक हल्का लड़ाकू जेट है। इस विमान को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO), एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिजाइन किया गया था।

The GTRE GTX-35VS Kaveri project

5th Generation Stealth Fighter Jet Project- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (drdo) के गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (GTRE) द्वारा 1980 की दशक में भारत सरकार ने अपने लड़ाकू विमानों के लिए विदेशी इंजनों पर निर्भरता को कम करने के लिए The GTRE GTX-35VS Kaveri परियोजना की शुरुआत की थी लेकिन 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद लगे प्रतिबंधों की वजह से थ्रस्ट में कमी, वजन संबंधी मुद्दों और देरी जैसी चुनौतियों ने इस परियोजना को प्रभावित किया था। 1980 के दशक में शुरू की गई कावेरी इंजन परियोजना का उद्देश्य स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस को शक्ति प्रदान करना था। हालांकि, इस परियोजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण यह तेजस की आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रही। 2008 में कावेरी इंजन को तेजस प्रोग्राम से अलग कर दिया गया था लेकिन अब घातक Stealth UAV जैसे मानव रहित विमानों के लिए इसे विकसित किया जा रहा है। कावेरी 2.0 भारतीय लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी इंजन विकास का एक प्रयास है। यह इंजन, GE F414 जैसे इंजनों के बराबर थ्रस्ट प्रदान करने के लिए बनाया जा रहा है। इसे 2031-32 के आसपास तैयार होने की उम्मीद है।

Latest News

Popular Videos