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July 22, 2025

Special Schools in UP: समावेशी शिक्षा की दिशा में यूपी सरकार का बड़ा कदम, समेकित विद्यालय बन रहे बदलाव की मिसाल

The CSR Journal Magazine
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल की है, जो न केवल दिव्यांगजनों के अधिकारों को सशक्त करती है, बल्कि समाज को भी समावेश और संवेदनशीलता की ओर ले जाती है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा प्रदेश में “समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों” की स्थापना की जा रही है, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहे हैं जिसे पूरे देश में अपनाया जा सकता है।

Special Schools in UP: एक छत के नीचे समावेश की शिक्षा

इन समेकित विद्यालयों की सबसे खास बात यह है कि यहां दिव्यांग और सामान्य दोनों तरह के छात्रों को एक ही कक्षा में पढ़ने का अवसर मिलता है। प्रत्येक विद्यालय में कुल 560 सीटें हैं, जिनमें से 50% सीटें दिव्यांग छात्रों के लिए और 50% सामान्य छात्रों के लिए आरक्षित हैं। अभी तक इन विद्यालयों में करीब 400 छात्रों का पंजीकरण हो चुका है और सभी बच्चे एक समान और सम्मानजनक वातावरण में पढ़ाई कर रहे हैं।

प्रदेश में 7 विद्यालय संचालित, 2 और प्रस्तावित

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कन्नौज, औरैया, आजमगढ़, बलिया, महराजगंज और लखनऊ जिलों में कुल 7 समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। यह विद्यालय कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। अब सरकार ने इस पहल को आगे बढ़ाते हुए शैक्षिक सत्र 2025-26 से गाजियाबाद और प्रतापगढ़ में भी ऐसे दो और विद्यालय शुरू करने की योजना बनाई है।

दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं Special Schools in UP

इन विद्यालयों को दिव्यांग-अनुकूल बनाया गया है। स्कूलों में बैरीयर-फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर, थैरेपी की सुविधा, ब्रेल और ऑडियो सामग्री, और सहायक उपकरण उपलब्ध हैं। साथ ही, विशेष प्रशिक्षित शिक्षक भी इन बच्चों के लिए नियुक्त किए गए हैं। इससे दिव्यांग छात्रों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनने का अवसर मिल रहा है। सामान्य छात्रों को भी इन विद्यालयों में वही गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल रही है, जिससे समावेश का वास्तविक वातावरण तैयार होता है।

समावेशी समाज की ओर बढ़ता प्रदेश

योगी सरकार की यह पहल सिर्फ शिक्षा की दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ा परिवर्तन ला रही है। जब दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ पढ़ते हैं, तो उनके बीच सहानुभूति, सहयोग और समझ की भावना विकसित होती है। यह समाज में भेदभाव को मिटाने और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। समेकित विद्यालयों की सफलता यह दर्शाती है कि शिक्षा केवल ज्ञान देने का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने और संवेदनशीलता सिखाने का सबसे बड़ा जरिया भी है।

तकनीक और न्याय की दिशा में भी काम

दिव्यांगजनों के लिए योगी सरकार की योजनाएं केवल शिक्षा तक सीमित नहीं हैं। ‘दिव्यांगजन पोर्टल’, रोजगार मेले, मोबाइल कोर्ट्स जैसी तकनीकी और न्यायिक सुविधाओं से दिव्यांगों को एक नए आत्मबल के साथ आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।

Special Schools in UP: नया उत्तर प्रदेश, नई दिशा

उत्तर प्रदेश के ये समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय आज समाज को यह सिखा रहे हैं कि जब शिक्षा में समानता और समावेश होगा, तभी समाज में भी सहानुभूति और समरसता का विकास होगा। योगी सरकार की यह नीति न केवल प्रदेश के लाखों दिव्यांग छात्रों के लिए एक नई राह खोल रही है, बल्कि आने वाले समय में पूरे भारत के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बन रही है। उत्तर प्रदेश आज केवल आर्थिक और इंफ्रास्ट्रक्चर में नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय की दिशा में भी देश का नेतृत्व कर रहा है।
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