महाराष्ट्र, जो आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के बाद झुलसाने वाली ‘October Heat’ से गुजरता है, इस साल इससे बच सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अक्टूबर 2025 के लिए जारी अपने ताज़ा वर्षा और तापमान पूर्वानुमान में कहा है कि राज्य समेत देश के अधिकांश हिस्सों में अक्टूबर से दिसंबर तक सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम या सामान्य स्तर पर रहेगा।
महाराष्ट्र में अक्टूबर होगा खुशनुमा
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार “अक्टूबर, नवंबर और दिसं बर के लिए मल्टी-मॉडल एंसेंबल तक नीक से तैयार किए गए पूर्वानुमा न को देखने पर पता चलता है कि दे श के ज़्यादातर हिस्से, जिनमें महाराष्ट्र भी शामिल है, नीले और हरे ज़ोन में हैं। इसका मतलब है कि इस दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। केवल उ त्तर-पश्चिम भारत, राजस्थान, हरि याणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कु छ हिस्से में बारिश सामान्य से कम रहने का अनुमान है।”
IMD के लंबे अवधि के पूर्वानुमान के मुताबिक अक्टूबर में देश भर में औसत से 115 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है। महापात्रा ने कहा, “अक्टूबर में भारत का अधि कांश हिस्सा सामान्य से अधिक बा रिशकी श्रेणी में है। इसका मतलब है कि मानसून का गीला दौर जारी रहेगा, जो कृषि और जल उपलब्धता के लिएसहायक है, लेकिन इससे बा ढ़ जैसे खतरे भी हो सकते हैं।”
दक्षिण रह सकता है भीगा-भीगा
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में भी सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है, जहां इस मौसम में उत्तर-पूर्व मानसून की अधिकांश बारिश होती है। IMD के अनुसार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 112 फ़ीसदी से अधिक वर्षा दर्ज हो सकती है।महाराष्ट्र के लिए सबसे अहम बात यह है कि जहां अक्टूबर की गर्मी आमतौर पर दिन के तापमान को बहुत अधिक बढ़ा देती है और रातें भी उमस भरी हो जाती हैं, इस बार राहत मिलने की संभावना है। IMD के एक अधिकारी ने बताया, “ज्यादातर हिस्सों में ल गातार बारिश के कारण अधिकतम ता पमान सामान्य से कम या सामान्य रहने कीसंभावना है। इसमें महारा ष्ट्र भी शामिल है, जहां मानसून की वापसी के बाद अक्टूबर की गर्मी लोगों को बहुतपरेशान करती है।”
हालांकि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत, उससे लगे पूर्वी हिस्से और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में अक्टूबर में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रह सकता है। वहीं न्यूनतम तापमान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, विशेषकर पूर्व, पूर्वोत्तर और पूर्व-मध्य भारत में।
मुंबई में मॉनसून की विदाई में देरी
मुंबई में भारी बारिश के कारण लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि मुंबई में मॉनसून की विदाई में देर हो सकती है। मुंबई के कई इलाकों में लोगों को भारी बारिश का सामना करना पड़ा है। कोंकण और गोवा, दक्षिणी तटीय गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र में मॉनसून की तेज बारिश हुई है, जिसमें मुंबई के दक्षिणी हिस्से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार मुंबई और आस-पास के इलाकों में 2 अक्टूबर तक अस्थायी रूप से ही सही, लेकिन बारिश थमने की संभावना बताई गई थी। इसके साथ-साथ यह भी बताया गया कि इसके बाद मुंबई में बारिश फिर लौट सकती है, जिससे शहर से मॉनसून के जाने में देरी हो सकती है।
कब हो सकती है मॉनसून की वापसी
स्काईमेट वेदर के अनुसार मुंबई में मानसून की विदाई पहले 29 सितंबर थी लेकिन इसे बाद में 8 अक्टूबर कर दिया गया था। मॉनसून अब इस तारीख से भी आगे बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की बात करें तो ये 15 अक्टूबर को विदा हुआ था वहीं इस बार भी मानसून की ऐसी ही स्थिति का अनुमान लगाया जा रहा है।
IMD महानिदेशक मेट्यूंजय महापात्रा ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाली प्रणाली के विकास के कारण मानसून की वापसी की प्रक्रिया ठप हो गई है। कम से कम एक सप्ताह के लिए आगे की वापसी के लिए कोई अनुकूल शर्तें नहीं हैं। इसलिए, मध्य भारत और देश के अन्य हिस्सों में वर्षा गतिविधि जारी रहेगी।
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