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April 20, 2025

Illegal Child Shelter Homes: बिना अनुमति चल रहे बाल गृहों पर सख्ती, शिकायतों के बाद कड़ा ऐक्शन  

Illegal Child Shelter Homes: महाराष्ट्र के कई जिलों में बिना अनुमति चल रहे बाल गृह (Illegal Child Care Homes in Maharashtra), वसतिगृह और अनाथाश्रमों के खिलाफ अब महिला और बाल विकास विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। विभाग की आयुक्त नयना गुंडे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे संस्थानों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई संस्था बिना रजिस्ट्रेशन के बच्चों की देखभाल कर रही है, तो उसे एक साल तक की जेल, एक लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है।  Illegal Shelter Homes

Illegal Child Shelter Homes: बच्चों के साथ हो रहा शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण

विभाग की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि कई अनधिकृत बाल गृहों में बच्चों के शोषण (Child Abuse in Illegal Orphanages) के मामले सामने आए हैं। इन संस्थाओं में बच्चों को जबरदस्ती बंदी बनाकर रखा जा रहा है। कुछ जगहों पर शारीरिक, मानसिक और लैंगिक शोषण (Sexual Abuse of Children in Homes) की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह न सिर्फ कानूनी रूप से गलत है बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी बेहद चिंताजनक है।

Illegal Child Shelter Homes: कानून के तहत सख्त सजा का प्रावधान

बाल न्याय अधिनियम की धारा 42 (Section 42 of JJ Act) के अनुसार, कोई भी संस्था बच्चों की देखभाल तभी कर सकती है जब उसे अधिकृत प्रमाणपत्र मिला हो। अगर कोई संस्था बिना रजिस्ट्रेशन के अनाथ आश्रम चला रही है (Running Orphanages Without Registration), तो उसके संचालक को कम से कम एक साल का कारावास, कम से कम एक लाख रुपये का आर्थिक दंड, या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।

नागरिकों से की गई है सतर्क रहने की अपील

आयुक्त नयना गुंडे ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके आस-पास कोई ऐसी संस्था संचालित हो रही है, जो बिना रजिस्ट्रेशन बच्चों को रखती है, तो तुरंत इसकी सूचना जिला महिला व बाल विकास अधिकारी को दें या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 (Child Helpline 1098 India) पर कॉल करें। उन्होंने कहा कि समाज को भी सजग रहना चाहिए और बच्चों के शोषण की शिकायत कहां करें (Where to Report Child Abuse in India) जैसी जानकारी सभी को होनी चाहिए। प्रशासन तभी बेहतर काम कर सकता है जब आम लोग भी सहयोग करें।

प्रशासन की ओर से जन जागृति का अभियान

इस विषय पर व्यापक जनजागृति लाने के लिए विभाग की ओर से विशेष अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें आम नागरिकों को बाल गृहों की कानूनी स्थिति (Legal Status of Child Care Homes in India), बच्चों के अधिकार और शिकायत के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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