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November 14, 2025

चेन्नई में भारतीय वायुसेना का प्रशिक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त, IAF ने कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के दिए आदेश

The CSR Journal Magazine
14 नवम्बर 2025 को दोपहर में लगभग 14:25 बजे (IST) के समय Indian Air Force (IAF) का एक प्रशिक्षण विमान चेन्नई-के तिरुपोरूर/तांबरम क्षेत्र के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया!  यह विमान रूटीन ट्रेनिंग मिशन पर था। Pilatus PC‑7 Mk II (जेनेरिक नाम में PC-7) प्रशिक्षण उपकरण विमान था! दुर्घटना ताम्ब्रम (Tambaram), चेन्नई के पास तथा तिरुपोरूर (Tiruporur) के समीप, तमिलनाडु में हुई। पायलट ने समय रहते विमान से इजैक्शन कर लिया, जान-माल की गंभीर हानि नहीं हुई !

IAF का Pilatus PC-7 MK ll दुर्घटनाग्रस्त

भारतीय वायुसेना (IAF) का एक Pilatus PC-7 Mk II प्रशिक्षण विमान शुक्रवार दोपहर अचानक तकनीकी खराबी के बाद चेन्नई के तिरुपोरूर–तांबरम क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा लगभग दोपहर 2:25 बजे के आसपास नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हुआ। सबसे राहत भरी बात यह रही कि विमान में मौजूद पायलट ने समय रहते इजैक्ट कर अपनी जान बचा ली। पायलट को सुरक्षित पाया गया और उसे तुरंत चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजा गया।

 कैसे हुई दुर्घटना?

IAF के अनुसार विमान एक सामान्य प्रशिक्षण मिशन पर था जब पायलट को हवा में तकनीकी समस्या के संकेत मिले। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत पायलट ने विमान को खाली क्षेत्र की ओर मोड़ने का प्रयास किया लेकिन नियंत्रण खोने पर इजैक्शन सिस्टम सक्रिय कर दिया, जिससे उसकी जान बच गई। विमान तिरुपोरूर के पास खुले इलाके में गिरा, जिससे नागरिक इलाकों को किसी प्रकार की बड़ी क्षति नहीं हुई।

दुर्घटना स्थल पर बचाव अभियान

दुर्घटना की सूचना मिलते ही वायुसेना की ताम्ब्रम यूनिट, स्थानीय पुलिस, दमकल टीम तुरंत मौके पर पहुंची। क्षेत्र को सुरक्षित घेरा बनाकर सील किया गया और मलबे के सभी हिस्सों को वायुसेना के विशेषज्ञों द्वारा कब्जे में लिया गया, ताकि जांच में मदद मिल सके।

किस प्रकार का विमान था?

दुर्घटनाग्रस्त विमान Pilatus PC-7 Mk II था। यह IAF में एक प्रमुख बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट है, जिसका उपयोग नए पायलटों को उड़ान के शुरुआती चरणों का प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है। यह दो-सीटर, प्रोपेलर आधारित, अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस विमान है, और अपनी विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। IAF वायुसेना ने इस हादसे की तत्काल जांच के लिए एक कोर्ट ऑफ इनक्वायरी (COI) गठित की है, जो दुर्घटना के कारणों की गहराई से पड़ताल करेगी, तकनीकी खराबी, रखरखाव संबंधी मुद्दे, मानव-त्रुटि, या अन्य किसी संचालनगत वजह पर जांच होगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

अभी तक किसी प्रकार की नागरिक क्षति या घायल होने की जानकारी सामने नहीं आई है। घटनास्थल आवासीय इलाके से थोड़ा दूर होने के कारण बड़ा हादसा टल गया। आस पास के गांवों के लोगों ने बताया कि उन्होंने एक तेज आवाज सुनी और फिर विमान को नीचे आते देखा। कई लोग तत्काल मौके पर पहुंचे लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें दूर रखा गया।
IAF का यह हादसा भले ही बड़ा हो सकता था, लेकिन पायलट की तुरंत कार्रवाई और विमान के सुरक्षा तंत्र ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। अभी दुर्घटना की असली वजह सामने आने में कुछ दिन लग सकते हैं, लेकिन वायुसेना की तत्परता और बचाव प्रयासों की सराहना की जा रही है।

IAF की पिछली विमान दुर्घटनाओं का इतिहास

भारतीय वायुसेना (IAF) में पहले भी कई प्रशिक्षण (Trainer) और युद्धक विमान दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण इस प्रकार है-

1. Pilatus PC-7 Mk II (ट्रेनर) हैदराबाद क्रैश (2023)

दिसंबर 2023 में, एक Pilatus PC-7 Mk II ट्रेनर विमान हैदराबाद के डुंडिगल एयर फोर्स अकादमी से रूटीन ट्रेनिंग उड़ान पर था, जब वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलट (इंस्ट्रक्टर और कैडेट) की मृत्यु हो गई। IAF ने इस हादसे की वजह जानने के लिए Court of Inquiry (जांच आयोग) का गठन किया। यह पहली बार था जब IAF का यह मॉडल (PC-7 Mk II) दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जबकि इसे पहले से कई घंटे की उड़ान का अनुभव था।

2. Su-30MKI (लड़ाकू) विभिन्न दुर्घटनाएं

Su-30MKI, जो IAF का एक बहुत महत्वपूर्ण मल्टी-रोल फाइटर है, इसके कई क्रैश रिकॉर्ड किए गए हैं। उदाहरण के लिए, 2009 में एक Su-30MKI राजस्थान में क्रैश हुआ था और दोनों पायलटों ने इजैक्शन किया था। अन्य भी हादसे हुए हैं- जैसे इंजन फायर, नियंत्रण प्रणाली में टेक्निकल गड़बड़ी आदि।

3. HAL Tejas (हल्का लड़ाकू / ट्रेनिंग रोल)

मार्च 2024 में, एक HAL Tejas विमान राजस्थान में क्रैश हुआ। पायलट सुरक्षित इजैक्ट करने में सफल रहा। यह हादसा दिखाता है कि ऑपरेशनल ट्रेनिंग या अभ्यास उड़ानों में आधुनिक विमानों के साथ भी जोखिम रहते हैं।

इन घटनाओं का महत्व और सीख

प्रशिक्षण उड़ानें जोखिम भरी होती हैं- IAF में ट्रेनिंग मिशन बेहद जरूरी होते हैं क्योंकि नए पायलटों को फाइटर और अन्य जटिल विमानों को उड़ाने की तैयारी करनी होती है। लेकिन ट्रेनर विमान भी तकनीकी विफलताओं, मानव त्रुटि या अन्य कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं।
इजैक्शन सिस्टम की महत्ता: कई हादसों में पायलटों ने समय रहते इजैक्शन कर अपनी जान बचाई है, जो वायुसेना की सुरक्षा प्रक्रियाओं की एक बड़ी ताकत है।
जांच और सुधार की जरूरत: हर दुर्घटना के बाद IAF जांच करती है (जैसे कोर्ट ऑफ़ इनक्वायरी) ताकि कारणों का विश्लेषण कर भविष्य में ऐसे हादसों को कम किया जा सके।
फ्लाइट सुधार और मेंटेनेंस: विमानों की नियमित देखभाल, उन्नत तकनीक और प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारने पर अधिक जोर देना चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं की संख्या घटे।
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