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October 14, 2025

Human Trafficking- झारखंड में ट्रेन से गोवा ले जाए जा रहे 13 बच्चों को RPF ने किया रेस्क्यू 

The CSR Journal Magazine
रांची: झारखंड में एक ट्रेन से 13 बच्चों, जिनमें एक लड़की भी शामिल है, को बचाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन बच्चों को कथित तौर पर गोवा तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था।

Human Trafficking– गोवा ले जाए जा रहे थे बच्चे

सोमवार शाम को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मुरी स्टेशन पर वास्को द गामा (VSG) साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर निगरानी शुरू की। अधिकारियों के अनुसार, “कर्मचारियों ने बच्चों पर नजर रखी जब तक कि ट्रेन रांची स्टेशन नहीं पहुंची। स्टेशन पर पहुंचने के बाद बच्चों को बचाया गया। बच्चों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच थी और उनमें से अधिकतर ने ट्रेन में जसीडीह जंक्शन से सवार हुए थे।”

बच्चों को नहीं था कुछ भी पता

जब अधिकारियों ने उनसे पूछा कि वे कहां जा रहे हैं और उनके साथ कौन है, तो बच्चे ठीक से जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने केवल इतना बताया कि उन्हें गोवा जाना है, जहां उन्हें काम मिलेगा। बाद में इन बच्चों को चाइल्डलाइन (Child Line) अधिकारियों को सौंप दिया गया। इस संबंध में जीआरपी रांची (GRP Ranchi) में मामला दर्ज किया गया है।

अगरतला से बचाए 3 बच्चे

रविवार को एक अन्य अभियान में तीन आदिवासी लड़कों को रांची स्टेशन से बचाया गया, जिन्हें अगरतला तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। ये तीनों लड़के असुर जनजाति से संबंध रखते हैं और उन्हें अगरतला एक मिल में काम करने के लिए भेजा जा रहा था। इस मामले में आरोपी जगतपाल उरांव को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे गुमला से रांची तक बच्चों को लाने के लिए ₹5,000 दिए गए थे।

पिछले माह 18 बच्चे रेस्क्यू किए गए

Human Trafficking Case जोगबनी से आनंद विहार टर्मिनल जा रही सीमांचल एक्सप्रेस (12487) में पांच सितंबर को मानव तस्करी की सूचना पर आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। इस दौरान 18 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। इन बच्चों की काउंसलिंग प्रक्रिया कर उनसे पूछताछ के आधार पर इसके आधार पर GRP थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।

काम दिलाने का झांसा देकर बच्चे ले जाए जा रहे थे मुंबई

31 अगस्त को कटनी जिले में रेल पुलिस और बाल संरक्षण इकाई ने कार्रवाई करते हुए 5 मासूम बच्चों को बालश्रम के जाल से बचाया। चलती ट्रेन से बच्चों को रेस्क्यू किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया  गया। मुंबई के आर्टिफिशियल ज्वैलरी कारखाने में काम दिलाने का झांसा देकर आरोपी उन्हें ले जा रहा था। कटनी GRP टीआई लालता प्रसाद कश्यप ने बताया कि आरोपी की पहचान उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले सतीश साहू के रूप में हुई है। आरोपी बच्चों को मुंबई के आर्टिफिशियल ज्वैलरी कारखाने में काम दिलाने के नाम पर ले जा रहा था। इसके लिए उसने परिजनों को 16 हजार रुपए एडवांस और हर महीने 6 हजार रुपए देने का लालच दिया था। रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र 11 से 15 वर्ष के बीच थी।
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