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November 27, 2025

हांगकांग के कई हाई-राइज़ टावरों में भीषण आग- लापरवाही, सुरक्षा चूक और टूटे परिवार 

The CSR Journal Magazine
Wang Fuk Court Tai Po Hong Kong में हुई भीषण त्रासदी! 8 रिहायशी कॉम्प्लेक्स में एक साथ लगी भीषण आग! बड़े पैमाने पर मौतें, गिरफ्तारी और सुरक्षा-चूक पर सवाल! बुधवार दोपहर को Tai Po जिले में स्थित Wang Fuk Court नामक हाऊसिंग कॉम्प्लेक्स में आग लगी। शुरआत एक 32-मंजिला ब्लॉक की बाहरी बाम्बू की Scaffolding और उसके नीचे लगे नेट/कवर से हुई। आग इतनी तेजी से फैली कि उसमें सात में से कम-से-कम सात हाई-राइज टावर जल उठे।

आग का तांडव: मिनटों में सात इमारतें घिरीं लपटों में

हांगकांग के ताई पो इलाके स्थित वांग फुक कोर्ट नामक विशाल आवासीय परिसर में बुधवार दोपहर लगी आग कुछ ही मिनटों में भयावह रूप ले बैठी। 32-मंजिला एक टावर की बाहरी बांबू स्कैफोल्डिंग से शुरू हुई आग तेज हवा और ज्वलनशील बाहरी कवरिंग की वजह से तेजी से फैलती चली गई। देखते ही देखते सात हाई-राइज़ ब्लॉक लपटों में घिर गए।इस विशाल कॉम्प्लेक्स में हजारों लोग रहते थे। कॉम्प्लेक्स में करीब 2,000 फ्लैट्स हैं, जिसमें लगभग 4,600–4,800 निवासी रहते थे। इमारतों की ऊंचाई, घना धुआं, जलती सामग्री और गिरते मलबे ने आग को और घातक बना दिया। कई निवासी अपने फ्लैटों में फंस गए और मदद का इंतजार करते रहे।

भीषण हानि: कई मौतें, सैकड़ों घायल और लापता

हादसे में अब तक दर्जनों लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों ने अब तक पुष्टि की है कि इस अग्निकांड में कम-से-कम 44 लोग मारे गए, जिसमें एक अग्निशमनकर्मी भी शामिल है। साथ ही, लगभग 279 लोग लापता बताए जा रहे हैं।  सैकड़ों लोग घायल हुए हैं- अधिकांश जलने व धुएं की चपेट में आने से, और कई की हालत गंभीर है। करीब 900 से अधिक निवासियों को तुरंत सुरक्षित ठिकानों में शिफ्ट किया गया। सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। प्रशासन ने लोगों को अस्थायी शरणस्थलों में शिफ्ट किया है, क्योंकि कई टावर रहने लायक नहीं बचे।

सुरक्षा की अनदेखी: आग के फैलने की असली वजह

आग के फैलने को लेकर जो शुरुआती जानकारियां सामने आईं, वे और चिंताजनक हैं। बाहरी निर्माण के दौरान उपयोग की गई बांबू स्कैफोल्डिंग बेहद ज्वलनशील साबित हुई। स्कैफोल्डिंग पर चढ़ाए गए कवर, नेट और कुछ स्थानों पर लगा स्टाइरोफोम जैसे पदार्थ आग पकड़ने वाले थे, जबकि मानकों के अनुसार ये अग्निरोधी होने चाहिए थे। मरम्मत और सुरक्षा निरीक्षण के दौरान आवश्यक परीक्षण और मंजूरी ठीक से नहीं की गई थी। इन्हीं चूकों ने आग को ऐसी रफ्तार दी कि बचाव दल भी घंटों तक ऊपरी मंज़िलों तक पहुँच पाने में संघर्ष करता रहा।

सिर्फ दुर्घटना नहीं, नियोजन व निरीक्षण की बड़ी विफलता

यह हादसा सिर्फ एक आकस्मिक आग नहीं है, बल्कि उस लंबे समय से चली आ रही सुरक्षा-चूक, नियामकीय लापरवाही और अवैध निर्माण/मरम्मत पद्धतियों का परिणाम है। बांबू स्कैफोल्डिंग, जिसे पारंपरिक पद्धति माना जाता है, अभी भी Hongkong में कई मरम्मत कार्यों में प्रयुक्त होती है। लेकिन इस वर्ष सरकार ने इसे सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स में हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी, सुरक्षा कारणों से। बावजूद इसके, इस कॉम्प्लेक्स में वही “पुरानी पद्धति” अपनाई गई, जिसमें सस्ता, लेकिन ज्वलनशील नेट कवर और स्कैफोल्डिंग इस्तेमाल हुआ। यह स्पष्ट संकेत है कि “लागत बचत” के चक्कर में जान की कीमत नहीं समझी गई। इसके अलावा, जिस कंपनी को मरम्मत-कार्य सौंपी गई थी , उसकी जिम्मेदारी, निरीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा प्रमाणन, इन सब में चूक सामने आई है।

ठेकेदार और इंजीनियर पर गंभीर लापरवाही का आरोप

घटना के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो लोग उस निर्माण कंपनी से जुड़े बताए गए हैं, जिसके जिम्मे मरम्मत कार्य था, जबकि तीसरा एक इंजीनियरिंग सलाहकार है। इन पर गंभीर लापरवाही, सुरक्षा नियमों की अनदेखी और अनुचित निर्माण सामग्री का उपयोग करने के आरोप लगाए गए हैं। प्रशासन इस त्रासदी को “मानव-निर्मित दुर्घटना” करार दे रहा है।

राहत और बचाव: दमकल विभाग की सबसे बड़ी चुनौती

दमकल विभाग ने घटना के तुरंत बाद सैकड़ों अग्निशमनकर्मी, एम्बुलेंस और उपकरण मौके पर भेजे। बचाव और राहत प्रयास सबसे बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। बचाव दल ने 128 से अधिक अग्निशमन गाड़ियां, 60–100 एम्बुलेंस, और लगभग 800–1,200 फायर / मेडिकल कर्मी मौके पर तैनात किए। रात भर आग बुझाने व लोगों को बचाने की कोशिश जारी रही, लेकिन ऊंचाई, धुआं, ऊंचे तापमान, नीचे गिरते हुए मलबे और स्कैफोल्डिंग की वजह से बचाव करना बेहद जोखिम भरा रहा।  स्थानीय प्रशासन ने पास के स्कूल बंद कर दिए, सडक बंद हुई और बस मार्गों में बदलाव किया गया ताकि बचाव व राहत कार्यों में बाधा न आए। अनगिनत परिवार रोते-बिलखते अपने प्रियजनों की तलाश में अस्पतालों और राहत शिविरों में भटकते रहे।

पूरे शहर के लिए चेतावनी: नियमों की अनदेखी कैसे बनती है मौत का कारण

यह हादसा सिर्फ आग नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही निर्माण संबंधी ढिलाई और सुरक्षा की अनदेखी का परिणाम है। कम लागत वाली लेकिन खतरनाक सामग्री, अधूरी निगरानी, और जल्दबाजी में किए गए मरम्मत कार्यों ने मिलकर इस त्रासदी को जन्म दिया।अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसे प्रोजेक्ट्स पर कड़ी निगरानी और प्रमाणन सुनिश्चित किया जाएगा, या फिर यह आग भी सिर्फ एक आंकडा बनकर रह जाएगी! हांगकांग की इन ऊंची इमारतों में लगी आग ने हजारों लोगों की जिंदगी एक झटके में बदल दी। यह हादसा इस बात का सबूत है कि शहर चाहे कितना भी आधुनिक क्यों न हो, यदि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाए, तो एक छोटी सी चूक भी भयावह विनाश का रूप ले सकती है। यह त्रासदी एक बार फिर याद दिलाती है- सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।
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