हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच बारिश ने तबाही मचाई है। जगह-जगह भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे सहित 690 सड़कें बंद हैं। 2,349 बिजली ट्रांसफार्मर व 234 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। इससे कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप है। आठ जिलों में आज शिक्षण संस्थान बंद रखे गए हैं।
हिमाचल में फिर बारिश ने मचाई तबाही
हिमाचल में बारिश ने कई दिनों से बर्बादी का माहौल पैदा कर रखा है। नदी-नाले उफान पर है और पहाड़ दरक रहे हैं। कुल्लू मनाली में बारिश से खासा नुकसान हुआ है।मनाली-लेह नेशनल हाईवे बिंदु ढांक के पास नदी में समा गया। बाहंग में एक रेस्टोरेंट और चार दुकानें ब्यास के तेज बहाव में बह गईं। भारी बारिश से मनाली के बाहंग में शेर-ए-पंजाब रेस्तरां ब्यास नदी में आई बाढ़ में बह गया। अब सिर्फ इसका गेट बचा है। 14 मील में भी रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। 15 मील में एक शौचालय व कुछ खोखे ब्यास में बह गए। ब्यास नदी का पानी आलू ग्राउंड और बाहंग में हाईवे पर तक पहुंच गया। इसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने आलू ग्राउंड और बाहंग क्षेत्र रात में ही खाली करवा दिया। आलू ग्राउंड के समीप पुलिस ने ब्यास नदी के बीच एपीएमसी भवन में फंसे व्यक्ति को किया सुरक्षित रेस्क्यू किया।
मंडी में ज़मींदोज़ हुईं कई इमारतें-दुकानें
मंडी के बालीचौकी में भारी बारिश के चलते 2 बिल्डिंग ज़मींदोज़ हो गईं। इन बिल्डिंगों में 40 से ज्यादा दुकानें चल रही थीं। हादसे की आशंका को देखते हुए दोनों बिल्डिंगों को 5 दिन पहले ही खाली करा दिया गया था, जिसकी वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। यहां गेस्ट हाउस सहित रिहायशी कमरे और दुकानें थीं, जो कि अब पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं। अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने टूटता देख प्रभावित सदमे में हैं। प्रभावितों ने सरकार से अधिक से अधिक मदद की गुहार लगाई है।
चार मणिमहेश श्रद्धालुओं समेत पांच की मौत, यात्रा रोकी
मणिमहेश यात्रा पर गए पंजाब के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। हिमाचल प्रशासन ने यात्रा पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु अभी भी बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। हालांकि, सभी सुरक्षित स्थानों पर हैं। वहीं, नूरपुर में डडवाड़ा गांव का गुरुदेव सिंह (72) की खड्ड में बहने से मौत हो गई। वहीं मंडी शहर में ब्यास नदी पंचवक्त्र मंदिर तक पहुंच गई है। ब्यास नदी उफान पर होने से प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे नहीं जाने की हिदायत दी है।
बालीचौकी में दो और मकान जमींदोज
मंडी जिले के मुख्य बाजार बालीचौकी में जमीन धंसने के कारण जद में आए 13 घरों में से चार घर जमींदोज हो गए हैं। दो लोगों का 30 कमरों का संयुक्त घर शुक्रवार रात को जमींदोज हुआ था जबकि अब चार लोगों के दो घर बीती रात को जमींदोज हो गए। इनमें 22 दुकानें भी थीं। मकान दो मंजिला और चार मंजिला थे। हालांकि, मकानों को एहतियातन पहले ही खाली करवा दिया गया था। प्रभावितों में केसर सिंह, नारायण दास, डोले राम और बीर सिंह शामिल हैं। इन सभी का एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है। यहां गेस्ट हाउस सहित रिहायशी कमरे और दुकानें थीं, जो कि अब पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं।
पौंग का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 1 फीट दूर
लगातार बारिश के चलते पौंग डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। 25 अगस्त दोपहर जलस्तर 1385.21 फीट था और दो दिनों में छह फीट बढ़कर 26 अगस्त सुबह 9:00 बजे यह 1388.90 फीट तक पहुंच गया। खतरे का निशान 1390 फीट है। BBMB ने बड़ा फैसला लेते हुए आउटफ्लो को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 75,000 क्यूसिक तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। पिछले 21 दिनों से पौंग बांध के गेट खुले हैं। मंड क्षेत्र के लिए यह खतरे की घंटी है। बीबीएमबी ने चरणबद्ध तरीके से पानी छोड़ने का शेड्यूल जारी किया हुआ है। एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हालात गंभीर हैं। मंड क्षेत्र के लिए खतरा बढ़ा है। लोगों से अपील है कि सतर्क रहें और अनावश्यक रिस्क न लें। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और राहत कैंप में ठहरने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। प्रशासन लगातार अलर्ट पर है। पहले की तुलना में अब ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर के बढ़ने के चलते आउटफ्लो को फिर से 75,000 क्यूसिक किया जा रहा है।
After 48 hrs of continuous rains, water is being released from Pandoh dam and the intensity is massive. Several roads across Himachal are blocked, Chandigarh Manali highway is completely shut. Weather still rough, stay safe and avoid travel. pic.twitter.com/EAi75hNMiY
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) August 26, 2025