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August 26, 2025

हिमाचल में मची तबाही- शेर-ए-पंजाब होटल का बचा सिर्फ गेट, मनाली-लेह सड़क ब्यास में समाई

The CSR Journal Magazine
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच बारिश ने तबाही मचाई है। जगह-जगह भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे सहित 690 सड़कें बंद हैं। 2,349 बिजली ट्रांसफार्मर व 234 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। इससे कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप है। आठ जिलों में आज शिक्षण संस्थान बंद रखे गए हैं।

हिमाचल में फिर बारिश ने मचाई तबाही

हिमाचल में बारिश ने कई दिनों से बर्बादी का माहौल पैदा कर रखा है। नदी-नाले उफान पर है और पहाड़ दरक रहे हैं। कुल्लू मनाली में बारिश से खासा नुकसान हुआ है।मनाली-लेह नेशनल हाईवे बिंदु ढांक के पास नदी में समा गया। बाहंग में एक रेस्टोरेंट और चार दुकानें ब्यास के तेज बहाव में बह गईं। भारी बारिश से मनाली के बाहंग में शेर-ए-पंजाब रेस्तरां ब्यास नदी में आई बाढ़ में बह गया। अब सिर्फ इसका गेट बचा है। 14 मील में भी रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। 15 मील में एक शौचालय व कुछ खोखे ब्यास में बह गए। ब्यास नदी का पानी आलू ग्राउंड और बाहंग में हाईवे पर तक पहुंच गया। इसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने आलू ग्राउंड और बाहंग क्षेत्र रात में ही खाली करवा दिया। आलू ग्राउंड के समीप पुलिस ने ब्यास नदी के बीच एपीएमसी भवन में फंसे व्यक्ति को किया सुरक्षित रेस्क्यू किया।

मंडी में ज़मींदोज़ हुईं कई इमारतें-दुकानें

मंडी के बालीचौकी में भारी बारिश के चलते 2 बिल्डिंग ज़मींदोज़ हो गईं। इन बिल्डिंगों में 40 से ज्यादा दुकानें चल रही थीं। हादसे की आशंका को देखते हुए दोनों बिल्डिंगों को 5 दिन पहले ही खाली करा दिया गया था, जिसकी वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। यहां गेस्ट हाउस सहित रिहायशी कमरे और दुकानें थीं, जो कि अब पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं। अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने टूटता देख प्रभावित सदमे में हैं। प्रभावितों ने सरकार से अधिक से अधिक मदद की गुहार लगाई है।

चार मणिमहेश श्रद्धालुओं समेत पांच की मौत, यात्रा रोकी

मणिमहेश यात्रा पर गए पंजाब के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। हिमाचल प्रशासन ने यात्रा पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु अभी भी बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। हालांकि, सभी सुरक्षित स्थानों पर हैं। वहीं, नूरपुर में डडवाड़ा गांव का गुरुदेव सिंह (72) की खड्ड में बहने से मौत हो गई। वहीं मंडी शहर में ब्यास नदी पंचवक्त्र मंदिर तक पहुंच गई है। ब्यास नदी उफान पर होने से प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे नहीं जाने की हिदायत दी है।

बालीचौकी में दो और मकान जमींदोज

मंडी जिले के मुख्य बाजार बालीचौकी में जमीन धंसने के कारण जद में आए 13 घरों में से चार घर जमींदोज हो गए हैं। दो लोगों का 30 कमरों का संयुक्त घर शुक्रवार रात को जमींदोज हुआ था जबकि अब चार लोगों के दो घर बीती रात को जमींदोज हो गए। इनमें 22 दुकानें भी थीं। मकान दो मंजिला और चार मंजिला थे। हालांकि, मकानों को एहतियातन पहले ही खाली करवा दिया गया था।  प्रभावितों में केसर सिंह, नारायण दास, डोले राम और बीर सिंह शामिल हैं। इन सभी का एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है। यहां गेस्ट हाउस सहित रिहायशी कमरे और दुकानें थीं, जो कि अब पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं।

पौंग का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 1 फीट दूर

 लगातार बारिश के चलते पौंग डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। 25 अगस्त दोपहर जलस्तर 1385.21 फीट था और दो दिनों में छह फीट बढ़कर 26 अगस्त सुबह 9:00 बजे यह 1388.90 फीट तक पहुंच गया। खतरे का निशान 1390 फीट है। BBMB ने बड़ा फैसला लेते हुए आउटफ्लो को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 75,000 क्यूसिक तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। पिछले 21 दिनों से पौंग बांध के गेट खुले हैं। मंड क्षेत्र के लिए यह खतरे की घंटी है। बीबीएमबी ने चरणबद्ध तरीके से पानी छोड़ने का शेड्यूल जारी किया हुआ है। एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हालात गंभीर हैं। मंड क्षेत्र के लिए खतरा बढ़ा है। लोगों से अपील है कि सतर्क रहें और अनावश्यक रिस्क न लें। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और राहत कैंप में ठहरने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। प्रशासन लगातार अलर्ट पर है। पहले की तुलना में अब ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर के बढ़ने के चलते आउटफ्लो को फिर से 75,000 क्यूसिक किया जा रहा है।

गिरि पेयजल योजना में आई गाद, शिमला शहर के लिए पानी आपूर्ति ठप

भारी बारिश से गिरि पेयजल योजना में बड़ी मात्रा में गाद आ गई है। इससे शिमला शहर के लिए पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। वहीं शिमला-चंडीगढ़ हाईवे पर शोघी के पास पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिर गए। इससे आवाजाही प्रभावित रही। फिलहाल यातायात जारी है। ओल्ड मनाली में मनालसु नाला और ब्यास नदी उफान पर हैं जिससे आसपास के घरों को खतरा पैदा हो गया है। प्रदेश में लगातार जारी बारिश तबाही मचा रही है। ओल्ड मनाली में मनालसु नाला और ब्यास नदी उफान पर होने से इससे यातायात बाधित हो गया।

हिमाचल में कहां हुई कितनी बारिश

बीती रात नयना देवी 160.8, भटियात (चुवाड़ी) 125.2, मनाली 102.0, धर्मशाला 102.0, घमरूर 91.4, कांगड़ा 89.0, नगरोटा सूरियां 88.8, पालमपुर 88.0, कोठी 85.8, भुंतर 77.2, चंबा  74.0, गुलेर 71.8, करसोग 65.2, सुजानपुर टिहरा 60.6, रोहड़ू 60.0, जोगिंद्रनगर 59.0, नादौन 58.2, देहरा गोपीपुर 57.0, बंजार 57.0, अघार 55.0 व सुंदरनगर में 51.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

नालागढ़ में दलदल भरे रास्ते से स्कूल पहुंचे अध्यापक

 जिला सोलन में दो दिन से जारी मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। प्रशासन ने बच्चों को तो स्कूलों में छुट्टी दी, लेकिन शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ को उपस्थित रहने के आदेश जारी किए गए हैं। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अध्यापकों को जान जोखिम में डालकर ड्यूटी निभानी पड़ रही है। नालागढ़ क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नंड के एक अध्यापक कीचड़ भरे रास्ते से गुजरते हुए जूते हाथ में उठाकर स्कूल की ओर बढ़ते दिखे। मशक्कत से वह इस कीचड़ से निकल कर स्कूल पहुंचे।

कुल्लू-मनाली हाईवे पर रिसॉर्ट को खतरा, सुरक्षा दीवार ब्यास में बही

कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग में शिरढ़ रिसॉर्ट के पास ब्यास नदी ने काफी तबाही मचाई है। यहां सड़क पूरी तरह से नदी में समा गई है। इसके साथ ही सड़क के किनारे बना रिजॉर्ट भी खतरे में पड़ गया है। वर्ष 2023 में यहां रिजॉर्ट को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार भी ब्यास नदी में बह गई है। ऐसे में अब रिजॉर्ट पूरी तरह से खतरे में आ गया है।

दो दिन में करोड़ों का नुकसान

प्रदेश में जारी भारी बारिश के बीच रविवार और सोमवार को 47 पक्के और 98 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 79 दुकानों और 91 गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 2394 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 25 अगस्त तक 306 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 367 लोग घायल हुए हैं। 38 लोग अभी लापता हैं। इस दौरान 150 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 3,656 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 2,819 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,843 पालतु पशुओं की मौत हुई है।

अभी और बरसेंगे बादल, इन जिलों में स्कूल बंद

मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले में आज रेड और कुल्लू के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, सोलन व लाहौल- स्पीति में येलो अलर्ट रहेगा। प्रदेश की ऊंची चोटियों शिंकुला दर्रा, कुगती जोत, बारालाचा, रोहतांग में ताजा बर्फबारी हुई है। 1 सितंबर तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 29 से 31 अगस्त तक कई स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उधर ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा व बिलासपुर, सोलन व शिमला जिले में आज भी शिक्षण संस्थान बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिला प्रशासन के आदेशानुसार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को शिक्षण कार्य बंद रहेगा। अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने इसकी अधिसूचना जारी की है।

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