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May 29, 2025

हर शिखर तिरंगा- नूंह के नायब सूबेदार ने कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा

Har Shikhar Tiranga- भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात नेहपाल सिंह ने कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा झंडा फहराया है। उनका अगला मिशन माउंट एवरेस्ट फतह करना है। नेहपाल सिंह हरियाणा के नूंह जिले के उजीना गांव के रहने वाले हैं और 28 राज्यों की 29 चोटियों को फतह कर चुके हैं। नेहपाल सिंह उजीना ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है। नेहपाल ने ये उपलब्धि हर शिखर तिरंगा मिशन के तहत हासिल की।

कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा, माउंट एवरेस्ट पर नज़र

Har Shikhar Tiranga- सेना में नायब सूबेदार नेहपाल सिंह ने 8586 मीटर ऊंची कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा झंडा फहराया है। नेहपाल सिंह ने देश की 28 राज्यों की 49 ऊंची पहाड़ की चोटियों को नापने के बाद अब कंचनजंगा पर तिरंगा फहरा दिया है। उनकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ कर्नल रणवीर सिंह जमवाल का है, जिनकी बदौलत उन्होंने ये बड़ा मुकाम हासिल किया है। कर्नल जामवाल ने हर शिखर तिरंगा मिशन की पहली यात्रा का नेतृत्व किया था।
Har Shikhar Tiranga- सेना में भर्ती होने के बाद से ही उजीना गांव के हवलदार नेहपाल सिंह वर्ष 2011 से ही देश के अलग-अलग राज्यों की ऊंची पहाड़ियों पर तिरंगा फहराने के मिशन में जुटे हुए हैं। अब उनका अगला मिशन माउंट एवरेस्ट फतेह करने का है। अगर हरियाणा सरकार और सेना के आला अधिकारियों ने सहयोग दिया तो वह इस मुकाम को भी हासिल कर लेंगे।

28 राज्यों की 49 चोटियां फतह-Har Shikhar Tiranga

Har Shikhar Tiranga- हवलदार नेहपाल सिंह ने कहा कि 16 अक्टूबर 2022 से 2 अक्टूबर 2023 तक लगभग 1 साल में उन्होंने और उनकी टीम ने अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, असम, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के ऊंचे माउंटेन पॉइंट पर तिरंगा फहराने का काम किया है।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हर शिखर तिरंगा मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन में मेवात के लाडले ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कर्नल रणवीर सिंह जमवाल से बेहतरीन प्रशिक्षण मिला, जिसकी वजह से यह मुकाम हासिल हुआ। हवलदार नेहपाल सिंह ने कहा कि उनके साथ तकरीबन 30 सदस्य थे, जो समय-समय पर कई ग्रुप में बदलते रहते थे।

हादसे में साथियों ने बचाया

Har Shikhar Tiranga- उन्होंने कहा कि इस सफलता को पाने के लिए कई बार जान को पूरी तरह से जोखिम में डालना पड़ा। एक ऊंची पहाड़ी पर चढ़ते समय वह गिर गए थे और कुछ सेकंड में उनके साथियों ने उन्हें बचा लिया, वर्ना आज वह जिंदा नहीं होते। कुल मिलाकर हरियाणा के नूंह जिले के उजीना गांव में गरीब परिवार में जन्मे सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत नेहपाल सिंह ने ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसे हरियाणा का आज तक कोई भी व्यक्ति हासिल नहीं कर पाया है। देश भर के 28 राज्यों की ऊंची चोटियों को नापने और उस पर तिरंगा फहराने के बाद अब देश की सबसे ऊंची चोटियों में शामिल माउंट एवरेस्ट को वह फतह करने का सपना बुनने लगे हैं।
सबसे खास बात यह है कि नूंह जिले का उजीना गांव सेना के जवानों की फैक्ट्री है। अभी भी उजीना गांव के करीब 500 से अधिक जवान सेना में भर्ती हैं और इससे भी अधिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, और इन सबके बीच नेहपाल ने एक अलग पहचान बनाई है।

Har Shikhar Tiranga हर शिखर तिरंगा

Har Shikhar Tiranga- हर शिखर तिरंगा अभियान भारत के आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक राज्य के शिखर पर तिरंगा फहराना था। इस अभियान को रक्षा मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश सरकार का समर्थन प्राप्त था। इस अभियान में भारत के हर राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराना शामिल था, जिसमें सेना और नागरिक दोनों तरह के 20 लोग शामिल थे, और इससे कई खोज हुईं। इसे रक्षा मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा समर्थित किया गया था, जहां  राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान स्थित है।

Har Shikhar Tiranga के नायक कर्नल जामवाल

राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान (NIMAS) के निदेशक कर्नल रणवीर सिंह जामवाल ने कहा, “यह एकता, देशभक्ति और साहस की यात्रा बन गई।” उन्होंने हर शिखर तिरंगा मिशन का नेतृत्व किया, जो भारत के प्रत्येक राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अभियान था। अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दिरांग में NIMAS परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 20 सदस्यों, 10 सेना कर्मियों और 10 नागरिकों वाली टीम ने एक साल में 28 पहाड़ों पर चढ़ाई की, यह अभियान 2 अक्टूबर, 2022 से 2023 में इसी तारीख तक चला जिसमे कुल मिलाकर, छह पर्वतारोही थे जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी, जिनमें त्सावांग चोसगेल, केवल कृष्ण, नेहपाल, दोरजी खांडू और टोंगचेन शामिल थे।
कर्नल जामवाल, जिन्होंने तीन बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है, और जिन्हें 2013 में तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, ने कहा कि, ‘हाल ही में संपन्न अभियान भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले बड़े आज़ादी के अमृत महोत्सव का हिस्सा था। इस मिशन के कई उद्देश्य थे-दुनिया को भारत की उच्च-ऊंचाई वाली विविधता को दिखाना, साहसिक और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय ध्वज का संदेश फैलाना।’

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