गांव की महिलाएं बन रहीं रोजगार की मिसाल
Gujarat Lakhpati Didi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण विजन को साकार करने के लिए शुरू की गई ‘लखपति दीदी योजना’ ने गुजरात में एक नई उड़ान भर ली है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य ने जुलाई 2025 तक 5.96 लाख ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाते हुए ‘लखपति दीदी’ का दर्जा दिया है। यानी इन महिलाओं की सालाना आमदनी 1 लाख रुपये से अधिक हो चुकी है। अब सरकार का अगला लक्ष्य है कि 10 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बनें। Gujarat Development
पीएम मोदी के विजन से शुरू हुई योजना PM Modi Yojana
2023 में केंद्र सरकार ने पीएम मोदी के निर्देश पर ‘लखपति दीदी योजना’ शुरू की थी, जिसका उद्देश्य 2027 तक देश की 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। गुजरात ने इस दिशा में देशभर में मिसाल पेश की है। इस योजना के तहत राज्य में अब तक 10.74 लाख महिलाओं की पहचान की जा चुकी है, जिनमें उद्यमिता की क्षमता है। इनका पूरा डेटा ‘डिजिटल आजीविका रजिस्टर’ में दर्ज किया गया है, जिसमें उनकी आजीविका, आमदनी, संसाधन और खर्च की जानकारी शामिल होती है। इसी के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण, संसाधन, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच मुहैया कराई जाती है।
Rural Women Success Story: SHG से जुड़कर महिलाएं बन रही हैं उद्यमी
‘लखपति दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) से जोड़कर उन्हें कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, और स्थानीय उत्पादों के जरिए छोटे व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार की तरफ से उन्हें कौशल प्रशिक्षण (Skill Training), बीज पूंजी (Seed Capital) और ऋण सुविधा, मार्केटिंग सपोर्ट (Marketing Support), डिजिटल ट्रैकिंग और व्यवसायिक मार्गदर्शन, जैसे साधन दिए जा रहे हैं, जिससे वे सालाना 1 लाख या उससे अधिक की कमाई कर रही हैं। महिलाओं की आय की गणना खेती, गैर-कृषि व्यवसाय, मजदूरी, परिवार की आय, सरकारी योजनाओं की सहायता, और अन्य स्रोतों से की जाती है।
Gujarat Lakhpati Didi: प्रभावी संचालन के लिए मजबूत ट्रेनिंग सिस्टम
गुजरात सरकार ने इस योजना के प्रभावी संचालन के लिए 124 मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति की है। इन्होंने अब तक 10,000 से अधिक सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (Community Resource Persons – CRPs) को प्रशिक्षित किया है। ये CRPs गांव-गांव जाकर महिलाओं को व्यवसाय के लिए प्रेरित करते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देते हैं और डिजिटल आजीविका रजिस्टर के जरिए उनके प्रगति की मॉनिटरिंग करते हैं।
सफलता की मिसाल बनी अंकिताबेन पटेल
इस योजना की सफलता की जीती-जागती मिसाल हैं अंकिताबेन पिनलभाई पटेल, जो सूरत जिले के महुवा तालुका के शेखपुर गांव की रहने वाली हैं। 2024 में उन्होंने ड्रोन पायलट के रूप में काम शुरू किया और फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करने लगीं। एक साल में ही उन्होंने 2 लाख रुपये की कमाई की। पहले वे केवल खेती पर निर्भर थीं, लेकिन अब वे एक प्रशिक्षित उद्यमी हैं। उनकी नियमित आमदनी से न केवल वे आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि उनका पूरा परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो गया है।
Gujarat Lakhpati Didi: सामूहिक सशक्तिकरण की ओर गुजरात
गुजरात में इस योजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की संख्या और उनकी सक्रियता तेजी से बढ़ रही है। इन समूहों के जरिए महिलाएं सामूहिक व्यवसाय, उत्पादन इकाइयां, और गांव आधारित उद्योग खड़े कर रही हैं। इनकी मदद से गांवों में स्थानीय रोजगार का निर्माण हो रहा है, जिससे महिलाएं ही नहीं, पूरे परिवार और समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है। ‘लखपति दीदी’ योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने से पारदर्शिता बनी रहती है। डिजिटल आजीविका रजिस्टर से सरकार को यह जानकारी मिलती है कि किस महिला को किस प्रकार की सहायता की जरूरत है और किस स्तर पर वह पहुंच चुकी है। इससे डेटा आधारित निर्णय लेने में सुविधा होती है।
भविष्य की राह, 10 लाख आत्मनिर्भर महिलाएं Women Empowerment
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस योजना को और तेज गति से लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब सरकार का लक्ष्य है कि 2027 से पहले ही 10 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन जाएं और गुजरात महिला सशक्तिकरण में देश का आदर्श राज्य बने। ‘लखपति दीदी योजना’ गुजरात में ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी बदलने वाला अभियान बन चुका है। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें सम्मान, पहचान और आत्मनिर्भरता भी दे रही है। यह अभियान आने वाले वर्षों में गुजरात की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।