गोरखपुर में 600 नई महिला सिपा हियों ने कल जमकर विरोध प्रदर् शन किया। गोरखपुर PTS में 513 महिला रिक्रूट को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। इन सभी की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई। उससे पहले उनके स्वास्थ्य की जांच होनी थी। इसी बीच डीआईजी रोहन पी ने प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए सीएमओ को पत्र लिख मेडिकल टीम भी बुलाई गई। इस आदेश से सेंटर में हड़कंप मच गया।
प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर महिला सिपाहियों में आक्रोश
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के PTS ट्रेनिंग सेंटर में उस समय हड़कंप मच गया जब करीब 600 ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह ट्रेनिंग सेंटर की अव्यवस्थाओं और सुरक्षा उल्लंघनों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। रोती-बिलखती महिलाएं कैंपस से बाहर आ गईं और कहा कि उनके वॉशरूम तक में कैमरे लगे हैं, रातभर बिजली और पानी नहीं रहता, और बिना सहमति के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ट्रेनिंग ले रहीं 600 नई महिला सिपाहियों ने जिस तरह का विरोध प्रदर्शन किया, उसने पूरे यूपी को चौंका दिया। यूपी पुलिस की ये नई महिला सिपाही पीएसी सेंटर की व्यवस्थाओं से बेहद नाराज नजर आईं। उनका कहना था कि यहां ना बिजली है और ना ही पंखा। यहां तक की उन्हें खुले में नहाना पड़ता है और पीने के लिए पानी तक नहीं है।
दरअसल यहां ऐसा काफी कुछ था, जिसको लेकर महिला सिपाही भड़की हुईं थीं। दरअसल महिला सिपाहियों के प्रग्नेंसी टेस्ट के आदेश जारी हुए थे, जिसको लेकर इन सभी में भयंकर गुस्सा देखा जा रहा था।
अविवाहित महिलाओं के भी हुए प्रेगनेंसी टेस्ट
गोरखपुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTS) में एक अजीब घटनाक्रम हुआ है। यहां नवनियुक्त महिला रिक्रूट्स की ट्रेनिंग शुरू होने से पहले उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया है। बड़ी बात यह कि यह टेस्ट कुछ अविवाहित रिक्रूट्स के भी करा दिए गए। इसकी खबर मिलते ही महकमे में हड़कंप मच गया। आनन फानन में आईजी पीटीएस ने डीआईजी पीटीएस के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें यह टेस्ट कराने के आदेश दिए गए थे। हालांकि यह आदेश जारी होने तक दर्जनों महिला पुलिसकर्मियों का टेस्ट हो चुका था। दरअसल, किसी भी PTS में महिला पुलिस कर्मियों को प्रेग्नेंट होने पर विशेष सहुलियत दी जाती है। इसके लिए प्रेग्नेंट महिला रिक्रूट्स को खुद शपथ पत्र देना होता है और उन्हें बताना होता है कि प्रेग्नेंसी की वजह से कठिन ट्रेनिंग नहीं कर सकती। इसी व्यवस्था के तहत गोरखपुर पीटीएस के डीआईजी रोहन पी ने तीन दिन पहले एक आदेश जारी किया था।
कुछ महिला रिक्रूट्स की हो गई जांच
इसमें कहा था कि महिला रिक्रूट्स का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया जाए और जो भी रिक्रूट्स प्रेग्नेंट हों, उन्हें इस सुविधा से लाभांवित किया जाए। चूंकि सोमवार से ही ट्रेनिंग शुरू होनी थी, इसलिए डीआईजी के आदेश के मुताबिक इसके लिए उन्होंने सीमओ को पत्र लिखकर टीम भी बुला ली। फिर सभी महिला रिक्रूट्स को यह जांच कराने के लिए कह दिया गया। कुछ महिला रिक्रूट्स की जांच हो भी गई। इतने में आईजी पीटीएस चंद्र प्रकाश को सूचना मिली कि विवाहित रिक्रूट्स के साथ अविवाहित रिक्रूट्स के भी प्रेग्नेंसी टेस्ट हो रहे हैं। इसके बाद उन्होंने तत्काल डीआईजी के आदेश को रद्द करते हुए नया आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि किसी भी महिला रिकूट्स को प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। यदि किसी महिला रिक्रूट्स को इस कैटेगरी के तहत सुविधा का लाभ लेना है तो वह व्यक्तिगत तौर पर शपथ पत्र देकर इससे लाभांवित हो सकती है।
क्या कहता है PTS का नियम
PTS का नियम कहता है कि शादीशुदा आरक्षी की जांच होती है, जबकि कुंवारी युवतियों को एक शपथ पत्र देना होता है कि वे गर्भवती नहीं हैं। जो गर्भवती होती हैं तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है।
फिर बाथरूम में कैमरे का आरोप लगा
महिला रिक्रूट्स का आरोप था कि यहां सिर्फ 250 लोगों की व्यवस्था है, मगर 600 युवतियों को बुला लिया गया। ऐसे में वह खुले में नहाने के लिए मजबूर हैं। इसी बीच महिला रिक्रूट्स ने आरोप लगाया कि बाथरूम में कैमरा भी लगा है। ये आरोप बेहद सनसनीखेज और गंभीर थे। बाराबंकी से आई ट्रेनी सिपाही जया ने बताया, “बाथरूम के बाहर गैलरी में कैमरा लगा है। आते-जाते हमारा सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा है।” वहीं एक अन्य महिला सिपाही ने रोते हुए कहा, “ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो बन गए। क्या उनको वापस किया जाएगा? अब क्या होगा?”
लखनऊ से आई लक्ष्मी सिंह ने बताया, “पूरी रात बिजली नहीं थी। जनरेटर भी नहीं है। वॉशरूम में पानी नहीं आता। पीने को सिर्फ आधा लीटर पानी मिलता है। RO बेहद छोटा है। खाना भी बहुत खराब है। जब तक समाधान नहीं होता, हम ट्रेनिंग नहीं करेंगी।” महिलाओं का कहना है कि 250 सिपाहियों की जगह 600 लड़कियां ठूंस दी गई हैं, एक बिस्तर पर दो-दो लड़कियों को सोना पड़ता है।
अब पुलिस मुख्यालय की तरफ से दावा किया गया है कि जांच के दौरान ये आरोप सही नहीं पाया गया है। पुलिस मुख्यालय का कहना है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से पानी की आपूर्ति में भी समस्या आई थी। अधिकारियों का कहना है कि यहां शौचालयों समेत अन्य चीजों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके चलते अस्थाई तौर पर पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित हुई।
सीएम योगी हुए सख्त
बिजली-पानी, बाथरूम की समस्या ने महिला सिपाहियों के गुस्से को बढ़ा दिया और रोती-बिलखती इन महिला सिपाहियों ने मोर्चा खोल दिया। हालत ऐसे बिगड़े कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीच में आना पड़ा और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए गए। इस पूरे मामले को लेकर सीएम योगी बेहद सख्त नजर आए। डीआईजी रोहन पी कनय को पद से हटा दिया गया। प्लाटून कमांडर संजय राय को निलंबित कर दिया गया। इसी के साथ 26वीं वाहिनी पीएसी के अधिकारी आनंद कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है।
सीएम के गढ़ में महिलाओं का भरोसा टूटा
गोरखपुर के बिछिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल PTS में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग 21 जुलाई सोमवार से शुरू हुई थी, लेकिन महज दो दिन बाद ही सेंटर की असुविधाओं और शोषण जैसी स्थितियों को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। मंगलवार रात से शुरू हुई नाराजगी बुधवार सुबह 8 बजे बड़े विरोध में तब्दील हो गई, जब सैकड़ों महिलाएं कैंपस से बाहर निकल आईं। गोरखपुर, जो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है, वहां महिला सिपाहियों को बुनियादी सुरक्षा, निजता और सम्मान तक नहीं मिल रहा। बाथरूम में कैमरे, प्रेग्नेंसी टेस्ट का दबाव, और रहने की भयावह स्थिति, यह सब महिलाओं को सशक्त बनाने की नहीं, उन्हें डराने की प्रक्रिया बन गई है।
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