शनिवार को देर रात अरपोरा स्थित एक नाइट क्लब में सिलेंडर फटने के बाद लगी भीषण आग में कुल 25 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में 4 पर्यटक और 14 क्लब कर्मचारी शामिल हैं; सात लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
क्लब के मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि आग के समय फायर-सेफ्टी नियमों का पालन नहीं किया गया था। FSL और अन्य फोरेंसिक टीमें घटनास्थल पर कारण पता लगाने में जुटी हुई हैं।
पुलिस और अग्निशमन संस्थानों के अधिकारियों ने साझा किया कि धमाका करीब आधी रात के आस-पास हुआ और कुछ ही मिनटों में लपटें पूरे परिसर में फैल गईं; फायर ब्रिगेड ने काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया।

जांच-कदम और जिम्मेदारियों की पड़ताल
पुलिस प्रमुख डीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि आग सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर की रसोई (किचन) में लगी और वहीं से यह क्लब के अन्य हिस्सों में फैल गई, इसलिए सर्वाधिक शव किचन के आसपास से बरामद हुए।
उन्होंने यह भी कहा कि बचने की कोशिश में दो लोग सीढ़ियों पर ही दम तोड़ बैठे, जबकि अधिकांश मौतें धुएं के कारण दम घुटने से हुईं।
अधिकारियों ने बताया कि क्लब की सजावट में पाम-लीव्स इस्तेमाल थीं, जो तेजी से ज्वलित हो गईं और हादसा और भयावह बन गया।
दृश्य और साक्षियों की बातें
घटना के समय क्लब में वीकेंड-पार्टी चल रही थी और अनुमानित रूप से लगभग 100 लोग डांस फ्लोर पर मौजूद थे अचानक धुएं और लपटों के दिखते ही भगदड़ मच गई। एक चश्मदीद ने बताया कि लोग नीचे भागते हुए गलती से ग्राउंड फ्लोर के किचन में पहुँच गए जहाँ स्टाफ पहले से ही फंस चुका था।
क्लब के भीतर निकलने का मार्ग संकरा था, जिससे बहुत से लोग बाहर नहीं आ पाए और कुछ लोग अंदर ही फंस गये। कई लोग जैसे-तैसे निकल पाए, पर बहुतों के लिए वहां से बाहर आना मुमकिन नहीं हुआ।
स्थानीय सुरक्षाकर्मी संजय कुमार गुप्ता ने कहा, “यह घटना रात 11 बजे से 12 बजे के बीच हुई। अचानक आग लग गई।”
घटनाक्रम का समय और क्लब की पहचान
रात करीब 12 बजे की घटना बताई जा रही है; आग के बाद कई लोग बेसमेंट या अंडरग्राउंड हिस्सों की ओर भागे, जहाँ धुएँ के भर जाने के कारण लगभग 20 लोगों के दम घुटने से मरने की खबरें आईं।
यह क्लब बिर्च (Birch by Romeo Lane) नामक प्रतिष्ठान था, जहाँ शनिवार रात बॉलीवुड-नाइट जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शुरुआती तौर पर आस-पास वालों को घटना का अंदाजा नहीं हुआ कुछ ने सिर्फ तेज सायरन सुनी और अगले दिन ही स्थिति की भयावहता का पता चला।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवजा
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्थानीय विधायक माइकल लोबो तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन लोगों की मृत्यु जलने से हुई और शेष की मौतें दम घुटने के कारण हुई हैं; उन्होंने मजिस्ट्रीयल जांच का आदेश दे दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है, और राष्ट्रपति ने भी दुख व्यक्त किया है।
CM ने सोशल मीडिया पर घटना को गोवा के लिए दुखद बताया और पोस्ट के जरिए संवेदना जताई है।

सुरक्षा ऑडिट और भविष्य की कार्रवाई
BJP विधायक माइकल लोबो ने राज्य के सभी क्लबों में सुरक्षा ऑडिट कराए जाने की मांग उठाई है और कहा कि टूरिस्ट और वहां काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
प्रारम्भिक जांच के संकेतों के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कुछ तुरन्त गिरफ्तारियाँ भी की गयीं; क्लब मैनेजर को हिरासत में लिया गया है।
अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संकरे रास्तों और भीड़ के कारण घटनास्थल तक पहुंचना और आग बुझाना बहुत कठिन रहा।
स्वास्थ्य स्थिति और बचाव प्रयास
घायलों में से छह लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पोस्ट-मोर्टम और पहचान की कार्रवाई जारी है ताकि जिन सात शवों की पहचान नहीं हुई है, उनकी पहचान जल्द की जा सके।
प्रशासन के वरिष्ठ प्रतिनिधि और फोरेंसिक लैब (FSL)-टीमें घटना के कारणों की विस्तृत जांच कर रही हैं ताकि यह पता चल सके कि सिलेंडर कैसे फटा और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का स्तर क्या था। स्थानीय लोग और सुरक्षाकर्मी घटना की भयावहता पर दुःख व्यक्त कर रहे हैं और हादसे के बाद क्लब-चेन के अन्य व्यवसायों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।

