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June 29, 2025

समंदर के सिपाहियों को मिला गौतम अदाणी का साथ, नोलिया लाइफगार्ड्स की सेवा को मिला सम्मान

पुरी का तट सिर्फ लहरों की आवाज़ और रेत पर चलने की आहट नहीं है, बल्कि यह सेवा, परंपरा और समर्पण की भी मिसाल है। यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी सालों से एक ऐसे समुदाय के कंधों पर है, जिन्हें ना तो सुर्खियां मिलती हैं, ना ही कोई विशेष सम्मान लेकिन अब इस अनदेखी सेवा को एक बड़े मंच पर सराहना मिली है। देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अदाणी ने हाल ही में पुरी के तट पर इन नायक जैसे लोगों से मुलाकात की, जो हर दिन समंदर में डूबते लोगों की जान बचाते हैं ये हैं नोलिया समुदाय के लाइफगार्ड्स।

सौ सालों से सेवा में जुटा नोलिया समुदाय

पुरी का नोलिया समुदाय पारंपरिक मछुआरा समाज है, लेकिन समय के साथ इन्होंने अपने कौशल को समुद्रतटीय सुरक्षा के क्षेत्र में बदल दिया। ये लोग अब “पुरी बीच लाइफगार्ड महासंघ” के तहत एक संगठित व्यवस्था में काम कर रहे हैं। वर्तमान में 450 से ज्यादा लाइफगार्ड्स इस महासंघ से जुड़े हैं जो होटल क्षेत्र से लेकर ब्लू फ्लैग बीच तक हर कोने पर सुरक्षा का दायित्व निभा रहे हैं। यह समुदाय पुरी के पर्यटन और तीर्थयात्रा उद्योग की रीढ़ है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी इन लोगों पर है जिनके पास आज भी सीमित संसाधन हैं।

गौतम अदाणी ने सुनी ज़मीन की आवाज़

गौतम अदाणी अपने परिवार पत्नी प्रीति अदाणी और बेटे करण अदाणी के साथ पुरी पहुंचे थे। जहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए, रथ यात्रा में सेवा दी और इस्कॉन के किचन में महाप्रसाद वितरण का हिस्सा भी बने। लेकिन उनकी यात्रा का सबसे मानवीय पहलू था नोलिया लाइफगार्ड्स से मुलाकात। उन्होंने इन लाइफगार्ड्स से खुलकर बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। कई लाइफगार्ड्स ने बताया कि उन्हें बिना आधुनिक उपकरणों के समुद्र में उतरना पड़ता है। प्रशिक्षण की कमी और सुरक्षा साधनों की अनुपलब्धता ने उनकी ज़िम्मेदारी को और कठिन बना दिया है।

लाइफ जैकेट, रस्सी और टॉर्च: सेवा की नई शुरुआत

गौतम अदाणी ने इस मौके पर नोलिया समुदाय के लाइफगार्ड्स को लाइफ जैकेट्स, रस्सी, टॉर्च और अन्य आवश्यक उपकरण प्रदान किए। इसके अलावा पुरी नगर पालिका के सफाईकर्मियों को भी फ्लोरोसेंट जैकेट्स और सुरक्षा सामग्री दी गई, ताकि वे भी सुरक्षित तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा सकें। यह पहली बार है जब किसी निजी समूह ने इतनी गहराई से इस समुदाय की सहायता की है। इसे केवल एक CSR पहल कहना कम होगा यह सम्मान है उन लोगों के लिए जो सच्चे अर्थों में पुरी के रक्षक हैं।

‘हम हमेशा साथ हैं’, बोले गौतम अदाणी

गौतम अदाणी ने कहा, कि “पुरी के नोलिया लाइफगार्ड्स बहुत मेहनत और सेवा भाव से काम करते हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए हम हमेशा साथ हैं।” उनके इस वाक्य ने न केवल भरोसे का संदेश दिया, बल्कि उन अनदेखे प्रयासों को मंच भी दिया जो अब तक केवल तट की रेत में दबे रहते थे। पुरी का समुद्र तट जितना सुंदर है, उतना ही अब सुरक्षित भी है और इसका श्रेय नोलिया समुदाय को जाता है। गौतम अदाणी की इस पहल ने साबित कर दिया कि अगर निजी क्षेत्र संवेदनशीलता के साथ समाज की नब्ज़ को समझे, तो बड़े बदलाव संभव हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं थी यह उन हजारों पर्यटकों की सुरक्षा में लगे लोगों को सम्मान देने की शुरुआत थी। एक ऐसा सम्मान जो अब तक किसी बड़े मंच से नहीं मिला था।

समंदर के सिपाहियों के लिए एक नई सुबह

पुरी में सेवा और श्रद्धा की लहरें अब और भी मजबूत हो गई हैं। अब इन समर्पित सिपाहियों के पास बेहतर उपकरण हैं, बेहतर समर्थन है और सबसे जरूरी सम्मान है। गौतम अदाणी की यह यात्रा न केवल धार्मिक थी, बल्कि मानवीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रेरणादायक बन गई। उम्मीद है कि यह पहल औरों को भी पुरी के नोलिया जैसे समुदायों की ओर देखने के लिए प्रेरित करेगी जहां सेवा है, परंतु सुर्खियां नहीं।

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