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June 6, 2025

गणेशोत्सव पर कोंकण रेलवे का तोहफा, मुंबई-गोवा के बीच चलेगी Ro Ro सेवा 

 कोंकण रेलवे गणेशोत्सव के दौरान एक रोल-ऑन रोल-ऑफ (Ro-Ro) सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। यह सेवा यात्रियों को अपनी कारों को ट्रेन में लेकर यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे मुंबई से गोवा के बीच की यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। हालांकि, यह सेवा तभी शुरू की जाएगी जब पर्याप्त सार्वजनिक मांग होगी।

क्या है Ro Ro के फायदे

Ro Ro सेवा में, ट्रकों को सीधे एक रैंप के माध्यम से विशेष रूप से ट्रकों के चलने योग्य वैगनों पर लादा जाता है। Ro Ro ट्रेन के द्वारा ये ट्रक उनके निश्चित गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। इसकी वजह से जहां ईंधन की खपत कम होती है, वहीं भारी वाहनों की वजह से सड़कों-हाईवेज की होने वाली क्षति भी कम हो जाती है। ड्राइवर्स की मेहनत बच जाती है और वाहन को कोई नुकसान पहुंचने की संभावना भी नहीं रहती। कोंकण रेलवे यह Ro Ro सेवा अब कारों के लिए भी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत, यात्री अपनी कार को एक रैंप के माध्यम से ट्रेन में चढ़ा सकेंगे और फिर ट्रेन में यात्रा कर सकेंगे।

गणेशोत्सव के दौरान कोंकण रेलवे का तोहफा

गणेशोत्सव के दौरान, मुंबई-गोवा मार्ग पर अक्सर भारी यातायात होता है, जिससे लोगों को यात्रा में काफी परेशानी होती है। इस Ro-Ro सेवा से यात्रियों को अपनी कारों के साथ यात्रा करने का एक सुविधाजनक और सुरक्षित विकल्प मिलेगा। कोंकण रेलवे के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष कुमार झा ने बताया, “यह एक शानदार विचार है और हम निश्चित रूप से इसे आजमाना चाहते हैं। हमने लंबे समय से ट्रकों Ro Ro यात्रा की सुविधा दे रखी है, जिसमें ट्रक चालक सामान्य टिकट लेकर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। अब पैसेंजर वाहनों को इस सुविधा में शामिल करने की योजना है। हालांकि इसके लिए कुछ तकनीकी बदलाव करने होंगे, क्योंकि वर्तमान में वैगन ट्रकों की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। लेकिन यह पूरी तरह से संभव है, और हम इसे गणपति सीजन में शुरू करने का प्रयास करेंगे।”

क्या है Ro-Ro सेवा

कोंकण रेलवे की यह योजना उसके पहले से सफल ‘रोल-ऑन रोल-ऑफ’ (Ro-Ro) प्रयोग पर आधारित है। Ro-Ro सेवा के तहत ट्रकों को सीधे एक रैंप के माध्यम से वैगनों पर लादा जाता है, जो विशेष रूप से ट्रकों के चलने योग्य बनाए गए होते हैं। इस प्रक्रिया में ट्रकों को लोड करने से पहले तौला जाता है और एक हाइट गेज से गुजारा जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन की ऊंचाई अधिकतम सीमा (3.425 मीटर) से अधिक न हो।
इस सेवा की खास बात यह है कि ट्रक चालक और क्लीनर अपने टिकट लेकर ट्रक के भीतर ही यात्रा करते हैं, और उन्हें किसी अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत नहीं होती।

यात्री वाहनों के लिए एक कोंकण रेलवे की नई शुरुआत

कोंकण रेलवे की योजना है कि Ro Ro के मौजूदा ढांचे को संशोधित कर यात्री वाहनों के लिए भी इसी प्रकार की Ro-Ro सेवा शुरू की जाए। इससे यात्रियों को न केवल अपनी कार साथ ले जाने की सुविधा मिलेगी, बल्कि वे राजमार्गों की भारी भीड़ और लंबी यात्रा की थकान से भी बच सकेंगे। Ro Ro सेवा हाईवे की भीड़ और ट्रैफिक से बचने में मदद करेगी। मुंबई से कोंकण की यात्रा के दौरान भारी ट्रैफिक से राहत मिलेगी। लंबी ड्राइविंग से छुटकारा मिलने के साथ समय और ईंधन की भी बचत होगी। इससे वाहन की सुरक्षा भी होगी और दुर्घटनाओं के जोखिम में कमी आएगी।

कब शुरू होगी यह सेवा

कोंकण रेलवे प्रशासन इस सेवा को प्रायोगिक तौर पर इस गणेशोत्सव में शुरू करने पर विचार कर रहा है। Ro Ro seva को शिरू करने के लिए एक बार में कम से कम 40 वाहनों की बुकिंग होना जरूरी है। Mumbai से लेकर मैंगलोर तक का सफ़र 25-27 घंटे का होगा और ड्राइवर को 2nd क्लास का टिकट लेना होगा। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस सेवा को कब और कहां शुरू किया जाएगा।

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