भारत में बहुत से प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर हैं जिनके चलते भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है। इन मंदिरों में घटने वाली रहस्यमयी घटनाओं की गुत्थी आज तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है। लेकिन इन अनोखे रहस्यों के चलते ये मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के एक गांव में हैं जहां तेल-घी से नहीं, बल्कि कालीसिंध नदी के जल से जलती है माता की अखंड ज्योत! माताजी का यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक है।
आस्था और विश्वास से जन्म लेते हैं चमत्कार
कहते हैं कि आस्था और विश्वास का कोई भी रूप नहीं होता। यह भी सत्य है कि जहां आस्था होती है, वहां चमत्कार भी होते हैं। ठीक इसके उलट यह भी उतना ही सही है कि जहां चमत्कार होते हैं, लोगों की आस्था वहां और भी बढ़ जाती है। फिर जब मामला धर्म का हो तो इसमें श्रद्धा भी जुड़ जाती है। फिर वह चमत्कार जाने-अनजाने चाहे जिस कारण से हो, लोग उसे दैवी-कृपा ही मानते हैं। कई सालों पहले गणेश जी के दूध पीने की घटनाएं या मूर्ति में भगवान के प्रकट होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इन सबमें कितनी सच्चाई रही है यह कह पाना तो मुश्किल है। आज हम आपको एक ऐसी ही विचित्र घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज भी भक्तों की आस्था और विश्वास की डोर को मजबूत करती दिखती है। सबके लिए इस चमत्कार पर विश्वास करना संभव नहीं है और कुछ लोग इसे अंधविश्वास का नाम भी दे सकते हैं।
एमपी की गड़ियाघाट माता
वैसे तो भारत में कई ऐसे धर्मस्थल हैं जहां कोई न कोई विशेष महत्व है, लेकिन एमपी के शाजापुर जिले में लगभग 8 साल पहले हुई एक घटना ने वहां के लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। अब स्थिति यह है कि इस जगह हुए चमत्कार से यहां के लोगों का भगवान के प्रति विश्वास और गहरा हो गया है। खूबसूरती की मिसाल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के गड़ियाघाट मंदिर का रहस्य भी कुछ ऐसा ही है। यहां आठ सालों से एक पवित्र जोत प्रज्जवलित हो रही है। हालांकि देश में ऐसे अनेक मंदिर हैं, जहां इससे भी लंबी अवधि से दीये जल रहे हैं, लेकिन यहां की बात ही निराली है। मंदिर के पुजारी का दावा है कि इस मंदिर में जो दीपक जल रहा है उसमें तेल नहीं, बल्कि जल डाला जाता है।
बारिश के मौसम में पानी में डूब जाता है मंदिर
गड़ियाघाट मंदिर मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में नलखेड़ा गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर गड़िया गांव के पास कालीसिंध नदी के तट पर स्थित है। ‘गड़ियाघाट वाली माताजी’ के नाम से मशहूर यह मंदिर बारिश के मौसम में आधा पानी में डूब जाता है। दरअसल, वर्षाकाल में कालीसिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से यह मंदिर पानी में डूब जाता है जिससे यहां पूजा करना संभव नहीं होता। इसके बाद शारदीय नवरात्रि में पुन: मंदिर का कामकाज प्रारंभ हो जाता है।
कालीसिंध नदी के जल से प्रज्वलित होती मां की ज्योत
‘गड़ियाघाट वाली माताजी’ के नाम से मशहूर इस मंदिर का चमत्कार यह है कि यहां पर जब माता की ज्योत जलाई जाती है तो वह तेल, घी या मोम से नहीं, बल्कि पानी से जलाई जाती है। यह क्रम पिछले कई सालों से जारी है। हालांकि देश में ऐसे अनेक मंदिर हैं, जहां इससे भी लंबे समय से दीये जलते आ रहे हैं लेकिन यहां पर महाजोत जलाई जाती है, जो सबसे भिन्न है। यहां के पुजारी का दावा है कि पहले यहां हमेशा तेल का दीपक जला करता था, लेकिन कुछ साल पहले उन्हें गड़ियाघाट माता ने सपने में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा। मां के आदेश के अनुसार पुजारी ने वैसा ही किया।
माता ने दिया सपने में आदेश
प्रात:काल उठकर जब पुजारीजी ने मंदिर के पास में बह रही कालीसिंध नदी से पानी भरा और उसे दीये में डाला और दीये में रखी रुई के पास जैसे ही जलती हुई माचिस ले जाई गई, वैसे ही ज्योत जलने लगी। यह देखकर पुजारीजी खुद भी आश्चर्य करने लगे। परंतु उन्होंने 2 माह तक लोगों से यह बात छुपाकर रखी। पुजारीजी ने बाद में कुछ ग्रामीणों को इस बारे में बताया तो पहले तो किसी को विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब ग्रामीणों के समक्ष दीये में पानी डालकर ज्योत जलाई गई तो ज्योति सामान्य रूप से जल उठी। उसके बाद से इस चमत्कार के बारे में जानने के लिए लोग यहां बड़ी संख्या में आते हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में रखे दीपक में जब नदी का पानी डाला जाता है, तो वह चिपचिपे तरल पदार्थ में बदल जाता है और दीपक जल उठता है।
बरसात में नहीं जलता दीपक
गड़ियाघाट माता का यह मंदिर बरसात के मौसम में पूरी तरह जलमग्न हो जाता है। कालीसिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से मंदिर पानी में डूब जाता है, जिससे वहां पूजा करना संभव नहीं होता। इस दौरान दीपक भी बुझ जाता है। लेकिन जैसे ही जलस्तर कम होता है और शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है तब फिर से यह अखंड ज्योत जलाई जाती है। शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन यानी पड़वा से दोबारा ज्योत जला दी जाती है, जो अगले वर्षाकाल तक लगातार जलती रहती है।
श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र
गड़ियाघाट माता के चमत्कारिक मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने और पानी से जलने वाले दीपक का चमत्कार देखने आते हैं। लोग इसे मां भवानी की कृपा मानते हैं और इस रहस्य को विज्ञान भी अब तक पूरी तरह से नहीं समझ पाया है। यही कारण है कि यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और विश्वास का एक अनोखा केंद्र बना हुआ है।
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