Adani Vidya Mandir Success Story: अहमदाबाद के एक सामान्य परिवार में जन्मा विवेक चौवतिया आज लाखों छात्रों के लिए मिसाल बन चुका है। एक सिक्योरिटी गार्ड के बेटे विवेक ने अपनी मेहनत, लगन और जज़्बे के दम पर दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला पाया है। यही नहीं, उन्हें पूरी पढ़ाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित वेडनफेल्ड-हॉफमैन स्कॉलरशिप भी मिली है। From Security Guard Son to Oxford University
Vivek Chouvetiya की पढ़ाई की शुरुआत 2009 में अदाणी विद्या मंदिर, अहमदाबाद से हुई। जब वे स्कूल में दाखिल हुए तो बेहद शर्मीले थे, लेकिन स्कूल के शिक्षकों का मार्गदर्शन, अनुशासित माहौल और जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा ने उनकी सोच बदल दी। यहीं से उनके सपनों को नई उड़ान मिली। विवेक कहते हैं कि अदाणी विद्या मंदिर ने मुझे केवल किताबी ज्ञान नहीं दिया, बल्कि सोचने की आज़ादी, नैतिक मूल्य और आगे बढ़ने का आत्मविश्वास दिया। मेरी सफलता की नींव यहीं रखी गई।
Adani Vidya Mandir Success Story: चौकीदार का बेटा बना गोल्ड मेडलिस्ट
विवेक का सफर आसान नहीं रहा। परिवार की आर्थिक स्थिति सीमित थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2019 में 12वीं कक्षा (बायोलॉजी ग्रुप) में उन्होंने 85% अंक हासिल किए। इसके बाद नवसारी कृषि विश्वविद्यालय से फॉरेस्ट्री में बीएससी ऑनर्स किया और वाइस चांसलर गोल्ड मेडल जीता।
पढ़ाई के साथ-साथ नेतृत्व में भी आगे
विवेक हमेशा पढ़ाई तक सीमित नहीं रहे। वे एनसीसी नेवी कैडेट कैप्टन भी रहे और इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी, हैदराबाद में पर्यावरण मंत्रालय के तहत इंटर्नशिप भी की। आज वे गुजरात वन विभाग के साथ गिर राष्ट्रीय उद्यान में जैव विविधता पर रिसर्च कर रहे हैं।
अब विवेक को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एमएससी, बायोडायवर्सिटी, कंजर्वेशन एंड नेचर रिकवरी कोर्स में दाखिला मिला है। साथ ही उन्हें वेडनफेल्ड-हॉफमैन स्कॉलरशिप भी मिली है, जो उनकी पूरी पढ़ाई का खर्च उठाएगी। इस स्कॉलरशिप के लिए दुनिया भर से चुनिंदा होनहार छात्र चुने जाते हैं। Adani Vidya Mandir Success Story
सीमित साधनों से असीमित सपनों तक
विवेक की कहानी बताती है कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि जिंदगी बदलने का सबसे बड़ा माध्यम है। एक चौकीदार का बेटा आज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में रिसर्च करेगा यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। विवेक की यह प्रेरणादायक यात्रा दिखाती है कि अगर सही दिशा, मेहनत और हौसला हो, तो कोई भी बच्चा किसी भी परिस्थिति से निकलकर आसमान छू सकता है।
अदाणी विद्या मंदिर का योगदान
इस उपलब्धि का श्रेय वे पूरी तरह अदाणी विद्या मंदिर को देते हैं, जिसने न सिर्फ उन्हें शिक्षा दी, बल्कि एक विज़न और आत्मबल भी दिया। स्कूल ने साबित किया है कि यदि स्कूल व्यवस्था समर्पित हो, तो किसी भी छात्र की तकदीर बदली जा सकती है। आज विवेक चौवतिया का नाम उन छात्रों की सूची में जुड़ गया है, जिन्होंने कठिनाइयों से निकलकर दुनिया के सामने अपनी पहचान बनाई है। उनकी सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि उनके जैसे हज़ारों छात्रों की उम्मीद बन गई है।
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