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October 1, 2025

सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर लखनऊ जेल में हमला, अखिलेश ने उठाए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

The CSR Journal Magazine
अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर लखनऊ जेल के अस्पताल में हमला हुआ। इस हमले में पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के सिर पर गंभीर चोटें आईं, जहां 10 से अधिक टांके लगाए गए हैं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन यह घटना जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। अखिलेश यादव ने UP में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।

लखनऊ जेल में पूर्व सपा नेता गायत्री प्रजापति पर जानलेवा हमला

अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति पर लखनऊ जेल में हमला किया गया है। इस हमले में गायत्री प्रजापति को सर में चोटें आई हैं। उन्हें इलाज के लिए लखनऊ जेल से ट्रॉमा सेंटर लाया गया और इमर्जेंसी वॉर्ड में इलाज किया गया है। बताया जा रहा है कि गायत्री प्रजापति को इस हमले में सर्फेशियल (सतही) चोटें आई हैं। इलाज के बाद फिलहाल वो ठीक हैं। अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।

मामूली बात पर हुआ बड़ा विवाद, हुआ हमला

जानकारी के मुताबिक, गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल अस्पताल में इलाज के लिए गए हुए थे। वहां उन्होंने साथी कैदी विश्वास से पानी मांगा। पानी लाने में देर होने से नाराज गायत्री प्रजापति ने विश्वास को अपशब्द कहे। इसी बात पर साफ-सफाई में लगे कैदी से विवाद हो गया। इसके बाद कैदी ने लकड़ी के पटरी से उनके सिर पर वार कर दिया। हमले में उनका सिर फूट गया। लहूलुहान हालत में गायत्री प्रजापति को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। उनके सिर पर 10 टांके लगे हैं। चिकित्‍सकों का कहना है कि उनकी हालत ठीक है।

 बेटी ने कहा- पिता को जान का खतरा

लखनऊ जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर मंगलवार देर शाम जानलेवा हमला किया गया। इस हमले के बाद उनकी बेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा है कि उनके पिता की हत्या हो सकती है। गायत्री प्रजापति ने इलाज के दौरान बाहर निकलते हुए बताया कि उन पर हमला करने वाला बंदी विश्वास है। उनके ऊपर चाकू से हमला किया है। गायत्री प्रजापति की बेटी अंकित प्रजापति ने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं उनके पिता की हत्या न कर दी जाए। वे कुछ दिन पहले ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर गए थे और बिल्कुल ठीक थे। अब उन पर अचानक ये हमला हो गया। हमारी मुख्यमंत्री योगी जी से गुहार है कि वो हमसे मिलकर हमारी मदद करें। अंकित प्रजापति ने कहा कि हमारे पिता बेगुनाह हैं और वो कोई आतंकवादी नहीं हैं, जो उनके साथ इस तरह से बर्ताव किया जा रहा है। पिता बीते आठ वर्षों से जेल में बंद हैं और अभी तक उन पर लगे आरोप साबित भी नहीं हो पाए हैं।

पत्नी ने मांगी जमानत

ट्रामा सेंटर में गायत्री प्रजापति की पत्नी अमेठी से विधायक महाराजी ने कहा कि मेरे पति को जेल में जान का खतरा है। जेल में हम लोगों की मिलाई नहीं होती। वहां पर कैसे कैंची और हथियार पहुंच गए? किसने और क्यों हमला किया है? मेरी मुख्यमंत्री से मांग है कि गायत्री प्रजापति को सुरक्षा दी जाए और वह पिछले काफी समय से जेल में है, उनकी बेल कराई जाए। मामले की जांच कराई जाए।

लंबे समय से जेल में पूर्व सपा नेता

सामूहिक दुष्कर्म व खनन घोटाले के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को कई बीमारियों के चलते लंबे समय से जेल अस्पताल में रखा गया है। मंगलवार शाम साढ़े छह बजे अस्पताल में सफाई करने वाले बंदी विश्वास ने उन पर हमला कर दिया। जांच में सामने आया कि पूर्व मंत्री ने विश्वास को पानी देने के लिए बुलाया था। वह देर से पहुंचा तो गायत्री ने अमर्यादित टिप्पणी की, जिससे नाराज विश्वास ने पास में पड़ी आलमारी की राड से हमला कर दिया। गायत्री चीखते हुए अस्पताल से बाहर की तरफ भागे। बंदी ने दोबारा राड से हमला किया तो वह फर्श पर गिर गए। इसी बीच दूसरे बंदियों ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया। जेलकर्मियों ने तत्काल डाक्टर को बुलाया। डाक्टर ने गायत्री से सिर से बह रहे खून को रोकने का प्रयास किया, फिर टांके लगाए। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके जायसवाल के मुताबिक, पूर्व मंत्री की हालत खतरे से बाहर है। जेल में टांके लगने के बाद उनको बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया।

कौन है गायत्री प्रसाद प्रजापति

गायत्री प्रसाद प्रजापति का जन्‍म अमेठी के छोटे से गांव परसावा में सुखई राम के घर हुआ और वे पहले  बिल्डिंगों में रंगाई-पुताई का काम करते थे। साल 1985 से 1990 तक एचएएल कोरवा में पेटिंग का काम किया। पहली बार गायत्री प्रजापति ने साल 1993 में बाल्टी के चुनाव चिन्ह पर विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद साल 2012 में सपा के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा। पूर्व मंत्री पर हुए इस हमले के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सुरक्षा व्यवस्था और बंदियों के बीच आपसी विवाद को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। जेल में बंद हाई-प्रोफाइल कैदियों की सुरक्षा हमेशा से प्रशासन के लिए चुनौती मानी जाती रही है।
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