भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले में बीएमसी अधिकारियों पर निशाना साधा ! बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के M East वार्ड, गोवंडी क्षेत्र में तैनात एक अधिकारी को गंभीर भ्रष्टाचार और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़े आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए, जिससे वे भारतीय नागरिकता और अन्य सरकारी लाभ प्राप्त कर सकें।
अवैध नागरिकों के नाम जारी हुए फर्जी दस्तावेज
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने M East (गोवंडी) वार्ड के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय फंडे को निलंबित कर दिया है। एक आंतरिक जांच के बाद अवैध प्रवासियों, मुख्य रूप से बांग्लादेशी मूल के 94 नक़ली जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 42,000 से अधिक ऐसे संदिग्ध रिकॉर्ड की पहचान की है। BMC ने आज अपने एम-ईस्ट (गोवंडी) वार्ड के स्वास्थ्य अधिकारी/रजिस्ट्रार को निलंबित करने की घोषणा की। एक आंतरिक जांच के बाद पता चला कि अधिकारी द्वारा 94 जन्म प्रमाण पत्र अवैध रूप से जारी किए गए थे।
गोवंडी BMC कार्यालय में हुआ बड़ा घोटाला
BMC प्रशासन ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि गोवंडी स्थित कार्यालय से पिछले कुछ महीनों में कई संदिग्ध जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। इन दस्तावेज़ों के माध्यम से कुछ विदेशी नागरिकों ने पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे आधिकारिक पहचान पत्र प्राप्त करने का प्रयास किया। BMC आयुक्त डॉ. भाविन पाटिल ने कहा, “मामले की प्रारंभिक जांच में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। संबंधित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।”
पूर्व मंत्री किरीट सोमैया ने मामले को आड़े हाथों लिया
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर इस मामले को लेकर पूर्व बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने लिखा, “मुंबई महानगरपालिका ने M East (गोवंडी) वार्ड के स्वास्थ्य अधिकारी/रजिस्ट्रार डॉ. फंडे को निलंबित कर दिया है। उन्होंने अवैध रूप से 94 जन्म प्रमाणपत्र जारी किए थे। BMC ने स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय फुंडे को निलंबित करने के साथ एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ भी निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा दो सहायकों पर भी निलंबन की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।” BMC में हो रही गड़बड़ियों को उजागर करते हुए सोमैया ने लिखा, “इस मामले से संबंधित एफआईआर 6 नवंबर को देवनार पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाएगी।” पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने यह भी जोड़ा कि बीएमसी के अधिकारी 1000 फर्जी/अवैध जन्म प्रमाणपत्र घोटाले में शामिल हैं।
196 अपात्र/बांगलादेशी जन्म प्रमाणपत्र घोटाळा
गुन्हा FIR क्रमांक 894 देवनार पोलिस ठाण्यात दाखल करण्यात आला
माझा तक्रारी नंतर BNS कलम 318, 336, 340 जन्म नोंदणी कायदा कलम 33, 34 अंतर्गत गुन्हा दाखल
महापालिका मानखुर्द एम पूर्व विभागाचे आरोग्य अधिकारी डॉ संजय फुंडे आणि 2… pic.twitter.com/FB8gkFiWAx
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) November 8, 2025
2 साल से चल रहा था फ़र्ज़ीवाडा
सूत्रों के अनुसार, गोवंडी के एम-ईस्ट वार्ड कार्यालय में यह फर्जीवाड़ा पिछले डेढ़ से दो वर्षों से जारी था। बताया जा रहा है कि अधिकारी ने कुछ स्थानीय एजेंटों और बिचौलियों के साथ मिलकर यह गड़बड़ी की, जिसके बदले में मोटी रकम ली जाती थी। इस पूरे रैकेट के तार संभवतः कुछ अवैध बांग्लादेशी और म्यांमार मूल के प्रवासियों से भी जुड़े हो सकते हैं।पुलिस ने BMC के कुछ दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि “जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया में बदलाव कर डेटा में हेराफेरी की गई थी ताकि फर्जी नाम और पते के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र तैयार किए जा सकें।” इस सिलसिले में दो संदिग्ध एजेंटों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों में इस खुलासे के बाद भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि गोवंडी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में पहले से ही अवैध बस्तियों और प्रवासी आबादी की समस्या है, ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से देश की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। राज्य सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुरक्षा से जुड़ा अपराध है। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।” गृह विभाग ने BMC और पुलिस से संयुक्त रिपोर्ट मांगी है।
विपक्ष ने हाथो-हाथ लिया मुद्दा
विपक्षी दलों ने BMC में फैले भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि नगर निगम के कई वार्डों में इस तरह की अनियमितताएं आम हो चुकी हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, “गोवंडी से लेकर धारावी तक, BMC के कुछ अधिकारी अवैध दस्तावेज़ जारी कर विदेशी नागरिकों को संरक्षण दे रहे हैं। यह बेहद गंभीर मामला है।”
प्रशासन की सख्ती और आगे की कार्यवाही
BMC ने फिलहाल M East वार्ड के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय की सभी फाइलें सील कर दी हैं। IT विभाग को निर्देश दिया गया है कि पिछले तीन वर्षों के सभी जन्म प्रमाणपत्रों का डिजिटल ऑडिट किया जाए। साथ ही, पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन सत्यापन प्रणाली से जोड़ने की योजना भी तैयार की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
स्थानीय स्तर पर बढ़ी सतर्कता
गोवंडी और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने पिछले दो वर्षों में जन्म प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज़ बनवाए हैं, उनकी भी जांच की जाएगी। गोवंडी के एम-ईस्ट वार्ड से निकला यह फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाला न केवल BMC के प्रशासनिक तंत्र की खामियों को उजागर करता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है। अब यह देखना होगा कि जांच में दोषियों को क्या सज़ा मिलती है और क्या BMC इस काले धंधे पर वास्तव में लगाम लगा पाएगी !
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

