Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
March 14, 2025

बाढ़ से हाहाकार, रहनुमा बने सीएसआर

पूरे देश भर में बाढ़ ने हाहाकार मचाया है, देश के ज्यादातर राज्य बाढ़ की संकट से जूझ रहे है, बाढ़ की चपेट में लोग बेहाल है, चाहे वो पहाड़ी इलाके हो या मैदानी, उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम हर राज्य में जल विनाश देखने को मिल रहा है। कर्नाटक, केरल महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड हर इलाकों से भयावह तस्वीरें देखने को मिल रही है। हर तरफ त्राहिमाम त्राहिमाम हो रहा है।
केरल और कर्नाटक के बाद बाढ़ से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र बेहाल है, पुणे डिवीजन के सभी पांच जिलों सांगली, कोल्हापुर, सतारा, पुणे और सोलापुर में बाढ़ के कारण अब तक 43 लोगों की मौत हो गई है, कई अभी भी लापता है, करीब 584 गांवों से 4 लाख 74 लोगों को निकाला गया, इन बाढ़ पीड़ितों के लिए 596 राहत शिविर बनाए गए हैं। केरल में सबसे ज़्यादा लोगों की मौत हुई है, यहां मृतकों का आंकड़ा 85 हो गया है जबकि 53 लोग लापता हैं, राज्य में 13 सौ से ज़्यादा राहत शिविर बनाए गए हैं, जिसमें क़रीब ढाई लाख लोगों ने शरण ली है।
मौतों का ये आंकड़ा बढ़ सकता था, अगर बाढ़ के क्रोध से मुठभेड़ के लिए एनडीआरएफ, नेवी और सेना के जवानों ने मोर्चा नहीं संभाला होता, राज्यों की उफनती नदियों ने आसपास के इलाकों को जब निगलना शुरू किया तो अफरा-तफरी मच गई, सेना, नेवी और एनडीआरएफ की टीमों ने पानी में फंसे परिवारों को बाहर निकालने का जिम्मा उठाया, बाढ़ से बचाए गए एक मासूम ने जब बचाव टीम का हाथ हिलाकर शुक्रिया अदा किया, जब जवानों को सलूट करना शुरू किया और जब पीड़ित बहनों ने अपने रक्षक भाईयों की कलाई पर रक्षाबंधन की डोर बांधी तो परेशानी और तनाव के इस माहौल में भी हर चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई।
बाढ़ में फंसे कई बुजुर्ग ऐसे भी थे जो चलने फिरने में असमर्थ थे, कई ऐसी महिलाएं थी जिन्हें प्रसव पीड़ा थी, राहत और बचाव टीम के जवानों ने इन्हें गोद में उठाकर बोट पर बिठाया और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया, हाहाकार के इस हालात में सेना और एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें किसी देवदूत की तरह प्रकट हो रही हैं। वीर जांबाजों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी को एक नई जिंदगी देने के लिए। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि देश की इस नैसर्गिक त्रासदी से निपटने के लिए आप और हम सब एक साथ खड़े होवे। केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य की सरकारें आपने अपने स्तर पर लोगों को राहत मुहैया करा तो रही है लेकिन बड़े कॉरपोरेट घरानों को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझकर सीएसआर फंड का इस्तेमाल इन बाढ़ पीड़ित इलाकों में करना चाहिए। मदद के हाथ इन इलाकों में लोगों को जरूर बढ़ाने चाहिए, चाहे वो आम हो या खास। कॉरपोरेट और सोशल रिस्पॉसिबल सिटीजन बन मदद के साथ बढ़ाने का वक़्त आ गया है।

Latest News

Popular Videos