महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दो दिन के दिल्ली दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और नीति आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। कहा गया कि ये बैठकें राज्य के विकास प्रोजेक्ट्स को लेकर थीं, लेकिन अब सवाल उठ रहा है क्या ये मुलाकातों उद्धव ठाकरे को लेकर भी थी।
महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में चर्चा, उद्धव ठाकरे को लेकर हुई बातचीत?
दिल्ली दौरे पर आए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय नेताओं से कई अहम मुलाकातें कीं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि क्या इन बैठकों में उद्धव ठाकरे को लेकर भी कोई बातचीत हुई? फडणवीस ने अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे. पी. नड्डा और निर्मला सीतारमण जैसे वरिष्ठ नेताओं से राज्य के विकास प्रोजेक्ट्स पर बात की, लेकिन इन मुलाकातों को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में होने वाले महानगर पालिकाओं के चुनावों की रणनीति को लेकर भी मंथन होने की अटकलें हैं। बीजेपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच तल्ख रिश्तों के मद्देनज़र सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या बीजेपी उद्धव ठाकरे को लेकर कोई नया सियासी दांव चलने जा रही है? या क्या एनडीए के भीतर उनके लिए कोई जगह बन सकती है? हालांकि इन बैठकों में उद्धव ठाकरे को लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक चर्चा सामने नहीं आई है, लेकिन फडणवीस और अमित शाह की बंद कमरे में हुई लंबी बातचीत ने इस सियासी चर्चा को और हवा दे दी है।
कौन-कौन से प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई?
मुख्यमंत्री ने जिन प्रोजेक्ट्स पर चर्चा की, उनमें शामिल हैं – 1000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों को सीमेंट सड़कों से जोड़ना, शहरों का गंदा पानी साफ करके उसे उद्योगों में इस्तेमाल करना, विदर्भ में 10,000 करोड़ रुपये का खाद कारखाना लगाना, हेल्थ जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, बांबू क्लस्टर, स्किल ट्रेनिंग और जल बचाव प्रोजेक्ट, इन प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र सरकार और विदेशी एजेंसियों से हजारों करोड़ रुपये की मदद मांगी गई है।
निर्मला सीतारमण से क्या मिला?
फडणवीस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और तीन बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी मांगी – गांवों के लिए सड़के, समुद्र किनारों की सुरक्षा और गंदे पानी की सफाई। वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र की तारीफ तो की, लेकिन अभी तक फंड को लेकर कोई साफ जवाब नहीं मिला है। जेपी नड्डा से हुई बैठक में विदर्भ के लिए एक बड़ा खाद कारखाना बनाने की बात हुई। नागपुर में बनने वाले इस प्रोजेक्ट की लागत 10,000 करोड़ रुपये बताई गई है। लेकिन अब तक सिर्फ बातचीत हुई है, काम कब शुरू होगा यह सवाल बना हुआ है। देवेंद्र फडणवीस-उद्धव ठाकरे
गांवों में सड़क और घर, लेकिन काम कब?
शिवराज सिंह चौहान से मुख्यमंत्री ने गांवों में 14,000 किलोमीटर सड़कों के लिए मदद मांगी। ये सड़कें बिना मेंटेनेंस के 25 साल चलेंगी, ऐसा दावा किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा 30 लाख घरों की मंजूरी मिली है, लेकिन कितने पूरे हुए – इस पर कोई जवाब नहीं। नीति आयोग से हुई बातचीत में भी मुख्यमंत्री ने हेल्थ, स्किल और पानी से जुड़े कई प्रोजेक्टों पर चर्चा की। आयोग ने तारीफ की और मदद का भरोसा दिलाया। लेकिन अब असली सवाल है – ये भरोसे जमीन पर कब उतरेंगे?
देवेंद्र फडणवीस-उद्धव ठाकरे: नतीजा क्या निकला?
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में खूब दौड़-धूप की, नेताओं से मुलाकातें कीं और बड़े-बड़े प्रोजेक्टों की चर्चा की। लेकिन महाराष्ट्र की जनता पूछ रही है “मुलाकातें तो ठीक हैं, लेकिन असली काम कब शुरू होगा?” सड़कें, रोजगार, घर, खेती और स्वास्थ्य से जुड़े वादों को अब जमीन पर उतरते देखना है। सिर्फ फाइलों और बैठकों से बदलाव नहीं आएगा, बदलाव चाहिए लोगों की जिंदगी में।