बांद्रा के होटल में साढ़े चार घंटे तक एक ही जगह मौजूद रहे दोनों नेता, आदित्य ने तंज कसा तो सियासी गलियारों में कयासों की बाढ़
Maharashtra Political Twist: महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर करवट लेती दिख रही है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे की एक कथित सीक्रेट मीटिंग ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है। बताया जा रहा है कि दोनों नेता बांद्रा के सोफिटेल होटल में एक ही समय पर मौजूद थे और करीब साढ़े चार घंटे तक होटल में रुके। अब इस मुलाकात के मायनों को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
होटल में कब, क्या हुआ?
Fadnavis Thackeray Secret Meeting: मिली जानकारी के मुताबिक, 19 जुलाई की शाम आदित्य ठाकरे सबसे पहले होटल पहुंचे। एक घंटे बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी वहां पहुंचे। दोनों नेता अलग-अलग कार्यक्रमों के नाम पर होटल आए थे, लेकिन कैफेटेरिया में मुलाकात की खबर से सियासी गलियारों में खलबली मच गई। भले ही कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन होटल में मौजूद दोनों नेताओं की उपस्थिति को लेकर राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को सिर्फ संयोग नहीं मान रहे हैं।
आदित्य ठाकरे का बयान: “अब एक व्यक्ति गांव जाएगा”
जब इस कथित मीटिंग पर आदित्य ठाकरे से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा “हम भी मुलाकात की खबर सुन रहे हैं। अब यह खबर देखने के बाद एक व्यक्ति अपने गांव जाएगा। जो चल रहा है, उसे चलने दें।” राजनीतिक जानकार इस बयान को सीधा तंज मान रहे हैं, जो कि एकनाथ शिंदे की तरफ इशारा करता है। जाहिर है, आदित्य ठाकरे के इस बयान से चर्चा और भी तेज हो गई है।
सदन में फडणवीस की पेशकश और ठहाकों की गूंज
इससे पहले विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रस्ताव रखा था जो खूब वायरल हुआ। उन्होंने कहा, “2029 तक हमारे पास विपक्ष में शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन आपके पास हमारे साथ आने की गुंजाइश ज़रूर है।” इस प्रस्ताव पर सदन में ठहाके लगे और माहौल हल्का-फुल्का हो गया, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे एक संकेतात्मक सियासी ऑफर मान रहे हैं।
ठाकरे गुट की सफाई: “सदन में था मज़ाकिया माहौल”
शिवसेना (यूबीटी) ने इस पूरे मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि सदन में यह केवल एक मज़ाकिया टिप्पणी थी और इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। हालांकि, इससे पहले और बाद में घट रही घटनाएं बता रही हैं कि मामला सिर्फ मज़ाक नहीं हो सकता।
राजनीतिक विश्लेषण और संभावित असर
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि अगर यह मीटिंग सच है, तो 2024 के बाद की रणनीति पर बातचीत हो सकती है। यह भी संभव है कि शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा में बातचीत की एक नई शुरुआत हो रही हो। या यह एक रणनीतिक भ्रम हो सकता है जिसका उद्देश्य एकनाथ शिंदे गुट पर दबाव बनाना हो।
क्या फिर एक साथ होंगे उद्धव-फडणवीस?
बीते वर्षों में जब उद्धव ठाकरे और फडणवीस की राहें अलग हुई थीं, तब किसी ने नहीं सोचा था कि कभी सियासी समीकरण दोबारा बदल सकते हैं। लेकिन मौजूदा घटनाक्रम बता रहे हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। देवेंद्र फडणवीस और आदित्य ठाकरे की एक होटल में मौजूदगी ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। भले ही इसे संयोग कहा जाए, लेकिन राजनीति में संयोग भी संदेश बन जाते हैं। अब सबकी निगाह इस पर है कि आने वाले दिनों में इस मुलाकात के क्या नतीजे निकलते हैं।
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