मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया। यहां के बड़े कब्रिस्तान में हाल ही में दफनाई गई महिलाओं की कब्रें खोदकर उनके शवों के साथ घिनौनी छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया। आरोपी अयूब खान (50 वर्ष), जो अपनी दो पत्नियों की हत्या का दोषी रह चुका है, को कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।
कब्र खोदकर शव के साथ करता था तांत्रिक क्रियाएं
खंडवा जिले में रहने वाले अयूब खान का नाम इन दिनों पूरे प्रदेश में सनसनी का कारण बना हुआ है। अयूब ख़ान को पुलिस ने कब्रिस्तान में कब्रें खोदकर शवों से छेड़छाड़ करने और तांत्रिक क्रियाएं करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह घिनौना कांड 21 सितंबर 2025 को तब उजागर हुआ, जब बड़े कब्रिस्तान में दफनाई गई दो महिलाओं के परिजन धार्मिक रस्में (दुआ-फातिहा) के लिए पहुंचे। वहां कब्रें खुली मिलीं और एक महिला के शव के पैर वाले हिस्से से कपड़े अस्त-व्यस्त पाए गए। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जांच में पता चला कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित अपराध था। आरोपी अयूब ख़ान दिन के समय कब्रिस्तान की रेकी करता, ताजा महिलाओं की कब्रें चिह्नित कर लेता और अमावस्या की अंधेरी रातों में फावड़े से कब्रें खोदता। वह कब्र में उतरकर शवों के बाल काटता और तांत्रिक क्रिया के नाम पर छेड़छाड़ करता। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह अपनी ‘जिस्मानी और रूहानी ताकत’ बढ़ाने के लिए ऐसा करता था।
कई कब्रों की छेड़छाड़ का दोषी
पुलिस जांच के अनुसार, यह पहली घटना नहीं थी। 19 मई 2025 को बड़े कब्रिस्तान और सिहाड़ा कब्रिस्तान में छह कब्रों के साथ छेड़छाड़ हुई थी। वहीं, 17 मई को मोघट कब्रिस्तान में भी इसी तरह की वारदात का शिकार हुईं दो ताजा कब्रें। कुल मिलाकर, आरोपी ने तीन से अधिक कब्रों के साथ अपराध किया। खास बात यह है कि अयूब ख़ान ने अमावस्या का दिन इसलिए चुना, ताकि संदेह हिंदू तांत्रिकों पर जाए। खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने बताया, “आरोपी ने कब्र की मिट्टी हाथों से या फावड़े से हटाई, फिर शव पर पैरों की तरफ से छेड़छाड़ की। सीसीटीवी में उसकी करतूत कैद हो गई।”
अयूब ख़ान के अतीत का काला इतिहास
खंडवा कब्रिस्तान मामले के आरोपी अयूब खान का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद भयावह है। अयूब ख़ान कोई साधारण अपराधी नहीं है। मुंदवाड़ा गांव (जावर थाना क्षेत्र) का रहने वाला यह शख्स थाने में निगरानीशुदा बदमाश के रूप में दर्ज है। उसके खिलाफ 11 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें दो हत्याएं प्रमुख हैं। 2009 में उसने अपनी पहली पत्नी को जलाकर मार डाला। 2011 में दूसरी पत्नी को पानी में डुबोकर हत्या कर दी। इन अपराधों के लिए उसे उम्रकैद की सजा हुई और 13 साल जेल काटने के बाद 15 मई 2025 को इंदौर सेंट्रल जेल से रिहा हुआ। रिहाई के महज चार दिन बाद ही उसने पहला कांड किया। जेल से बाहर आते ही उसकी पुरानी आदतें हावी हो गईं। परिवार और गांव वाले भी उससे दूरी बनाए रखते हैं।
कब्रिस्तान की घटनाएं
19 मई और 21 सितंबर 2025 को खंडवा के बड़े कब्रिस्तान में कब्रों की मिट्टी हटाए जाने और शवों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आईं। सीसीटीवी फुटेज में अयूब खान नग्न अवस्था में कब्रों के पास दिखा, जिससे पुलिस को पुख्ता सबूत मिला। अयूब ख़ान पर आरोप है कि वह अमावस्या की रात तंत्र-मंत्र की साधना के लिए कब्रें खोदता था और शवों के बाल काटता था।
अयूब ख़ान को मौक़ा-ए-वारदात पर ले गई पुलिस
खंडवा पुलिस ने अयूब खान को हरसूद क्षेत्र से गिरफ्तार किया। इसके बाद आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर घटना की नाटकीय पुनरावृत्ति कराई। गिरफ्तारी के एक दिन बाद, यानी 25 सितंबर की दोपहर को पुलिस कुछ अधिकारियों और जवानों के साथ आरोपी अयूब ख़ान को फावड़ा जब्त करने के लिए बड़े कब्रिस्तान ले गई। वहां मौजूद लोगों ने अयूब को पहचान लिया। देखते ही भीड़ आक्रोशित हो गई। सैकड़ों लोग जमा हो गए और आरोपी को घेर लिया। दो पुलिसकर्मियों के बीच बैठे अयूब को लोगों ने पीटने की कोशिश की। अयूब ख़ान पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की धाराएं लगाई गई हैं ताकि उसे कठोर सजा मिल सके। उसे Class C जेलमें रखा गया है, जहां कड़े सुरक्षा प्रावधान लागू हैं।
स्थानीय और मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घिनौनी घटना ने पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि “जेल से छूटते ही इस अपराधी ने फिर से समाज को दहला दिया है, ऐसे लोगों को उम्रभर कैद में रखना चाहिए।” यह घटना मुस्लिम समुदाय के लिए गहरा सदमा है। कब्रिस्तान को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, और वहां शवों का अपमान असहनीय है। घटना के बाद समुदाय के लोगों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया और कड़ी सजा की मांग की। एक महिला ने कहा, “महिलाएं जीते-जी असुरक्षित हैं, मरने के बाद भी?
खंडवा का कुख्यात अपराधी अयूब खान – पत्नियों की हत्या से लेकर कब्रिस्तान कांड तक
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अयूब खान का अपराध से गहरा नाता रहा है। उसकी मानसिक प्रवृत्ति इतनी विकृत मानी जाती है कि वह अपराध किए बिना नहीं रह पाता। इसी वजह से पुलिस ने अब उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाकर सख्त कार्रवाई की है। कब्रिस्तान कांड के बाद पुलिस ने अयूब ख़ान पर सिर्फ IPC की धाराएं ही नहीं लगाईं बल्कि उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA – National Security Act, 1980)के तहत भी बुक किया है।
कौन-कौन सी धाराएं लगीं
IPC धारा 297 – कब्र, स्मारक या धार्मिक स्थान का अपमान।
IPC धारा 295A – धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य।
IPC धारा 201 – सबूत मिटाने या छिपाने की कोशिश।
साथ ही, NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई।
पुलिस और जिला प्रशासन का मानना है कि अयूब खान की गतिविधियां सार्वजनिक शांति भंग कर सकती हैं, लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं। अयूब ख़ान के गंभीर अपराध के चलते पूरे इलाके में दहशत और अशांति फैली है, इसलिए, उस पर सामान्य अपराधी की तरह मामला दर्ज करने की बजाय उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बंद किया गया।
क्या है NSA की कानूनी प्रक्रिया
NSA के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। गिरफ्तारी के बाद मामले की रिपोर्ट 3 हफ्ते के अंदर राज्य सरकार को भेजनी होती है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद एडवाइजरी बोर्ड (न्यायाधीशों की समिति) इसकी समीक्षा करता है। अगर बोर्ड मानता है कि गिरफ्तारी सही है, तो आरोपी लंबे समय तक जेल में रह सकता है। अयूब ख़ान को क्लास-सी जेल में रखा गया है, जहां कठोर कैदी बंद किए जाते हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे अपराधी को सामान्य कैदियों के बीच रखना खतरनाक हो सकता है, इसलिए उस पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
अयूब खान मामले पर समाज में गुस्सा और दहशत
खंडवा कब्रिस्तान कांड में पकड़े गए अयूब ख़ान को लेकर पूरे शहर और आसपास के इलाकों में लोगों की प्रतिक्रिया बेहद तीखी है। उसकी करतूतों ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि लोगों के भीतर डर और गुस्सा भी पैदा कर दिया है। यह मामला न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने खतरनाक अपराधी को जेल से इतनी जल्दी रिहा क्यों किया गया! कई नागरिकों ने प्रशासन से मांग की कि अयूब ख़ान को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। लोगों का कहना है – “यह सिर्फ अपराध नहीं, हमारी आस्था पर हमला है। ऐसे अपराधी को समाज में जगह नहीं मिलनीचाहिए। ” मुस्लिम समाज के नेताओं ने भी इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि अयूब खान की हरकतें धर्म और इंसानियत दोनों के खिलाफ हैं और उसे कठोर दंड मिलना चाहिए।
प्रशासन की लोगों से अपील
जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस का कहना है – “अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है, अब कानून उसे सख्त सजा देगा। लोग अफवाहों से बचें औरप् रशासन पर भरोसा रखें।” इस पूरे मामले ने खंडवा शहर को हिलाकर रख दिया है। लोग अब यह सवाल भी उठा रहे हैं कि इतना खतरनाक अपराधी जेल से बाहर आया ही क्यों? अब अयूब खान के जेल से जल्दी निकलने की संभावना लगभग नगण्य है, क्योंकि NSA की गिरफ्त में आने के बाद उसे कानूनी राहत पाना बेहद कठिन होगा।
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