Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
July 29, 2025

Elon Musk की Starlink को भारत में मिलेगी सिर्फ 20 लाख कनेक्शन की मंजूरी

The CSR Journal Magazine
केंद्र सरकार ने साफ किया है कि एलन मस्क की कंपनी Starlink को भारत में केवल 20 लाख सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्शन की इजाजत दी जाएगी। दूरसंचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने कहा कि इससे BSNL जैसी सरकारी कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि Satcom सेवाएं महंगी होंगी और सीमित क्षेत्र में ही काम करेंगी।

नहीं होगा BSNL पर Starlink Connections का कोई असर

Elon Musk Starlink Connecntion: एलन मस्क की सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनी Starlink को भारत में केवल 20 लाख कनेक्शन देने की अनुमति मिलेगी, यह बात दूरसंचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान कही। मंत्री का कहना है कि Starlink जैसी कंपनियों की मौजूदगी से सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL या दूसरी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।

ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में फोकस

चंद्रशेखर ने यह बयान BSNL की प्रगति की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में दिया। उन्होंने कहा कि Starlink की सर्विसेज अधिकतम 200 MBPS की इंटरनेट स्पीड तक सीमित रहेगी और इसकी ग्राहक संख्या 20 लाख से अधिक नहीं हो पाएगी। ऐसे में मौजूदा टेलीकॉम सिस्टम पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) सर्विसेज मुख्य रूप से ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों को टारगेट करेगी, जहां BSNL की पहले से मजबूत पकड़ है। इसीलिए Satcom सेवा एक अहम भूमिका निभा सकती है, न कि कॉम्पटीटर की।

महंगा होगा Satcom का खर्च

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सैटकॉम सर्विसेज की शुरुआती खर्च (Upfront Cost) काफी ज्यादा होगा और हर महीने की सेवा लागत करीब 3,000 रुपये तक हो सकती है। ऐसे में यह सेवा आम जनता के लिए फिलहाल फायदेमंद नहीं मानी जा सकती। उन्होंने कहा, “इतनी महंगी सेवा भारत में मास मार्केट के लिए कारगर नहीं हो सकती।”

BSNL 4G का रोल आउट पूरा

दूरसंचार राज्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि BSNL का 4G नेटवर्क पूरे देश में रोलआउट हो चुका है। कंपनी फिलहाल अपने 4G नेटवर्क को मजबूत करने और अधिक ग्राहकों को जोड़ने पर फोकस कर रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल टैरिफ में किसी तरह की बढ़ोतरी की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “हम पहले बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। इसलिए इस समय टैरिफ बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।”

Starlink क्या है, भारत में क्यों मिली मंज़ूरी

Elon Musk Starlink: भारत के सबसे दूर-दराज इलाकों को डिजिटल रूप से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, एलन मस्क की कंपनी ने SpaceX के सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट Starlink को भारत में आधिकारिक मंजूरी मिल चुकी है। टेलीकॉम मंत्रालय द्वारा जारी यह लाइसेंस अब इसे भारत में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की अनुमति देता है। इसके साथ ही Starlink अब Reliance Jio और वनवेब जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में उतरेगा.

Starlink- बेहतर स्पीड बिना पारंपरिक फाइबर के

Starlink पारंपरिक फाइबर या मोबाइल टावरों पर निर्भर नहीं करता। यह धरती की निचली कक्षा (LEO) में मौजूद हजारों छोटे सैटेलाइट्स के जरिए सीधे यूज़र के घर या ऑफिस में लगे डिश एंटीना को इंटरनेट सिग्नल भेजता है। यह डिश फिर इंटरनेट को वाई-फाई राउटर के जरिए यूज़र तक पहुंचाता है। अभी तक 6,000 से ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट अंतरिक्ष में हैं और 2027 तक इसे 42,000 तक पहुंचाने का प्लान है। इसकी इंटरनेट स्पीड 50 से 250 Mbps के बीच हो सकती है जो ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है, बस साफ आसमान दिखना जरूरी है।

भारत को क्यों ज़रूरत है स्टारलिंक की

हालांकि भारत सरकार कई सालों से भारतनेट जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए ग्रामीण ब्रॉडबैंड विस्तार पर काम कर रही है लेकिन लद्दाख, अरुणाचल, जम्मू-कश्मीर, अंडमान जैसे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी अब भी कमजोर है। पहाड़, जंगल और द्वीपों में फाइबर या टावर लगाना महंगा और कठिन है। ऐसे में Starlink जैसे सिस्टम बिना ज़मीन के ढांचे पर निर्भर हुए तेज़ और स्थायी इंटरनेट देने में सक्षम हैं। आपातकालीन सेवाएं, सीमाई निगरानी, टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसी सुविधाओं में भी स्टारलिंक अहम भूमिका निभा सकता है।

गांवों के लिए डिजिटल लाइफलाइन

Starlink का असली असर गांवों और जनजातीय क्षेत्रों में देखने को मिलेगा जहां न बैंक हैं, न अस्पताल, और न ही अच्छी कनेक्टिविटी। टेलीमेडिसिन, डिजिटल शिक्षा, सरकारी योजनाओं की जानकारी और ऑनलाइन बैंकिंग जैसी सेवाएं अब इन जगहों तक पहुंच सकती हैं। सरकार इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत सब्सिडी देकर ग्रामीणों तक सस्ती दरों पर पहुंचाने की योजना पर भी विचार कर रही है।

कम कीमत पर मिलेगा इंटरनेट

फिलहाल Starlink कनेक्शन की भारत में कीमत तय नहीं हुई है लेकिन अमेरिका और यूरोप में इसकी मंथली लागत 8,000-10,000 रुपये और हार्डवेयर किट (डिश + राउटर) करीब 50,000-60,000 रुपये तक होती है। भारत में कीमतें अपेक्षाकृत कम रखी जा सकती हैं, खासकर ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए।

डेटा सुरक्षा और भविष्य की राह

भारत सरकार ने डेटा लोकलाइजेशन के सख्त नियमों के तहत Starlink के सामने भारतीय यूज़र्स का डेटा भारत में ही स्टोर करने की शर्त रखी है। राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा। पहले 2021 में स्टारलिंक ने बिना लाइसेंस प्री-ऑर्डर लिए थे जिसे सरकार ने रोक दिया था। लेकिन अब सभी अनुमति मिलने के बाद 2025 से इसकी औपचारिक शुरुआत की जा रही है।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections.
Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast,
crisp, clean updates!

App Store – https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540

Google Play Store –
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos