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June 27, 2025

भगवान जगन्नाथ निकले नगरभ्रमण पर, अहमदाबाद रथयात्रा में डीजे की धुन पर गजराज हुए बेक़ाबू 

पूरे देश में जगन्नाथ रथयात्रा का शुभारंभ हो चुका है। भगवान जगन्नाथजी, उनके भाई बलरामजी और बहन सुभद्राजी नगरचार्य के लिए रवाना हो चुके हैं। इसी बीच गुजरात के अहमदाबाद में रथयात्रा के दौरान एक हाथी के बेकाबू होने से अचानक भगदड़ मच गई।

अहमदाबाद रथयात्रा में डीजे पर गजराज हुए बेक़ाबू

जानकारी के अनुसार शुक्रवार 27 जून 2025 को अहमदाबाद में सुबह 10 बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हुई। इस दौरान करीब 18 हाथियों के समूह आगे की ओर चल रहे थे। इनमें से एक हाथी बेकाबू हो गया जिससे रथयात्रा में भगदड़ मच गई।
बेकाबू हुए हाथी को वनविभाग अधिकारियों ने Tranquilizer की मदद से काबू में कर लिया। इस अफरातफरी के बीच 15 मिनट के लिए रथयात्रा को खाड़िया गेट के पास रोक भी दिया गया था। जानकारी के अनुसार, रथयात्रा में बज रहे डीजे की आवाज से हाथी इधर-उधर भागने लगा था। इसी वजह से तुरंत डीजे भी बंद करवा दिया गया।

कुछ लोगों के मामूली घायल होने की सूचना

इस भगदड़ में तीन से चार लोगों के घायल होने की सूचना मिली है जिनमे से एक मीडियाकर्मी है। हालांकि गनीमत रही कि किसी को भी ज्यादा चोटें नहीं आई हैं। ये लोग हाथी के नजदीक ही खड़े थे और भगदड़ में गिर गए थे। अच्छी खबर यह रही कि जबतक हाथी उन लोगों तक पहुंचते, तब तक लोगों ने उन्हें बचा लिया। शुक्रवार को सुबह अहमदाबाद के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर मे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मंगला आरती के बाद रथयात्रा शुरू की गई। रथ यात्रा जमालपुर स्थित मंदिर से शुरू होकर शाम तक इसी मंदिर में लौटेगी। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथ खींचने की रस्म भी निभाई।

अहमदाबाद में जगन्नाथ रथयात्रा का भव्य आयोजन

हिंदू धर्म में ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ का विशेष धार्मिक महत्व है। देशभर में शुक्रवार को जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं। Ahmedabad Jagannath Yatra अहमदाबाद में 148वीं जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जा रही है। अहमदाबाद में यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई थी। रथ यात्रा में 17 हाथियों का क़ाफ़िला सबसे आगे चल रहा था। सुबह 10 बजे अचानक एक हाथी के बेकाबू होने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। समय रहते वन विभाग की टीम ने हाथी पर काबू पाकर स्थिति को कंट्रोल किया। फिलहाल यात्रा से 3 हाथियों को हटा दिया है। अब 17 में से 14 हाथी रथ यात्रा में शामिल होंगे। रथ यात्रा जमालपुर स्थित मंदिर से शुरू होकर रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मंदिर लौटेंगे। अहमदाबाद की रथयात्रा में 18 गजराज, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडल शामिल हुए हैं। इसके अलावा 1200 नाविकों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल हुए हैं। मंदिर की ओर से 30 हजार किलो प्रसाद वितरित किया जाएगा।

भगवान जगन्नाथ भाई बहिन समेत चले मौसी के घर

Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो रही है। 27 जून 2025 को भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री जगन्नाथ जी यानी श्रीकृष्ण अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले। जहां भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, वहीं साल में एक बार भगवान अपने भक्तों से मिलने के लिए उड़ीसा के पुरी में रथ यात्रा के जरिए नगर भ्रमण करते हैं और इस दौरान अपनी मासी के घर भी जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को जगन्नाथ रथ यात्रा कहते हैं।

क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी सुभद्रा ने पुरी नगर देखने की इच्छा व्यतीत करी थी। तब भगवान जगन्नाथ और बलभद्र उन्हें रथ पर बैठाकर नगर भ्रमण के लिए निकले और रास्ते में अपनी मौसी गुंडिचा के मंदिर में कुछ दिन के लिए रुके। तभी से इसी घटना की याद में हर साल रथ यात्रा निकाली जाती है। तीनों रथ गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं और सात दिनों तक वहीं विश्राम करते हैं। हर साल आयोजित होने वाली इस रथ यात्रा में शामिल होने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
यह परंपरा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखती है। हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है और शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ यात्रा का समापन होता है। रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश दुनिया से भक्त पुरी पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रथ यात्रा में शामिल होने वाला और भगवान का रथ खींचने वाला 100 यज्ञ करने के बराबर का पुण्य प्राप्त करता है।

बरसात की रिमझिम में अलस्सुबह प्रभु निकले भ्रमण पर

भगवान जगन्नाथ का पहला रथ मंदिर से निकला, इस साल रथ यात्रा 10 मिनट पहले शुरू हुई। हर साल भगवान जगन्नाथजी का पहला रथ सुबह 7.10 बजे निकलता है, लेकिन इस साल भगवान जगन्नाथ का पहला रथ सुबह 6.56 बजे मंदिर के बाहर लाया गया। ‘छेरा पहरा’ यानि सोने की झाड़ू से रास्ते को बुहारकर बारिश के बीच रथ यात्रा शुरू हुई है। भगवान बलराम का दूसरा रथ जमालपुर मंदिर से निकल चुका है।

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