82 साल के एक बुजुर्ग सदानंद करंदीकर ने ऐसा निर्णय लिया है जो कई लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है। अपनी पत्नी की याद में उन्होंने 20 लाख रुपये की बड़ी राशि दान की है। यह रकम उन्होंने Chief Minister Relief Fund और Prime Minister National Relief Fund को दी है। सदानंद करंदीकर ने 10 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता निधि में और 10 लाख रुपये प्रधानमंत्री सहायता निधि में दान दिए हैं। Elderly Donation Stories India
पत्नी की कैंसर से मौत ने झकझोरा
सदानंद करंदीकर की पत्नी सुमती करंदीकर का पिछले साल अगस्त में कैंसर के कारण निधन हो गया था। दोनों दंपत्ति संतानहीन थे और वे नेरुल के आनंद वृद्धाश्रम में रहते थे। सुमती जी की मौत के बाद सदानंद करंदीकर ने कैंसर पीड़ितों और उनके परिजनों की परेशानियों को करीब से महसूस किया। विशेषकर Lack of Cancer Treatment Affordability और Financial Struggle During Cancer Treatment जैसी समस्याएं उन्हें बहुत छू गईं। Cancer Patient Support India
पत्नी की याद में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया जीवन भर की कमाई
पत्नी की स्मृति को जीवंत रखने और दूसरों की मदद करने की भावना से प्रेरित होकर सदानंद करंदीकर ने यह दान करने का फैसला किया। उन्होंने आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मंत्रालय में यह सहायता राशि सौंपी। उनके इस निर्णय की चारों ओर सराहना हो रही है। सदानंद करंदीकर का झुकाव अध्यात्म, भक्ति और खेती की ओर रहा है। वे एक निजी कंपनी से सेवानिवृत्त हुए हैं। अपनी सादा जीवनशैली और सामाजिक सेवा की भावना से वे हमेशा दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। Financial Help for Cancer Patients in India
कोकण के आचरा गांव से हैं संबंध
सदानंद करंदीकर मूल रूप से महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के आचरा गांव के रहने वाले हैं। फिलहाल वे अपनी बहन प्रभा श्रीराम शितूत के साथ रह रहे हैं। आज वे डोंबिवली से लोकल ट्रेन पकड़कर और फिर बस से मंत्रालय पहुंचे और खुद अपने हाथों से यह सहायता राशि सौंपी। सदानंद करंदीकर का यह कदम सिर्फ एक दान नहीं, बल्कि समाज को दिया गया एक संदेश है कि सेवा, संवेदना और मानवीय मूल्यों की कोई उम्र नहीं होती। 82 वर्ष की आयु में लिया गया यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों को निस्वार्थ सेवा का आदर्श देगा।