कोतवाली क्षेत्र के पुरदिलपुर की रहने वाली कक्षा सात की छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी के लिए नया शैक्षिक सत्र यादगार बन गया। फीस भरने में असमर्थ इस बच्ची ने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनता दर्शन में मदद की गुहार लगाई, तो न केवल उसकी समस्या का समाधान हुआ, बल्कि उसे मुख्यमंत्री का स्नेह भी मिला। गोरखनाथ मंदिर परिसर में मंगलवार सुबह आयोजित जनता दर्शन के दौरान जब मुख्यमंत्री लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, तभी एक नन्ही बच्ची ने उन्हें प्रार्थना पत्र देते हुए कहा, “महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन फीस भरने में परेशानी हो रही है।” बच्ची की बात सुनकर मुख्यमंत्री ठिठक गए। उन्होंने पंखुड़ी से आत्मीयता से बातचीत की और उसकी पारिवारिक स्थिति के बारे में जाना।
CM ने दिलाया भरोसा, “फीस माफ नहीं हुई तो हम खुद व्यवस्था करेंगे”
पंखुड़ी ने बताया कि वह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती है, लेकिन पिता के दिव्यांग हो जाने और मां के छोटे रोजगार से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। फीस न जमा कर पाने के कारण वह स्कूल नहीं जा पाई। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत आश्वस्त किया “पढ़ाई किसी भी हाल में नहीं रुकेगी। पहले स्कूल से बात कर फीस माफ कराएंगे और अगर ऐसा न हो पाया, तो हम खुद फीस का इंतजाम करेंगे।”
CM योगी ने पंखुड़ी की फोटो खिंचवाने की ख्वाहिश भी पूरी की
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद जब पंखुड़ी ने उनके साथ फोटो खिंचवाने की इच्छा जताई, तो योगी आदित्यनाथ ने मुस्कराते हुए तुरंत हामी भर दी। कैमरे में कैद हुई यह तस्वीर अब सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि एक सरकारी सहृदयता की मिसाल बन गई। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया से भावविभोर पंखुड़ी ने कहा, “महाराज जी जैसा कोई नहीं है। अब मैं दिल लगाकर पढ़ूंगी और एक दिन उनका नाम रोशन करूंगी।” बच्ची की आंखों में सपनों की चमक थी और उसके चेहरे पर आत्मविश्वास झलक रहा था।
जनता दर्शन में सुनीं 100 लोगों की समस्याएं, CM ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश
जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 100 फरियादियों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आम जनता से सीधे संवाद का जरिया है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जरूरतमंदों को आवास योजना, स्वास्थ्य सहायता और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं से जोड़े जाने के स्पष्ट निर्देश दिए। साथ ही इलाज के लिए आर्थिक मदद के मामलों में तत्काल इस्टीमेट मंगाकर शासन को भेजने की बात भी कही।
सामाजिक न्याय और शिक्षा को लेकर संकल्पबद्ध दिखे मुख्यमंत्री
यह पूरा घटनाक्रम न केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि राज्य सरकार गरीब और जरूरतमंद वर्ग के बच्चों की शिक्षा को लेकर सजग और प्रतिबद्ध है। शिक्षा की राह में यदि कोई आर्थिक बाधा आती है तो सरकार उसे खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। CM योगी की ओर से दी गई पंखुड़ी को मदद एक मिसाल है कि अगर इरादे नेक हों और नेतृत्व संवेदनशील हो, तो समाज के कमजोर वर्गों की समस्याएं भी न केवल सुनी जाती हैं, बल्कि उनका त्वरित समाधान भी होता है। यह कहानी सिर्फ एक बच्ची की पढ़ाई की नहीं, बल्कि उस भरोसे की है जो जनता अपने नेता में देखना चाहती है।