देश को झकझोर देने वाले Coldrif Cough Syrup Tragedy मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज सोमवार को चेन्नई में स्रीसन फार्मास्युटिकल्स (Sresan Pharmaceuticals) से जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
Sresan Pharmaceuticals पर ED की रेड से जांच का दायरा बढ़ा
सूत्रों के अनुसार, ED ने Sresan कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन, उनके परिजनों और तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े घरों और दफ्तरों पर एक साथ छापे मारे। छापेमारी के दौरान ED को कई महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज़, लैपटॉप, और डिजिटल रिकॉर्ड मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई उन वित्तीय लेन-देन को खंगालने के लिए की गई है जिनके जरिये कंपनी और सरकारी अधिकारियों के बीच मिलीभगत के संकेत मिले थे।
Coldrif Cough Syrup से हुई बच्चों की मौत से जुड़ा मामला
यह कार्रवाई उस दिल दहला देने वाली घटना से जुड़ी है जिसमें मध्य प्रदेश के धार, खंडवा और अन्य जिलों में Coldrif ब्रांड की खांसी की दवा पीने से कम से कम 23 बच्चों की मौत हो गई थी। प्रयोगशाला जांच में पाया गया कि दवा में डाय-इथाइलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक जहरीला रसायन सामान्य सीमा से कई सौ गुना अधिक मात्रा में मौजूद था। यह रसायन औद्योगिक उपयोग का है और मानव शरीर में जाने पर गुर्दे व यकृत को क्षति पहुंचाता है। यही कारण माना जा रहा है कि बच्चों की मौतें कुछ ही दिनों में हो गईं।
Coldrif Cough Syrup मामला- घटनाक्रम का पूरा सच
सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश के धार, खंडवा, और बुरहानपुर जिलों में कई बच्चों में उल्टी, बेहोशी और गुर्दे फेल होने के लक्षण दिखे। इलाज के दौरान बच्चों की एक-एक कर मौत होने लगी। डॉक्टरों ने सभी बच्चों के परिवारों से जानकारी ली तो पता चला कि सभी ने एक ही ब्रांड की खांसी की दवा ‘Coldrif Cough Syrup’ का सेवन किया था। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत सभी बोतलों को जब्त कर जांच हेतु भेजा। लैब रिपोर्ट में सामने आया कि सिरप में Diethylene Glycol (DEG) नामक जहरीला रासायनिक पदार्थ मौजूद था। DEG का स्तर अनुमेय सीमा से सैकड़ों गुना अधिक पाया गया। यह पदार्थ औद्योगिक एंटी-फ्रीज़ और सॉल्वेंट के रूप में प्रयोग होता है और इंसानों के लिए अत्यंत घातक होता है।
मौतों की पुष्टि और कंपनी की पहचान
अब तक 19 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई। दवा निर्माता के रूप में Sresan Pharmaceuticals Private Limited (चेन्नई) का नाम सामने आया। तुरंत ही कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग ने कहा कि कंपनी को “सीमित उपयोग हेतु अनुमति” थी, पर उसने दवा अन्य राज्यों में भी सप्लाई की। मध्य प्रदेश पुलिस की SIT ने कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया। टीम उसे तमिलनाडु की फैक्ट्री (कांचीपुरम ज़िले में) ले गई, जहां जंग लगी और लीक करती मशीनें पाई गईं। गुणवत्ता जांच का कोई मानक नहीं था। कंपनी में 14 सालों से बिना निरीक्षण के उत्पादन चल रहा था। इसके बावजूद कंपनी को तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग से लाइसेंस मिलता रहा। इसी विभाग के दो शीर्ष अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
मौतों की संख्या बढ़ी और WHO की प्रतिक्रिया सामने आई
जांच के दौरान मौतों की संख्या बढ़कर 23 पहुंच गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बयान जारी कर भारत सरकार से दवा सुरक्षा प्रणाली पर जवाब मांगा। WHO ने कहा कि भारत को “क्वालिटी-कंट्रोल व्यवस्था सुदृढ़” करनी होगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच
ED का मानना है कि कंपनी ने गैर-कानूनी तरीके से बिक्री का राजस्व छिपाया और कालाधन वैध दिखाने के लिए फर्जी बिलिंग व ट्रांजैक्शन किए। माना जा रहा है कि जांच में और कई फार्मा कंपनियों के नाम भी सामने आ सकते हैं जो घटिया दवाइयां बनाकर बाजार में उतार रही हैं। Sresan Pharma के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। कंपनी का लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है और इसे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कंपनी मालिक जी. रंगनाथनफिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। ED की जांच रिपोर्ट आने के बाद मामला विशेष अदालत में भेजा जाएगा। Coldrif Cough Syrup से हुई बच्चों की मौत ने देश के दवा नियामक ढांचे पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। ED की छापेमारी से यह स्पष्ट है कि सरकार अब न केवल दोषियों को सजा देने, बल्कि दवा उद्योग में फैले भ्रष्टाचार को भी जड़ से उखाड़ने के मूड में है।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!