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ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी योगी सरकार, एक्सप्रेस वे पर बनेगा चार्जिंग स्टेशंस

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'ई-मोबिलिटी' को बढ़ावा देगी योगी सरकार, एक्सप्रेस वे पर बनेगा पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस
 
उत्तर प्रदेश में विकास की नई गाथा लिख रही योगी सरकार आर्थिक, व्यापारिक और औद्योगिक प्रगति के साथ ही प्रदेश में एक्सप्रेस वे के कायाकल्प को लेकर भी व्यापक प्रयास कर रही है। चाहें बात इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development in Uttar Pradesh) की हो या फिर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने की हो, सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की मंशा अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार लगातार इस दिशा में नए समीकरणों पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में, राज्य के यमुना एक्सप्रेस वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे (List of the Expressway in UP) पर ई-व्हीकल के लिए ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त चार्जिंग स्टेशंस के इंस्टॉलेशन के लिए भी योगी सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यमुना, आगरा-लखनऊ, बुंदेलखंड, पूर्वांचल व गोरखपुर एक्सप्रेस वे पर चार्जिंग स्टेशंस का होगा विकास

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने प्रदेश में एक्सप्रेस वे रूट्स पर ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का विकास पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जाएगा। योगी सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle Policy in UttarPradesh) को बढ़ावा देने के लिए 2000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों (EV Charging Station) की स्थापना की जाए। खास बात ये है कि इसमें से आगरा, लखनऊ, प्रयागराज समेत नगर पालिका युक्त शहरों में 1300, राम मंदिर, ताज महल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लेसेज में 200 और प्रदेश के नेशनल व स्टेट हाइवे पर कुल 400 ईवी पब्लिक सर्विस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रही है।

ईवी को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का विजन है स्पष्ट

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग व मोबिलिटी पॉलिसी को लागू किया था जिसके जरिए प्रदेश में ईवी को विस्तृत प्रोत्साहन दिए जाने की दशा-दिशा तय की गई थी। इसमें रियायत, सब्सिडी समेत कई तरीके के प्रावधान किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 2023 तक भारत में 10.2 करोड़ ईवी होंगे। इन्हें संचालित करने के लिए शहरों में हर तीन किमी पर, हाइ वे पर हर 25 किमी पर और हेवी ड्यूटी व्हीकल्स वाली रोड पर 100 किमी पर पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना में प्रयास किए जा रहे हैं।