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September 3, 2025

Lucknow-Kanpur: अब करिये लखनऊ से कानपुर आरामदायक, आधुनिक और AC वाली इलेक्ट्रिक बसों में सफर

The CSR Journal Magazine
Lucknow-Kanpur: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और कानपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब इन दोनों शहरों और उनके आसपास के कस्बों में Net Cost Contract (NCC) मॉडल पर 200 नई इलेक्ट्रिक बसें (E-Bus) चलाई जाएंगी। सरकार की कैबिनेट बैठक में इस योजना को हरी झंडी मिल गई है। अब तक ज्यादातर ई-बसें Gross Cost Contract (GCC) मॉडल पर चल रही थीं, जिसमें किराया सरकार वसूलती थी। लेकिन इस नए NCC मॉडल में किराया और अन्य कमाई पूरी तरह निजी ऑपरेटर के पास जाएगी। सरकार सिर्फ किराया तय करेगी और बाकी जिम्मेदारी निजी कंपनियों की होगी। इससे सरकार का खर्च कम होगा और निजी ऑपरेटर यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए प्रेरित होंगे।

Lucknow-Kanpur: कहां और कितनी बसें चलेंगी?

इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत, लखनऊ में 10 रूट, कानपुर में 10 रूट, हर रूट पर कम से कम 10 ई-बसें, कुल मिलाकर 200 वातानुकूलित (AC) इलेक्ट्रिक बसें। ये सभी बसें 9 मीटर लंबी और पूरी तरह एयर-कंडीशंड होंगी। कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 12 साल की होगी और चयनित रूट पर किसी दूसरी कंपनी को परमिट नहीं मिलेगा। यानी यात्रियों को एक ही ऑपरेटर की सेवा मिलेगी।

कितनी होगी लागत?

एक रूट पर 10 ई-बसें चलाने की लागत करीब ₹10.30 करोड़ आंकी गई है। ₹9.50 करोड़ बसों की खरीद पर, ₹0.80 करोड़ चार्जिंग स्टेशन और अन्य उपकरणों पर, ये सारा पैसा निजी ऑपरेटर इक्विटी, लोन या लीजिंग से जुटाएंगे।

सरकार का रोल क्या रहेगा?

सरकार बिजली ढांचा और opportunity charging की सुविधा देगी। परिवहन विभाग और RTO से जरूरी लाइसेंस दिलवाएगी। बस सेवाओं की क्वालिटी और समयबद्धता पर लगातार निगरानी रखेगी।

Lucknow-Kanpur के यात्रियों को क्या फायदा होगा?

आरामदायक, आधुनिक और AC वाली बसों में सफर
समय पर और भरोसेमंद पब्लिक ट्रांसपोर्ट
पर्यावरण को होगा फायदा, क्योंकि डीजल-पेट्रोल से होने वाला प्रदूषण घटेगा
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा, “ई-बसों से शहर का ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों कम होंगे। यात्रियों को सस्ती और बेहतर सेवा मिलेगी और निजी कंपनियां भी तकनीक और क्वालिटी पर ध्यान देंगी।”

अगर प्रयोग सफल रहा तो दूसरे शहरों में भी शुरू होगी सेवा

अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो यूपी सरकार इसे प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू करेगी। इसका सीधा मतलब है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की सड़कें और ज्यादा ग्रीन और क्लीन ट्रांसपोर्ट से जुड़ेंगी। यह फैसला न सिर्फ यात्रियों के लिए अच्छी खबर है, बल्कि पर्यावरण और शहरी विकास के लिए भी बड़ा कदम माना जा रहा है।

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