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October 3, 2025

भारत-चीन के बीच पांच साल बाद फिर सीधी उड़ान! आसमां रचेगा रिश्तों का नया इतिहास

The CSR Journal Magazine
भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं पांच साल बाद एक बार फिर शुरू होने जा रही हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि इस महीने से दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों का संचालन फिर से शुरू होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच संपर्क को मजबूत करेगा और द्विपक्षीय संबंधों के सामान्यीकरण में मददगार साबित होगा।

भारत-चीन सीधी उड़ानें 26 अक्टूबर से फिर शुरू

सूत्रों का कहना है कि इंडिगो द्वारा संचालित पहली उड़ान कोलकाता से Guangzhou के लिए उड़ान भरेगी और टिकट आज से बिक्री पर जाएंगे। एयर इंडिया के साल के अंत तक Shanghai के लिए सेवाएं शुरू करने की उम्मीद है। Indigo ने Guangzhou और कोलकाता के बीच दैनिक उड़ानों की घोषणा की और बताया कि चीन का व्यापारिक शहर जल्द ही नई दिल्ली से भी जुड़ जाएगा। कोलकाता और गुआंगज़ौ के बीच उड़ानों के टिकट शुक्रवार 3 अक्टूबर से बिक्री के लिए खुलेंगे। उद्योग सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया को भी “साल के अंत से पहले” शंघाई के लिए उड़ानें शुरू करने की उम्मीद है।

गलवान घाटी हमले के बाद बंद हुई भारत चीन सीमा

2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं पूरी तरह बंद हो गई थीं। इस झड़प में 20 भारतीय जवान और 4 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव गहराता चला गया और हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी गई। हालांकि, पिछले एक साल से भारत और चीन धीरे-धीरे रिश्तों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में भारत की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन इंडिगो ने ऐलान किया है कि वह 26 अक्टूबर से कोलकाता और ग्वांगझू के बीच सीधी उड़ानों का संचालन फिर से शुरू करेगी।

संबंध सुधार की पहल

बीते साल अक्टूबर में दोनों देशों ने सीमा पर गश्ती व्यवस्थाओं को लेकर सहमति बनाई थी, जिससे सीमा पर तनाव कम हुआ। वहीं इस साल चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों को तिब्बत क्षेत्र में स्थित धार्मिक स्थल ‘कैलाश-मानसरोवर की यात्रा की अनुमति दी। भारत ने भी चीनी पर्यटकों के लिए वीज़ा सेवाएं बहाल कर दी हैं और सीमा व्यापार खोलने पर बातचीत की जा रही है।

अमेरिका पर भी टिप्पणी

भारत-चीन रिश्तों में सुधार के पीछे अमेरिका से उपजे तनाव को भी अहम कारण माना जा रहा है। अगस्त में दिल्ली यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि भारत और चीन को एक- दूसरे को साझेदार के रूप में देखना चाहिए, न कि “प्रतिद्वंद्वी” के रूप में। वहीं, भारत में चीन के राजदूत शू फेईहोंग ने अमेरिका को ग़लत करार देते हुए उसके भारी शुल्कों की आलोचना की थी।

पीएम मोदी का चीन दौरा 

अगस्त में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन पहुंचे और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने रिश्तों को सामान्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
सीधी उड़ानों की बहाली न सिर्फ भारत- चीन व्यापार और पर्यटन को गति देगी, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे और संपर्क को भी बढ़ावा देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत-चीन रिश्तों में नई सकारात्मक शुरुआत का संकेत हो सकता है।
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