बिहार में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां मुजफ्फरपुर की एक दलित नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या की कोशिश की गई। लेकिन इस वीभत्स अपराध के बाद पीड़िता को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में कई घंटे तक एंबुलेंस में तड़पते हुए इंतजार करना पड़ा। गंभीर हालत में भी समय पर इलाज न मिलने से आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना पर राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया है। Rape Victim Death in Ambulance in Bihar
न्याय की आस में तड़पती रही बेटी, इलाज के इंतजार में गई जान
पीड़िता के चाचा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शनिवार को जब वे मुजफ्फरपुर से लड़की को PMCH लेकर पहुंचे, तो इमरजेंसी विभाग के स्टाफ ने जगह न होने का बहाना बना दिया। “हमें कई वार्डों में भेजा गया, लेकिन कहीं भर्ती नहीं किया गया। अंततः कई नेताओं के हस्तक्षेप के बाद शाम 5 बजे भर्ती किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
राहुल गांधी का सरकार पर हमला, बोले – “डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “यदि समय पर इलाज होता, तो नाबालिग की जान बच सकती थी। लेकिन यह डबल इंजन सरकार न सुरक्षा दे पाई, न जान बचा पाई। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक परिवार को न्याय नहीं मिल जाता।” बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने PMCH के बाहर प्रदर्शन भी किया।
अस्पताल प्रशासन का जवाब – ‘लापरवाही नहीं हुई, इलाज में तेजी बरती गई’
PMCH के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर ने बताया, “लड़की को दोपहर 1:23 बजे एंबुलेंस से लाया गया। प्राथमिक जांच ENT विभाग में हुई, लेकिन गले की गंभीर चोटों को देखते हुए उसे गायनोकोलॉजी विभाग में रेफर किया गया, क्योंकि वहां ICU की सुविधा है। हम पर लगाए गए चार या नौ घंटे की देरी के आरोप बेबुनियाद हैं।”
दुष्कर्म और हत्या की कोशिश का आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जानकारी दी कि 26 मई को आरोपी रोहित कुमार साहनी (30) ने कुरकुरे और चॉकलेट का लालच देकर लड़की को घर से बुलाया। सुनसान तालाब के पास ले जाकर दुष्कर्म किया और चाकू से उसकी गर्दन रेत दी। बच्ची को बेहोशी की हालत में तालाब के पास पाया गया। उसी रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मुजफ्फरपुर ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि लड़की इशारों में बात कर सकी और पुलिस को सारा घटनाक्रम बताया। आरोपी पर पहले भी लड़कियों को परेशान करने के आरोप लगे हैं।
पीड़िता की मां और गांव वालों की व्यथा
लड़की की मां ने कहा, “मैं बीमार थी, बेटी पर ध्यान नहीं दे पाई। आरोपी अक्सर मछली बेचने घर आता था। वह उसे साइकिल पर ले गया था। बाद में किसी ने बताया कि बेटी तालाब के पास पड़ी है।” गांव के मुखिया ने बताया कि बच्ची को जब तालाब के पास देखा गया, तो वह खून से लथपथ थी और बेहोशी की हालत में थी।
क्या वाकई सिस्टम ने जवाबदेही निभाई?
यह सवाल अब पूरे राज्य में गूंज रहा है कि क्या बिहार में बेटियों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त हैं? जब कोई पीड़िता अस्पताल तक पहुंचती है, तो क्या उसे सिर्फ VIP हस्तक्षेप पर ही इलाज मिलेगा?
जनता और विपक्ष की मांग: दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो
कांग्रेस समेत विपक्ष की मांग है कि न सिर्फ आरोपी को कड़ी सजा मिले, बल्कि PMCH के दोषी स्टाफ और लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो। यह मामला न सिर्फ एक नाबालिग के साथ हुई बर्बरता का है, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता और इंसानियत की हार का भी प्रतीक है। अब पूरे देश की नजर इस केस पर है, और यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी पर बड़ा प्रश्नचिह्न होगा।